*छत्तीसगढ़ी हाना*
1 . **दूबर बर दू असाढ़*
अर्थ - पहिली ले परेशानी हावय तेमा अउ परेशानी आ जाथे
2.*खाई मीठ ता माई मीठ*
अर्थ- जेखर ले जादा फायदा होथे तेन हा जादा मयारुक लागथे
3.**तइहा के बात बइहा लेगे*
अर्थ-अब्बड़ जुन्ना बात
4.*पर भरोसा तीन परोसा*
अर्थ- दूसर के धन ला उड़ाय मा नई अखरय ।
5.*एक कोलिहा हुआँ ता जम्मो कोलिहा हुआँ हुआँ*
अर्थ-बिन गुने बिचारे दूसर के हाँ मा हाँ मिलाय
6.*एक आमा के सौ लबेदा*
अर्थ-कोनो एक ठन जिनिस के जादा माँग होवय
7.*उजड़े मड़वा मा डिड़वा नाच*
अर्थ-कोनो काम के होय ले चुस्ती फुरती देखाय
8.*करमइता के नाँगर ला भूत जोतय*
अर्थ -अबड़ेच भागमानी होवय
9.*चलनी मा गाय दुहय,करम ला देवय दोस*
अर्थ-खुदे गलती करय अउ भाग ला दोष देवय
10.*जबके आमा तबके लबेदा*
अर्थ-जउनेच बुता के बेरा आय तउने बुता ला करय
11*कउआँ कान लेगे ता ओखर पाछू नई भागय*
अर्थ-कोनो कुछु अफवाह फइलाइस तेने ला मान लेवय
12.*नवा बइला के नवा सींग चल रे बइला टींगे टींग*
अर्थ-नवा नवा जिनिस बर जादा लगाव रहिथे
संकलनकर्ता
चित्रा श्रीवास
बिलासपुर
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