Sunday 16 April 2023

पल्लवन घर के जोगी जोगड़ा , आन गांव के सिद्ध

 पल्लवन


घर के जोगी जोगड़ा , आन गांव के सिद्ध


     हमर आस पास कतको गुनिक मन रहिथे. कोनो न कोनो विधा के बढ़िया जानकार रहिथे. कोनो हा अच्छा कवि हे,ता कोनो हा बढ़िया से लेखक,कोनो हा गायन -वादन मा दक्ष हे ता कोनो हा उद्घोषकणा, नृत्य कला, पेंटिंग मा माहिर रहिथे. खेलकूद के दुनिया म घलो अइसने हे. 


     अक्सर देखे ला मिलथे कि ये प्रतिभा मन  जेन शहर,गांव या क्षेत्र के रहिथे वो कोति के मनखे मन वोकर मूल्यांकन कमतर आंकथे. हां अउ काम अटकही ता जरुर इंकर मन के गुनगान करके  वोमन अपन काम साध लेथे. अउ लेन देन के समय फेर ये प्रतिभा मन ला चना के पौधा मा चढ़ा के जइसे -तइसे मनवा लेथे. 


      कोनो गांव मा कतको बढ़िया रामायण के टीकाकार, गायन,वादन से सजे मंडली हे वोकर कार्यक्रम रखही ता लोगन मन कहिथे वो हमरे गांव के ताय गा! ये दे नजदीके तो नाचा हरे जी. ये दे हमर नजदीके गांव के सांस्कृतिक कार्यक्रम तो हरे जी? ये दे हमर आस पास के कवि मन तो हरे गा! नहीं एकदम नजदीक के उदृघोषक ला नइ बुलान! दुरिहा के ला बुलाबो. नजदीक के गुनिक मन ला भुलाबो. अउ कोनो दूरिहा के कलाकार मन नइ आ पाही ता काम चलाय बर जरुर बुलाबो. 


  अइसने कोनो ह कतको बुधियार राहय पर वोकर घर , गांव, क्षेत्र मा वोकर स्थिति" घर के जोगी जोगड़ा"  जइसे ही रहिथे. अउ इही मन आने क्षेत्र मा सिद्धस्त कलाकार के रुप मा जाने जाथे. 


   ये घर के जोगी मन ला स्नेह भेंट देय बर घलो भारी भेदभाव करे जाथे. हमरे छत्तीसगढ़ के बात करथन ता इहां मुंबई के फिल्मी कलाकार मन ला करोड़ों मा गवाय अउ नचाय जाथे. तरह तरह के सुविधा उपलब्ध कराय जाही अउ हमर छत्तीसगढ के कलाकार मन ला इंकर तुलना मा कतकी पारिश्रमिक देय जाथे ये जानहू ता अब्बड़ आश्चर्य करहू अउ शासन/ प्रशासन बर गुस्सा घलो आही कि अत्तिक अंधेर होथे. शासन द्वारा आयोजित ग्रामीण,सेक्टर,जनपद अउ जिला स्तरीय रामायण प्रतियोगिता मा येमा जुड़े कलाकार मन ला कतका मान -सम्मान मिलिस पुछ लौ!  ता ये सब उदाहरण म इही कहावत हा फिट बइठथे कि - "घर के जोगी जोगड़ा कहाथे अउ आन गांव के सिद्ध." 


             ओमप्रकाश साहू" अंकुर"

         सुरगी, राजनांदगांव ( छत्तीसगढ़)

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