Thursday 13 April 2023

पल्लवन-भाजी मा भगवान राजी

 पल्लवन-भाजी मा भगवान राजी 


मनखे अपन बेवहार बर जाने जाथे. कोन बने हे अउ कोन खराब हे. ये सब के मूल्यांकन वोकर आदत - बेवहार ले करे जाथे. ये जरूरी नइ हे कि जेकर पास नंगत के धन- दौलत हे वोला मान सम्मान मिलय. यहू मन ला सम्मान मिलथे जेहा अपन धन दौलत अउ शोहरत के घमंड नइ करय. दुष्ट मनखे के मान सम्मान डर के मारे भले कर देथे पर दिल ले मान नइ देवय. हमर इतिहास गवाह हे कि कतको राजा महाराजा ला सम्मान नइ मिल पाइस काबर कि जनता के प्रति उंकर बेवहार सही नइ रिहिन. 

   द्वापर युग मा भगवान श्रीकृष्ण हा राजा दुर्योधन के छप्पन भोग ला ठुकराके अपन भक्त अउ धर्मात्मा विदुर के घर भाजी के संग अन्न ग्रहण करिन. दूर्योधन के नेवता म छल कपट समाय रिहिन हे भले वोहा छप्पन भोग के बेवस्था करे रिहिन. दूसर कोति विदुर के भाजी अउ भात मा निश्छल प्रेम रिहिन. तेकर सेति भगवान श्रीकृष्ण हा विदुर के अन्न -जल ला अब्बड़ चाव से ग्रहण करिन.अइसने अपन मितान सुदामा ला अपन महल मा अब्बड़ मान -सम्मान देइन.  अइसने कलजुग मा घलो भगवान श्रीकृष्ण हा संतमाता कर्मा के खिचड़ी ला ग्रहण करे खातिर जगन्नाथपुरी मंदिर के बाहर आइन अउ अपन भक्त के मान राखिन जबकि मंदिर मा प्रभु ला भोग लगाय बर छप्पन भोग बनाय गे रिहिन. तब ले जगन्नाथपुरी मंदिर मा खिचड़ी ला महाप्रसाद के रूप सबले पहिली भोग लगाय जाथे तेकर बाद छप्पन भोग प्रभु जी ला अर्पण करे जाथे. केहे के मतलब हे भगवान भाव के भूखा रहिथे अउ दिखावा ला नइ पसंद करय. सब सुख- सुविधा ला छोड़ के भगत मन के भाव ला राखथे. येहा प्रसंग हा हम सबके जिनगी मा काम आथे. काबर कि केहे गे हावय कि उहां झन जाव जिहां बने मान सम्मान  नइ मिलय.भले सबो सुविधा के बेवस्था राहय.


  त्रेता युग मा भगवान राम हा निषाद राज , भक्त गुहा के मान बढाइन भीलनी शबरी के बोइर ला गजब चाव ले खाइन. दूसर कोति भगवान राम हा माता सीता के पता लगाय बर अब्बड़ बलवान बाली के सहयोग न लेके वोकर ले पीड़ित‌ सुग्रीव संग मितानी निभाईन. केहे के मतलब हे कि मनखे ला धन -दौलत, शोहरत ला देखके वोकर आंकलन  नइ करना चाही. वोकर माया मोहा मा नइ फंसना चाही. हमला चाही कि गरीब मन के हीनमान झन करन अउ भाव ला पहिली प्राथमिकता देवन . जइसे भगवान अउ हमर देश अउ विश्व के महापुरुष,संत, समाज सुधारक मन देइन.



            ओमप्रकाश साहू "अंकुर"

      सुरगी,राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)

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