Thursday 13 April 2023

पल्लवन-*मन के हारे हार हे मन के जीते जीत*

 पल्लवन-*मन के हारे हार हे मन के जीते जीत*






कोनो काम ला शुरू  करे ले पहिली वो काम के प्रति उत्साह होना चाहिये।मन मा लगन होना चाहिये कि ये काम ले मैं करबेच करिहवँ कहिके।काम के प्रति इही उत्साह ला दृढ़ संकल्प  करना कहे जाथे इही ला आत्मविश्वास के होना घलो कह सकथन ।आत्मविश्वास हा बने पोठ रथे तो काम हा घलौ झटपट हो जथे।उही मेर आत्मविश्वास के कमी ले बनइया काम घलौ हा बिगड़ जाथे ।हालाँकि अति आत्मविश्वास घलौ हा घालक होथे।काबर हर मनखे के अलग अलग क्षमता रइथे।अउ मनखे अपन क्षमता ले जादा सोच लेथे त ओला अति आत्मविश्वास कहे जाथे येखरो ले काम बिगड़थे।

         आत्मविश्वास ला ही बढ़ाय बर हमर सियान मन कहें हें मन के हारे हार हे मन के जीते जीत।याने कि अगर मनखे मन मा सोच लिही कि मै हा ये काम ला करहूँच कहिके ता वो काम हा कठिन रइही तभो कर डारही।अउ काम ला शुरू करे के पहिली कइही बड़ कठिन काम हे भाई मै भइगे नइ करे सकवँ कहिके ता काम हा कभू  नइ होय

सकही।आत्मविश्वास हा जीवन मा अबड़े जरूरी हे।पढ़इया लइकन मन बर तो आउच जरूरी हे काबर कि पढ़इया लइकन मन कोनो विषय कठिन लागथे ता घबरा जाथे। कखरो पेपर बिगड़ जाथे ,चाहे कोनो परीक्षा मा चयन नइ हो सके तब कइ झिन लइका अपन जीवन ला घलो समाप्त कर देथे।लइकन के आत्मविश्वास ला बढा़य के जुआबदारी माता ,पिता ,शिक्षक के संगे संग समाज के  घलौ आय । लइकन ला समझाय बर पड़ही के एक ठन परीक्षा हा ओखर पूरा जीवन के मूल्यांकन नोहे ।जइसे भगवान श्री कृष्ण हा गीता के ज्ञान देके अर्जुन के आत्मविश्वास ला बढ़ाइन जब अर्जुन के मन हा लड़ाई के मैदान मा अपन हित पिरीत ला देख के डोल गय रहिस हे अउ अर्जुन लड़ाई नइ करना चाहत रिहिस  हे तब।


   *नियतं कुरु कर्म त्वं कर्म ज्यायो हा्कर्मणः।

शरीरयात्रापि च ते न प्रसिद्धयेदकर्मणः।।




बढ़े आत्मविश्वास ले अर्जुन लड़ाई करिस अउ लड़ाई के परिणाम सबला पता हे।

आत्मविश्वास के फल आय जेहा दशरथ माँझी करा पहाड़ फोरवा देथे। वानर सेना लेके रामजी लंका जीत जाथें।जिनगी मा हमर दृढ़ संकल्प ,चाहे आत्मविश्वास चाहे मन के शक्ति कहि लव बहुतेच जरूरी हे।येखर बिना मनखे उन्नति करेच नइ सकय।




चित्रा श्रीवास

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