Saturday 8 January 2022

सोचन झन करैं, खेपन कर लेवैं //*

 *// सोचन झन करैं, खेपन कर लेवैं //*

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      *सियान मन के सियानी गोठ-बात ह सिरिफ लबेदा मारे नइ रहंय, बल्कि ओमन अपन जिनगी म जऊन कारन भुक्तभोगी रहिथैं, दुःख झेले रहिथैं,सुख पाए रहिथैं, तऊने अनुभूति के  अनुसार कुछु सिद्धांत बनाए रहिथैं,कुछु हाना बनाए रहिथैं | एही किसम से एक मंत्र समान हाना हवय-"सोचन झन करैं,खेपन कर लेवैं |*"

    *सन् १९८२-८३ म धान लुवाई,डोहराई के समय पछुवा/चक्रवाती हवा ले खूब झोर-झोर के पानी गिरत रहिस, करीब एक पखवाड़ा तक बारिस के झड़ी-झक्कर रहिस | सावन-भादो सहीं  खेत म पानी भर गे ! लुए धान के करपा माढ़ेच-माढ़े सरत रहिस ! कतको धान के बाली म जरई आ गए रहिसे ! कई चटकउरिहा किसान मन अपन खेत के करपा जऊन पानी म बूड़े रहंय,तऊन ला खेत के पार म बगराए रहिन | ओही धान मन कुछ सहीं-सलामत रहिसे,नईते अलाल किसान के धान ह खेत म सरत रहिसे !*

   *करीब पंदरही म पानी गिरई थमिस,सूरूज देवता के दर्शन होईस,फेर तीन-चार दिन रगी करे के बाद खेत के पार म बगराए धान ला डोहारे बर किसान मन जुगत बनाईन*

    *जम्मो खेत म पानी भरे रहय,तभो ले पंदरा-बीस बोझा धान ला भर-भर के किसान मन थोर-थोर सकेलत रहिन, काबर के ओ बखत खूब भूखमरी रहय ! खड़े धान ला सुरर के चोरहा मन डोहार डारत रहिन !*

    *हमर घर तीन-चार जोड़ी बईला,भैंसा रहिन | भैंसा गाड़ा के रवंद म  पीछू-पीछू बईला गाड़ा ला रेंगावत रहेन,नइतो खाली गाड़ी ला घलो बैला मन नइ झींके सकत रहिन*

    *ओ दिन हमर गांव तिर के बेलतरा बाजार म "राऊत बाजार" बर हांका परे रहिसे,तेकरे सेती अउ दुबारा नइ आवन,अउ खेपन नइ करन, संझा बेरा राऊत बाजार जाबो कहिके  भैंसा गाड़ी मन म दस-पंदरा बोझा ला जादा भर देहिन | तईसने बैला गाड़ी म घलो दस बोझा ला जादा भर देहिन | भैंसा मन अच्छा पोठ-पोठ रहिन, तव तनतीन-तनतीन करके खींच डारिन | फेर बड़ारी बैला मन एक जघा चढ़ाऊ पार म मुड़ी ला ओरमा देहिन !  कमीया-पहटिया मन बैला ला खूब मारीन- पीटीन,लाख कोशिश कर डारीन,फेर बड़ारी बैला एक बार मुड़ी ला ओरमा देथैं,तिहां दुबारा हिम्मत करबेच नइ करैं !*

   *धीरे-धीरे गाड़ी के पुठी,आरी धंसते गईस ! अईसे अलकरहा जघा म गाड़ी फंसे रहिसे के भैंसा घलो हिम्मत नइ करिन !*

    *बैला,भैंसा खूब मार खाईन, धान के खूब अतखो होईस ! मेहनत बर्बाद ! समय बर्बाद हो गे ! आखिर म बेलतरा के राऊत बाजार घलो नइ जाए पायेन !*

    *तब हमर ददा कहिस- तेकरे सेती कहेंव रे बाबू -"सोचन झन करैं,खेपन कर लेवैं ! फेर तुमन नइ मानेव,तेकरे सेती आज भुगत गएन !"*


  (सर्वाधिकार सुरक्षित)

दिनांक-०४.०१.२०२२


आपके अपनेच संगवारी

*गया प्रसाद साहू*

  "रतनपुरिहा"

मुकाम व पोस्ट-करगी रोड कोटा जिला बिलासपुर (छ.ग.)

पिन कोड-४९५११३

मो नं-९९२६९८४६०६

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