Saturday 28 January 2023

छत्तीसगढ़ी नाचा गम्मत के तीन मुड़का परी नजरिया जोक्कड़

 छत्तीसगढ़ी नाचा गम्मत के तीन मुड़का परी नजरिया जोक्कड़


       छत्तीसगढ़ के लोक मनरंजन मा नाचा के घातेच महत्तम हे।मनखे के तन अउ मन के थकास दुरिहाय बर एला बनाय गय रहिस। जब ले नाचा गम्मत चलत हे तब ले आज तक एखर देखइया के कमती नइ होइस भलुक अगरावत हे। नवा पीड़ी हा इही नाचा गम्मत ला युट्यूब मा देखथे, फेर कतको किसम के लोक मनरंजन के जिनिस टीवी, मोबाइल, इंटरनेट मा डटे रहे के पाछू नाचा गम्मत ला रतिहा अउ दिन मा घलो देखइया मन के भीड़ लग जाथे।

    छत्तीसगढ़ मा नाचा जेला नाच घलो कहे जाथे एहा बेरा बखत परब, तीज तिहार मा अलग अलग किसम होथे। बिहाव नाचा जेमा मैननाचा, डिड़वानाच, नक्टानाच, बरतिया नाच। छत्तीसगढ़िया तिहार बार मा सुवानाच, डंडानाच, पंथीनाच, गेड़ी नाच, कर्मा नाच, रिलो नाच अइसने कतको किसम के नाव गिनाय जा सकत हे। फेर इहाँ जेन नाचा गम्मत के गोठ करत हन ओहा गीत संगीत अउ गम्मत मिंझरा लोक मनरंजन के नाच आय।

    कहे जाथे छत्तीसगढ़िया नाचा गम्मत के शुरुआत खड़े साज नाचा ले होय रहिस।एमा नचइया गवइया बजइया सबो खड़े रहय। गम्मत मा हँसी मजाक करत धार्मिक, सामाजिक, समसामयिक कटाक्ष विषय ला लोगन के बीच रखे जाथे। नाचा रातभर होथे पहाय के पाछू बंद होथे।नाचा पार्टी हा रातभर मा कम से कम तीन गम्मत देखाथे।

         छत्तीसगढ़ मा नाचा गम्मत अइसे तो बच्छर भर होवत रहिथे। फेर गाँव के मड़ई, मेला, गणेश पक्ष, नवरात्रि, दशहरा, नवाखई, छट्ठी, बिहाव, गाँव बनई, जात्रा अइसने कतको मउका मा विशेष रुप से एखर कार्यक्रम रखे जाथे।आजकल चुनाव प्रचार मा घलो मा नाचा होथे, काबर कि एहा मनखे सकेले बर सबले बढ़िया अउ सस्ता उदिम होथे।

     छत्तीसगढ़िया नाचा गम्मत मा दू पक्ष होथे एक पक्ष बजनिया अउ नचनिया(परी) दूसर पक्ष गम्मत।गम्मत  जेला हास्य प्रहसन कहे जाथे।नाचा गम्मत पार्टी मा मनखे के संख्या निश्चित नइ रहय। कोनों नाच पार्टी मा कम कोनों मा आगर रहिथे। नचनिया पक्ष मा नारी के पाठ ला पुरुष मन करथे। अब नारी मन घलो नाचा मा अपन कला देखाय बर मंच मा आ गय हें। फिलिम के आय ले तो नारी मन पुरुष ला पाछू छोड़ दिन।

     नाचा मा अइसे तो सबो पात्र मन के महत्तम हवय फेर एमा तीन मुड़का पात्र होथे पहला परी, दूसरा नजरिया अउ तीसरा जोक्कड़। इही तीन पात्र मन नाचा गम्मत ला रातभर तीरथे अउ मनखे ला बइठाय बाँधे रखथे। देखइया मन के असुसी एक गम्मत मा पूरा नइ होय ता दूसरइया गम्मत ला देखथे।।          

       छत्तीसगढ़िया नाचा गम्मत के पहिली मुड़का पात्र हरय "परी"। परी हा चेलिक नारी पात्र हरय। नाचा मा पुरुष मन नारी के सवाँगा पहिर के निकलथे। जब बजनिया मन मंच मा बइठ जाथे पाछू परीमन मंच मा चढ़थे।परीमन सुमरनी करे के पाछू गाना गाथे अउ नाचथे। शायरी मार के चेलिक मन ला मोहथे। एमन ला देखाइया मनखे मन अपन पसंग के गाना मा नचवायबर नोट देखाके अउ सीटी बजाके नइते टार्च मारके अपन तीर बलाथे अउ पइसा देके अपन पसंग के गाना बताथे।देखइया के देय नोट ला मोंजरा कहे जाथे। परी हा मंच मा लहुटे के पाछू कहिथे - बड़ नीक लागिस मोला ..... बाबू के गोठ इया, बलाके दिस हे मोला दस रुपया के नोट इया, अउ काय किहिस हे---- ओखर बताय(गाना)। एक नाचा पार्टी मा परी के संख्या तीन ले चार होथे। इही मन गम्मत मा बेटी, बहू, बहिनी , फूफू, मोसी, सास जेठानी के पात्र मा आथे।

        छत्तीसगढ़िया नाचा गम्मत के दूसरइया मुड़का पात्र हरय "नजरिया"।एला जनाना घलो कहे जाथे। यहू नारी पात्र आवय।परी मन के नाच गाना के पाछू अउ गम्मत शुरु होय के पहिली नजरिया मंच मा आथे। मंच मा आय के पहिली मंच के थोकिन दुरिहा ले अउ देखइया मन के बीच ले "अई होहहहह" कहिके हाँका पारत अउ गाना के मुखड़ा ला गावत धीरलगहा मंच मा आथे।नजरिया हा अपन मुड़ी मा फूल काँच के लोटा बोहे रथे। निमगा छत्तीसगढ़नीन बिहाता नारी के सवांगा मा रहिथे। मांग मा सेंदुर, कनिहा तक झुलत बेनी मा फुंदरा, नरी  मा मंगलसूत्र सूंता नइते रुपिया माला, हाथ के अंगरी मा मुँदरी, नखपालिस, अँइठी के संग बाहभर चूरी, दूनो बाँह मा पहुँची, कनिहा मा करधन गोड़ मा साँटी लच्छा अउ गोड़ के अंगरी मा बिछिया सोला सिंगार करे रथे। मंच मा आय पाछू  दू तीन ठन गाना गाथे अउ नाचथे। नजरिया हा गम्मम मा सास , भउजी, काकी, मामी, दुखिया डोकरी जइसन बिहाता नइते राड़ी के पाठ करथे।

      छत्तीसगढ़िया नाचा गम्मत के तीसरइया मुड़का पात्र हरय "जोक्कड़"। नजरिया के मंच मा चढ़े अउ ओखर नाचा गाना के आखिरी बेरा मा जोक्कड़ मंच मा आथे। मंच मा दू जोक्कड़ एक संग आथे। देखाइया मन उँखर पहिरावा अउ रंगरूप ला देख के हाँस डारथे। नजरिया के गाना मा थोकिन नाचथे पाछू दूनो जोक्कड़ के गोठ बात हँसी मजाक होथे।दोहा, शायरी, जनउला पूछथे गोठियाथे। इँखर गोठ बात अउ हाथ गोड़ मुहू के कला ला देख के नाचा देखाइया मन पेट चपक के हाँसथे। लइका चेलिक मोटियारी बुढ़वा सियान सबो इँखर गोठ बात अउ हँसी मजाक मा दिनभर के थकास ला भुला जाथे।आधा आधा घंटा ले आगर इँखर हँसी मजाक चलथे पाछू गम्मत के विषय के पात्र मा एमन अपन रुप धरथे। एक जोक्कड़ हा बेटा, दूल्हा, अनपड़, भाई, चोर, डाकू जइसन पाठ करथे दूसर जोक्कड़ हा संगवारी, बाप , ढेड़हा, ममा, समधी, पुलिस, डाक्टर, सरपंच, जइसन पात्र के पाठ करथे।गम्मत मा अउ पात्र मन के पाठ मा बजनिया मन घलो संग देथे।

   सिनेमा,फिलिम,टीबी सीरियल, यूट्यूब, इंटरनेट के आय ले लोक मनरंजन के साधन अउ संख्या बाढ़े हे फेर गम्मतिहा ला संउहत देखे के सँउख मनखे मन ला आज घलो नाचा गम्मत के मंच तीर सकेल लेथे।


हीरालाल गुरुजी "समय"

छुरा, जिला- गरियाबंद

(छत्तीसगढ़)9575604169


गम्मत = हास्य प्रहसन, मुड़का = आधार स्तंभ, थकास = थकान, पहाय = सूर्योदय, बजनिया = संगीत में साथ देने वाले,आगर = अधिक, असुसी = संतुष्टि, हाँका =आवाज देना, बिहाता= व्याहता,

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