Tuesday, 28 October 2025

ऊँट के नाव चिट्ठी

 ऊँट के नाव चिट्ठी 

प्रिय ऊँट , 

लकर लकर बिगन कन्हो परेशानी ले रेंगे बर ... मेंहा अपन क्षेत्र ल मरूस्थल बना देहूँ । तूमन भरपेट चर सकव तेकर बर ... अपन क्षेत्र म बोईर अऊ बम्भरी के रुख रई लगवा देहूँ । रेंगत रेंगत तुमला लगइया पियास ल बुझाय बर अऊ अपन पेट के टाँकी ल भरके राखे बर ... तुँहर बर जगा जगा म आस्वासन के बांध हमेशा कस छलकत रइहि तेकर घला गारंटी देवत हँव ।

फेर मोरो एक ठन अर्जी है । तहूँ मन मान लेतेव ... करवट ल मोरे कोति लेके बइठ जतेव । हमर मन के राहत के मंगल बेला आय येहा । चारों मुड़ा म तुमला टकटकी लगा के अबड़ झन देखत हें .. तुम दूसर कोति झन पलटहू । तुँहर करवट हमर भविष्य अऊ तुँहर अतीत आय । 

मोर परम आदरणीय ऊँट ... मोला विश्वास हे आप मन सोच समझ के करवट बदलहू । जिनगी भर तुँहर उपकार के आभारी रहिबोन । 


काकरो भी निही ... शायद तुँहर भी निही – 

फलाना राम 

प्रत्याशी , सार्वजनिक चारागाह क्षेत्र क्रमांक 420

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