Thursday 13 April 2023

पल्लवन-सोन के लोटा मा भीख मांगे

 पल्लवन-सोन के लोटा मा भीख मांगे


      मनखे के सुभाव ताय कतको कर ले फेर कुकुर के पूछी कस टेड़गा के टेड़गा रही। छै बछर ले पोंगरी मा रही फेर पोंगरी निकलिस के पूछी अपन असलियत मा आ जाथे। आज गरीब ला सरकार कतको सुभिता देवता हे फेर ओ हा अपन मंगइयापन ला नइ छोड़ सकय अउ अपन आमदनी के रद्दा नइ खोज सके। जतका मिल जाय कमतीच रहिथय। खेत खार के खेती किसानी बनी भूती के पाछू सरकारी योजना के अक्तिहा आमदनी फेर अतको नइ पूरय। कहे जाथय लाभ मा ललचहापन आ जाथे तब लोभ होय लगथे अउ ओहा मंगइया बन जाथे। जब मनखे ठलहा रहिथे ता रोजी मजूरी के आस करथे। नउकरी मिलथे ता तनखा,भत्ता बढ़ाय के आस राखथे, जूलूस हड़ताल करके अपन हक मांगथे।

     कम तनखा अउ कम आमदनी वाला मनखे के मंगइया सुभाव तो थोकिन समझ मा आथे फेर सोन के लोटा बरोबर बड़े पद मा बइठे अधिकारी नेता मंत्री मन ला भ्रष्टाचार, रिस्वत मांगत पकड़ाय सुनथन अउ उँखर घर ले लाखो करोड़ो रुपया मिलगे कहिके देखथन सुनथन ता उही मनखे के सुभाव के सुरता आ जाथे कि जौन  मनखे सोन के लोटा ल धरके भीख मांगत भिखमंगा बने रहिथे ओकर इसी गति होथय। सब सुभिता होय पाछू ललचहापन ओला रिस्वत लेवाथे। दान पून करे के हैसियत रखइया मन गरीब के लहू चुहकथे। अइसने बड़का बड़का ज्ञान, प्रवचन देवइया मन माया मोह ला छोड़व कहिथे अउ लाखो के माइक पंडाल, सोसल मिडिया, टीवी मा प्रसारण के आस राखथे संग मा लाखो रुपया बिदागरी मांगथे। इही ला कहे जाथे सोन के लोटा धरके भीख मांगना।


हीरालाल गुरुजी "समय "

छुरा,  जिला-गरियाबंद

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