लघु कथा -
" दसरहा के रावन"
- मुरारी लाल साव
गाँव के दसरहा के अलगे मजा आथे l किसानी के काम बूता हो जाये रहिथे l मनखे ठलहा हो जाये रहिथे l ओएसने परब आथे l नवरात के आखिरी दिन दसरहा मनाये के तैयारी होथे l गाँव म
बैठक रखे गिस l रावन जलाबो रावन मारबो l दसरहा उतसव समिति बनाइस l राम लीला मंडली तैयार करे गिस l रामू पेटी मास्टर, मंगलू तबला, गिरी ढोलक अइसने सब जुर मिलके संगीत पार्टी बनिस l एके दिन के राम लील्ला करे बर नाँव चुने गिस l रावण भाटा म कूदना नाचना हे रावन पार्टी बनाये गिस l दूनो दल के मेनेज्जर दाऊ दुखित रहिस l खर्चा करे बर तैयार रहिथे l मनेज्जर के मान सम्मान होथे l
राम दल बनिस ओमा हनुमान के रोल ओकर डायलॉग जान बुज के बड़े बनाये गिस l रावन दल म मेघ नाथ के डायलॉग ला बड़े लिखे गिस l
रावन बनवाना मनेज्जर के हाथ म रहिस l रावन कोनो बने बर तैयार होवत नई रहिस l
दुखित ह ख़ोज के दसरु ला रावन बने बर मनाइस l मने मन गाली देवत रहिस -" साले दसरु तोर भाव बढ़गे, सकलकरम तै करेस सकलकरमी,बईमान,चोट्टा दोगला,रावन तो तुहिंच ला बनाहूँ ओकरे लायक हस l " l इही बीच जगेसर आके पूछथे -" रावन बने बर तैयार होइस? जगेसर घलो गारी देवत कहिस -"दोगला डरहवाके चमकाके बड़े आदमी बने हे दूसर के चीज हड़प के मेऊं बने हे l
सँइंताहा हे,घमंडी ककरो संग ढंग से गोठियावय नहीं l बोचक के कहाँ जाही? "
दुखित बताइस -"
मोर पालो परे हे l रावन घलो अइसन काम नई करे हे l तीन झन बाई बनाके छोड़ देहे l चीज के अंहकार हे ओला l"
दसरु रावन बनगे l पाठ मिलगे तैयारी बर l
गाँव के लीला मंडली दसरहा मनाही l हाँका परगे l
संझा कुन गाँव के चौक म लीला शुरू होगे l
सज धज के दूनो दल के लीला पाठ चलत रहिस l
रावन हनुमान संवाद निकले रहिस l हनुमान के पाठ करत
बिसरु -" लंकेश , बात मान ले प्रभु राम के,सोजबाय म l"
रावन बने दसरु -" ओ बानर,
लंका म आके मोला तै समझा झन l"
बानर बिसरु - " हनुमान मोर नाँव हे
उहू ल तै जान ले l"
: ताकत ल मान ले l"
दशरू रावन -" तीन लोक के राजा रावन , पहचान ले l दस मुड़ी वाले "
बिसरु -"हम चार झन, काफ़ी हन दसानन देख ले l "
पेटी मास्टर धुन बजाइस लड़ई के ल दसरु बेधून होके कूदे लागिस रावन के भेस म l
मंच वाले आके चुपके से चेताइस जादा कूद झन मंच रच रच करत हे l रावन के भेस म रहिस ताव म रहिस -" रावन ल कुछ नई होवय -पंचू l "
पब्लिक के मजा के ठिकाना नई रहिस l मेघनाथ कुदत आइस -" आजा मोर से युद्ध कर पता चल जही कोन ललकारत हे तेन l पूरा रावन दल कूदे ला धर लीस l मंच रच रचाके तरी डहर भसक गे l पाताल लोक म गिर गे l भर भर पब्लिक म अफरा तफरी मचगे l राम दल के बानर जय श्री राम जय श्रीराम चिल्लावत रहिस l आखिर म भगवान राम रावन के बने कागज के पुतला म आगी लगा दिस l दसरु के संग दस झन सहित रावन दल ला अस्पताल भेजें गिस l एती राम अउ राम दल के आरती उतारे गिस l दसहरा उतसव मनाये गिस गाँव म l
मुरारीलाल साव
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