Thursday 7 January 2021

कलम अउ हथियार*-चित्रा श्रीवास

 *कलम अउ हथियार*-चित्रा श्रीवास


     कलम अउ हथियार दुनों शक्ति के  प्रतीक आय । कलम हा वैचारिक शक्ति के प्रतीक आय  तो हथियार हा  शारीरिक शक्ति के  प्रतीक आय। दुनो प्रकार के शक्ति के जरूरत मनखे ला पड़थे ।हथियार हा सुरक्षा देथे ता कलम हा मानसिक संतुष्टि देथे। जंगली जिनगी बितात मनखे हा हथियार ला आत्मरक्षा अउ शिकार बर बउँरना शुरु करिस।खूँखार जंगली जानवर मन से रक्षा बर हथियार  हा सहायक बनिस। हथियार के सहयोग ले मनखे अपन अस्तित्व बचाय मा सफल होइस  येखर कारण से हथियार के घलौ महत्व हे आज घलौ दूसर देश के आक्रमण के स्थिति मा हथियार ही हा हमला सुरक्षा दिही । धीरे धीरे मनखे के बौद्धिक विकास होइस ता हाथ मा कलम थाम के मनखे सभ्यता के इतिहास लिख डारिस ।विकास के संगे संग मनखे हथियार के दुरुपयोग करना शुरू कर दिस।आत्मरक्षा के बजाय आक्रमण मा  हथियार के उपयोग करे लागिस तो शक्ति के  प्रतीक हथियार विध्वंस के प्रतीक बनगे ।वैज्ञानिक उन्नति के संग परमाणु हथियार सगरी मनखे जात ला समूल नष्ट करे क्षमता रखत हे ता जैविक हथियार  के दुष्परिणाम कोविड 19 ले मानवता थरथरात हे।

  कलम आज घलौ सिरजन के प्रतीक बने हे। जेहा कभू

प्रेम के गीत गाथे ता कभू बदलाव के अवाज बुलंद करथे।शोषित पीड़ित  मनखे के हक बर लड़थे।देशप्रेम के भाव समाज मा भरथे ता समाज के बुराई मा चोट घलो करथे।तुलसी के कलम हा अयोध्या के राजा ला जन जन के राम बना देथे।सूर के कलम हा ब्रज के  यशोदा के लल्ला  ला घर घर के कान्हा बना दिस।स्वतंत्रता संग्राम मा घलौ  कलम हा देश प्रेम के लहर जगाय के काम  करिस ।मीरा  रसखान ,कबीर ,महादेवी वर्मा,जयशंकर, प्रेमचंद के कलम हा उँखर पहचान बनिस।वाल्मीकि के रामायण अउ वेदव्यास के महाभारत आज घलौ समाज ला रद्दा देखाथे।

   कलम के ताकत के आघू हथियार के ताकत कमती हे काबर कि कलम हा हथियार जइसे मारक क्षमता रखथे जबकि हथियार हा कभू कलम नइ बन सकय।हथियार ले सिरिफ डर उत्पन्न होथे।जबकि कलम हा समाज के मन ला बदले के क्षमता रखथे।समाज ला नवा दिशा देथे ।कलम के ताकत अजर अमर हे।


चित्रा श्रीवास

बिलासपुर छत्तीसगढ़

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