Sunday 15 January 2023

लइका मनला संकट ले बचाए खातिर सकट उपास...


 

लइका मनला संकट ले बचाए खातिर सकट उपास...

   महतारी मनके सबले जादा चिंता अउ जतन अपन लइका मन बर ही होथे. एकरे सेती उन एकर मनके खवई पियई, दवई पानी के संगे संगे देवता धामी के असीस पाए बर घलो भारी चेत करथें.

    हमर छत्तीसगढ़ म महतारी मन अपन लइका मन बर 'कमरछठ' के उपास रहिके सगरी बना के महादेव अउ माता पार्वती के पूजा करथें. ठउका अइसने माघ महीना म अंधियारी पाख म घलो छेरछेरा परब के तीन दिन पाछू 'सकट' के उपास घलो रखथें. इहू उपास ल लइका मन खातिर ही रखे जाथे.

   ए दिन महतारी मन दिन भर उपास रहिथें, अउ रतिहा चंदा उवे के बाद वोला अरक (अर्घ्य) दे के पूजा करथें.

 चंदा ल अरक दे के संबंध म एकर आध्यात्मिक कारण ए बताये जाथे, के भगवान गणेश के मुड़ ह, जेन पहिली माता पार्वती द्वारा अपन रखवाली खातिर शरीर के मइल के बनाए गे रहिथे. वोला महादेव ह काट देथे, अउ बाद म वोकर जगा हाथी के मुड़ी लगा देथे. (ए प्रसंग ल सबो जानथें, एकरे सेती कथा विस्तार नइ करे गे हे.)  उही गणेश जी के पहिली मुड़ी ह कटा के चंद्रमा ल म जाके शोभायमान हो जाथे, एकरे सेती आज के दिन चंद्रमा रूपी वो गणेश जी के ही पूजा करे जाथे.

     महतारी मन बढ़िया तिल गुड़ के लाड़ू बनाथें, पिड़हा या पाटा म गोबर के डोंगी बनाथें, गाय के दूध अउ गंगाजल ले वोला भरथें, अउ चंद्रमा ल अरक (अर्घ्य) देके पूजा करथें. ए किसम ले सकट के उपास ल पूरा करथें, अउ अपन लइका मनला जम्मो किसम के संकट मनले बचाथें.

-सुशील भोले-9826992811

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