Saturday 21 January 2023

विषय - यूरोपीय देश के नामी-गिरामी विश्वविद्यालय हमर देश मा आये के बाद के परिकल्पना*

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*विषय - यूरोपीय देश के नामी-गिरामी विश्वविद्यालय हमर देश मा आये के बाद के परिकल्पना*




             ये विषय म कतको शंका -कुशंका के बादल मण्डराय के शुरू हो गय हे।का निजी क्षेत्र के रूप म उतरत, ये ग्लोबल -यूनिवर्सिटीज मन ,हमर भलाई करहीं कि 'बांध मोटरिया भये बिराना' के तर्ज म, हमर संसाधन मन ल सोख के अउ समोख के फिर अपन ठउर ले जाहीं ?

ये विषय म लंबा बहस किये जा सकत हे।फेर अइसन कनहुँ बहस के परिणाम हर 'एक्जिट पोल' के नतीजा बरोबर,लग गय तो लग गय नहीं त हमर का गिस,जइसन लोक व्यवहार ही सिद्ध होही। वास्तविक परिणाम तो भविष्य के गर्भ म छिपे रहिथे।हाँ, कुछ परिणाम हर पांच- परगट दिखत रहिथे। अइसन कुछ परिणाम बन के बारे म हमन कयास लगा सकत हावन-

1.येकर ले हमर देश म 'ब्रेन- ड्रेन' प्रतिभा पलायन के गति म बढ़ोतरी होही। बने पढ़ही तेहर बने जिए- खाए के शउक करही। बनेच कम अइसन चेतन भगत निकलहीं, जेमन बाहिर के दुनिया, बड़े पोस्ट के स्वाद चीख के वापिस फिर नून बासी खाए बर स्वदेश फिरहीं। मास्टर के घर म बाबू जनमिस,तब मास्टर हर सुरता बर , अँगना म चंदन के पेड़ रोपे रहिस। दुनों बाढिन।दउ हर पढ़त -फलांगत धुर्रा फ़ुतका ले मुक्त परदेश ल अपन ठिकाना बना लिस। वो तो अब ये अंगना, जेमें पहिली पग धरे रहिस। कूदिस दउडिस हे वोमे डस्ट भराय हे कहथे। फेर पेड़ तो अपन जगहा वोइच अँगना वोइच धुर्रा फ़ुतका म अड़े रहिस। 


2.देश के रुपया पइसा हर फेमा कानून के भी पालन करत आन जगहा जाही।


3.हमर स्थानीय अउ समग्र भारतीय संस्कृति के ऊपर आक्रमण होही। वोमन काबर हमर संस्कृति ल संरक्षण दिहीं?


4.शिक्षा तंत्र में जादा यांत्रिकता आ जाही। 'मनखे हर मनखे बर' के जगहा म 'मनखे हर रुपिया बर' ,ये गोठ हर जादा बलवान हो जाही।


5.हमर विकसित होवत स्वतंत्र चेतना के जगहा म ,विदेशी विश्विद्यालय मन अपन मनोराग अउ मनोरोग दुनों ल ,हमर लइका मन ऊपर थोपहीं।


          ये तो होइस विपक्ष विरोध के गोठ।फेर समर्थन बर घलव अतकिच तर्क घलव हे।


*रामनाथ साहू*


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