Saturday 10 September 2022

चोर अउ खटिया/लोककथा*

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            *चोर अउ खटिया/लोककथा*

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         अगास मा एक ठन डोकरी डोकरा मन के जोड़ा रहत रहिस। डोकरा हर बढ़ाई रहीस।फेर जइसन चलागत अउ हाना हे -


           बइगा के डौकी ठड़गी के ठड़गी

           बढ़ई के डौकी बर भुईंया गोदरी।


        कहे के मतलब  हे बइगा हर अपन घरवाली ल जतने नई सकत ये अउ वोहर निपूती हे, बाल बच्चा नई ये। अउ बढ़ई के सुवारी  हर कभु खटिया नई  पाय। वोहर भुइयां म सुतथे।


            तब येहू डोकरी भुईंया म सुते। भुईंया म सुते ले वोकर कनिहा पिराय लगिस। अइसन म एक दिन वो डोकरी हर अपन गोसान बढ़ई पर भड़क गए। भड़क का गय,वोहर तो अब बढ़ई डोकरा ऊपर भीड़  गय रहिस।वोकर चुन्दी मुड़ी ल नीछत रहिस। बढ़ाई थर थर थर थर काँपत आन बुता ला छोड़ के डोकरी बर खटिया बनाय बर लग गय।


        तब वोहर लकड़ी मन ला छोले करोय। अइसन करे ले जउन बुरादा अउ छिलपा निकलिस वोहर अगास म बगर गय। अउ आज ले घलव वो छिलपा बुरादा मन बगरे दिखथें(आकाश गंगा -The Milky Way)। बढ़ई के कुटेला (एक तारा मंडल ) हर दिखथें। सब जगमग जगमग चमकत रथें।


             खटिया बन गय। आज डोकरी मजा के खटिया म सूत गए। तभे घर म तीन झन चोर मन पेलिन। वोमन डोकरी के खटिया ला उठा के ले जात रहिन। लेकिन खटिया के खुरा रहे चार और चोर रहीन तीन। एकर सेती खटिया हर डगमग डगमग डोले लगीस। एकर ले डोकरी जाग गय। अउ उतर के चोर मन ल सुध के बुतात ल ठठाइस। अउ एकठन लंबा डोर म वोमन ल खटिया के एकठन खुरा म। बांध दिस। आज ले वो तीनो चोर मन खटिया के वो खुरा ले बंधाय हें।



( येहर हिंदी वांग्मय के सप्तर्षि -क्रतु ,पुलह, पुलत्स्य, अत्रि, अंगिरा, वशिष्ठ अउ मारीचि आंय । अंग्रेजी वांग्मय के  Ursa Major ये। वशिष्ठ के तीर म -मंझ के चोर तीर म एकठन नानकुन तारिका दिखथे।येहर वशिष्ठ पत्नी -अरुंधती ये। जउन येला देख लेथे, वोकर नेत्र ज्योति बढ़िया माने जाथे।)



*रामनाथ साहू*



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