पुस्तक समीक्षा-
//अमृतध्वनि छंद संग्रह//
(छंद संग्रह छत्तीसगढ़ी मा)
कृति - अमृतध्वनि
कृतिकार-बोधनराम निषादराज"विनायक"
समीक्षक-अजय 'अमृतांशु'
मूल्य- एक सौ पचास रूपए
छ न्द मा लेखन आसान काम नोहय । विविध विषय ला ले के ये कृति मा लोक परब अउ संस्कृति म भोजली, कमरछठ, तीजा, पोरा, मातर, सकरायत, देवारी, होली, गौरी-गौरा, मातर, मड़ई, छेरछेरा, जेठउनी, भोजली, सकरायत, रामनवमी, माघी पुन्नी, अक्ति आदि ल विषय बना के छन्द रचे गे हवय हे ये संग्रह म नंदावत ढेकी, गोरसी, ढेरा, ढेलवा, खरही, कोला बारी, बटलोही, जांता, रहचुली, बिजना, कुंदरा, खरहेरा, मूसर, बाहना, पैरा,संस्कृति,
घानी, निसैनी, टेड़ा, गेंड़ी, गेरवा, आदि के सुग्घर चित्रण ये संग्रह म मिलथे। एक अमृतध्वनि म 32 प्रकार के रुख राई के चित्रण करना कोनो मामूली बात नोहय।
औरा साजा बेहरा, चिरई जाम खम्हार ।
सलिहा सरई सेनहा, बीजा तेंदू चार ।।
बीजा तेंदू, चार आम अउ, तिलसा कर्रा ।
मउहा कउहा, भिरहा बोइर, डूमर हर्रा ।।
मूढ़ी मोंदे, कलमी परसा, सेम्हर धौंरा ।
बेल मकइया, गस्ती कैथा, बम्हरी औरा ।।
अनुस्वार, अनुनासिक अउ उत्तम तुकांत के प्रयोग ये किताब के महत्ता ला दर्शाथे । छत्तीसगढ़ के लोक जीवन अउ संस्कृति ल परिचित कराय मा कवि पूर्णतः सफल होय हवय ।
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