लोकाक्षर अउ गद्य विधा लेखन
एक बूता -एक संदर्भ
-मुरारी लाल साव
अभी के संदर्भ म लोकाक्षर गद्य विधा के लेखन म जोर देवत दिशा देखाये हे अउ देखावत हे साहित्य ला समृद्ध पोठ विकास की ऒर लेगत हे l
गद्य विधा के सबो विधा म लेखनी होये हे l बढ़वार होइस अउ होवत हे l नवा जुन्ना सबो बुधियार हमर साहित्यकार मन उमीहाके के ए कोती धियान देहे l गद्य विधा म लोकाक्षर ले जुड़े सब झन के संहराये के योगदान हे l एखर ले बहुते लाभ होय हे l आदरणीय भाई सुधीर शर्मा अउ आदरणीय अरुण निगम ज़ी के लिखे के बूता देवत जउन सोच लेके ग्रुप ला बनाइस पूरा पूरा सफल होये हे l गद्य विधा लेखन घलो अतेक सरल नोहय l छत्तीसगढ़ी कहिनी /कहानी, लघु कथा / नान्हे कथा /नानकुन कहानी,
उपन्यास /लघु उपन्यास व्यंग्य नाटक /एकांकी, संस्मरण /सुरता, यात्रा विवरण, रिपोर्ट /रिपोरताज, ए विधा म लेखन बढ़िया होइस l
कहानी, लघु कथा, सुरता, व्यंग्य यात्रा म गजबे बढ़वार होइस l
सबले बड़े बात अउ जमो लिखय्या मन एक दूसर के लेखनी ला पढ़ के समीक्षा अउ संहराये के अउ सुधार के बूता करिन l कोनो बड़े अउ कोनो नेवरिया के भेद भाव नई करिन l एके सुगघर उद्देश्य रहिस पोठ साहित्य आय l जुड़े सबो साहित्य कार मन म सम दृष्टि दिखीस l पंदोली जतका दिस ओतके सिरजन मा बढ़वार होइस l व्याकरण कोती गंभीरता ले धियान दे गिस l हिंदी के शब्द प्रयोग छत्तीसगढ़ी म कउन ढंग ले होय वर्तनी अउ मूल रूप म दिशा मिलिस l जतके जादा लिखाही साहित्य हित म ये उद्देश्य आघू म रहिस l
खूब लिखिन भाई मन,मन लगाके चेत करके जिम्मेदारी लेके लिखिन बढ़िया लिखत हे
छत्तीसगढ़ी म व्यंग्य लेखन अउ लघु कथा लेखन ला ऊंचाई मिलिस अइसे लागिस मोला l
ग्रुप म लेखनी नियम बद्ध ढंग ले होवत है सबके नजर रहिथे l
" तेल म चूरत भजिया कहाँ जाबे बोचक के l ओइसने समीक्षक मन के दृस्टि ले लेखनी बढ़िया चूर के पक के स्वादिस्ट निकलत हे l
जतका संहाराये रचनाकार मन के रचना बड़े बड़े
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