Saturday 7 January 2023

पुष पुन्नी मेला *अमरधाम चटुवा पुरी* 06/01/2023

 


*रिपोतार्ज* 

पुष पुन्नी मेला *अमरधाम चटुवा पुरी*  06/01/2023


कवर्धा कबीरधाम ले पाँच साथी बेमेतरा होवत प्रस्थान करेन|

बहुत ही अधिक भीड़ रहिस, कार दो किलोमीटर पहली ही खड़ा करे ल पड़ीस। सोचत रहेन के शिवनाथ ले  नाव म  पार करबो, अइसे एकर बर कि प्रो.डहरिया साहब ल इतना दुरिहा चलत नइ देखे रहेंन। उन मन बड़ जुझारु हिम्मत दिखाइन अउ हमन खुद ल आईना। भीड़ के प्रवाह म चलना आसान हो गय। रपटा ले होके हमन नदी पार करेन। हम खुश होएन अउ चकित घलो, उतार अउ चढ़ाव भरे रास्ता हमन बिना श्रम के चल लिएन। पौन घण्टा बाद हमन मंदिर परिसर मा रहेन अउ सामने रहिंन श्रद्धालुमन के लंबा कतार। भीड़ देख डहरिया साहब यह कहत हुए परिसर म ही रुक गय कि जूता मन ठोकर खा खाके एति- वोती हो जाही, मैं इनला देखत हवँव, जूतामन ल उतार दिएन, पैर और सिर में पानी छिड़क के बिना कोई देरी किए, सीधा श्रद्धालुमन  के  कतार म लग गएन। व्यवस्था बहुत अच्छा रहिस, कुछ ही समय म हमन ल मंदिर म प्रवेश मिल गय। परमपूज्य गुरु अमरदास बाबा के श्री चरणों म नारियल  और भाव पुष्प अर्पित कर कुछ देर यूँ ही हाथ जोड़कर शान्त चित्त प्रार्थना के मुद्रा म खड़े तन मन आत्मा ल समर्पित करे हवन|भीड़ अउ कोलाहल के बीच म घलो अप्रतिम शान्ति रहिस, शीतलता सुकुन देवत रहिस।

             चटुवापुरी धाम सतनाम साधक मन बर साधना के एक लोकप्रसिद्ध केंद्र हरय। दूर-दूर ले सतनाम साधक गुरु अमरदास बाबा जी के आशीर्वाद लेहे बर , वर्ष भर इहाँ पहुँचत रहिथें।

                                 एहू बछर दिल्ली ,हरियाणा,पंजाब, नारलौर, नागपुर. भोपाल ,आसाम, पं बंगाल ,झारखण्ड ,ओडिसा, मध्य प्रदेश ले संतजन, श्रद्धालु मन दर्शन करे आय रहिन|संतजन मन, श्रद्धाभक्ति ले अनुयायी मन छत्तीसगढ़ के तो सबो जिला ले आथे| समाधी के पास बैठे म गुरु के सानिध्य के परम अहसास, आभास होवत रहिस। मस्तिष्क गुरु के महिमा ल सुमरत स्मृत करन लगिस। मन और हृदय भक्ति भाव ले भर जावत रहिस। शरीर सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास ले लबरेज हो जाथे। 

नारियल के प्रसाद प्रोफेसर साहब ल दियेन साथ ही धन्यवाद भी। जूता पहने हवन और फिर ले भीड़ म समा गएन, थोड़ी दूर आगे बढ़े हवन कि भाई लक्ष्मीनारायण अनंत बिल्कुल सामने आ दिखिन, चेहरा म मुस्कराहट लिए भाई हर सबो के अभिवादन करिन। भोजन भण्डारा म घण्टों सेवा देवत भाई मंदिर के ओर ही उन्मुख, होय रहिन। हाथ पकड़कर हमन ल  भोजन भण्डारा डहन ले गइन|

                 भीड़ ले कुछ किनारा होय रहेन के  देखत ही हाथ हिलाकर एक चिरपरिचित चेहरा हमन ल  इशारा करत रहँय। सिर म सफेद गम्छे की पगड़ी, हाथों में सतगुरु कैलेण्डर, दाढ़ी और मूंछ के काले केश के बीच झक्क चमकते दांत, हट्टा-कट्टा मजबूत आदमी। भाई आसकरण दास जोगी जी,आप एक परिपक्व कलमकार के साथ म समाज के सजग प्रहरी आवँय, जब भी मिलथे तव कसके गले लगाथे। कुछ देर एक दूसर के हाल-हवाला पूछत-बतावत और फिर सतगुरु कैलेण्डर के एक-एक प्रति लेकर खड़े हो गएन। बायें ले दायें आसकरण दास जोगी, लक्ष्मीनारायण अनंत,  सुखदेव सिंह"अहिलेश्वर", महु माने अश्वनी कोसरे "रहँगिया", प्रो.संतोष डहरिया और खोजनदास डिंडोरे। महंत महेंद्र जाँगड़े जी अपन एक अन्य परिचित ले मिले लग गइन हें, और खींच ले गइस कुछ संग्रहणीय फोटोग्राफ्स।

        मंदिर के पीछे के तरफ ले लगभग दो सौ मीटर म एक टंकी हे। टंकी ले जुड़ के लगाय रहिन,सतनामी समाज कवर्धा के विशाल भोजन भण्डारा के पण्डाल अउ बैनर। कवर्धा महंत जन के नेतृत्व म संचालित यह भोजन भण्डारा हर बछर लगाय जाथे।ए बछर संतजन मन के श्रद्धालूमन के कुछ अधिक उपस्थिति रहिस। पण्डाल म प्रवेश करत ही हमार महंतगण मन  के सेवाकार्य और सेवाभाव देखकर हृदय गौरवान्वित हो गय। आदरणीय महंतगण मन ले घात नीक आत्मीय भेंट मुलाकात नमन भजन अभिवादन चर्चा-परिचर्चा कर मन प्रसन्न हो गय। प्रेम पूर्वक भोजन प्रसाद ग्रहण किएन और कुछ यादगार फोटोस भी संग्रहित कर लिएन।          

          ‌‌साहित्यकार मित्र कमलेश ढिंढे 'कमल' जी मिलिस, उन बताइन के बने लम्बा समय तक मंच संचालन करिन अभी-अभी मंच ले पण्डाल के तरफ आवत हें । बतावत रहिन-‌ मैं आप लोगन मन ल बहुत याद करत रहेंव गुरुदेव अउ एति- वोति देखत रहेंव घलो, मंच ले  कुछ सतनाममय रचनापाठ कर देतव तव आनन्द आ जातिस। कमल जी से ए सुनके विलम्ब के लिए थोड़ा अखरदानी होइस । मेला स्थल म भ्रमण करत बहुत से जान पहचान के संगवारी मन आदरणीयजनमन ले भेंट मुलाकात होइस। कुछ सार्थक परिचर्चा चर्चा मन सुखद अनुभूति दिहीन। वापस लौटत समय ट्रैफिक के कारण देर शाम हो गइस। 

          छेर-छेरा पुन्नी अवकाश के अच्छा उपयोग हो इस । दिनभर छेर-छेरा पुन्नी, गुरु अमरदास स्मरण करत और मां शाकम्भरी जयंती के बधाई अउ शुभकामना देवत पावत रहेंन। मित्र मन के साथ चटुवापुरीधाम पुन्नी-मेला दर्शन के सुअवसर प्राप्त होइस।आप मन कभु रायपुर से कवर्धा या कवर्धा से रायपुर मार्ग ले गुजरिहव, तव बेमेतरा सिमगा के बीच 12 किमी के बाद जेवनी म किरीतपुर जाय के मार्घ हे, 7किमी के बाद किरीतपुर ओकर आगू 2 किमी म चटुवा धाम परथे|

सिमगा रायपुर मार्ग म सोमनाथ रसदा म सोमनाथ के बाद परथे|नदी के पार|

      पास मा कुछ घण्टा समय होवय, तव चटुवापुरी धाम अवश्य जावव , विश्वास करव ए अनुपम अहसास होही। परमपूज्य गुरु घासीदास बाबा के ज्येष्ठ पुत्र गुरु अमरदास बाबा जी के आशीर्वाद अउर सानिध्य प्राप्त होहय। गुरु अमरदास बाबा अपन पूरा जिनगी ल आध्यात्म अउ समाज खातिर समर्पित करे हवँय।बाबा जी पुष पुन्नी के दिन ही समाधी म लीन होगँय| उँकर पुण्य तप के स्मरण म मेला भरथे| ए समय संत समाज अपन गुरु ल यथा शक्ति दान देथें| बाबा अमर दास जी के जनम असाढ़ पुन्नी के मनाय जाथे अउ इही समय समाज के बालक -बालिका मन शिक्षा लेबर गुरुद्वार, गुरुद्वारा जाथें, नवविवाहित दम्पति मन ल नाम पान दे जाथे, सतनाम मंत्र ले दीक्षित होथें सततागाी धारण कर ,गुरु के कंठी ल धारण करथें| ए ला गुरुबनई कहिथन, कानफुकइ के नाम ले घलो जाने जाथे |



अश्वनी कोसरे 'रहँगिया'

 कबीरधाम छत्तीसगढ़

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