Monday 26 April 2021

छत्तीसगढ़ अउ गोस्वामी


 


छत्तीसगढ़ अउ गोस्वामी  तुलसीदास जी के संबंध मे लिखे के पहिली महान भक्त कवि,भारत देश के महान जनकवि संत तुलसीदास जी के पांव परत हौं |

दो. नामु राम को कल्पतरु,

कलि कल्यान निवासु |

जो सुमिरत भयो भांग ते,

तुलसी तुलसीदासु ||

    भगवान श्रीराम के विशेष कृपादृष्टि से ही तुलसीदास जी ह विश्व के सब ले जादा लोकप्रिय,लोककथा,लोकगाथा "रामचरित मानस" लिखे हवंय |

     इही रामचरित मानस के द्वारा हमन जानेन-भगवान श्रीराम चंद्र जी के माता कौशल्या जी हमर छत्तीसगढ राज्य के खरौद तहसील स्थित कोसला गांव के बेटी आय,अर्थात भगवान श्रीराम चंद्र जी के नाना कोसल गढ़ के राजा रहिस |

*चौ.कोसलेस दसरथ के जाए,

हम पितु बचन मानि  बन आए*

    *तभे हमर छत्तीसगढ के संस्कृति म भांचा ल राम के स्वरूप मान के पांव पड़े के परंपरा हवय*

     *भगवान श्रीराम चंद्र जी ह बनवास काल म सरगुजा के रामगढ़ के पहाड़ी म कई बच्छर गुजारे रहिन | तभे विश्व के सबसे प्राचीनतम नाट्य शाला-रामगढ़ के पहाड़ में स्थित माने गए हवय*

     *इहां "सीताबेंगरा अउ जोगीमार गुफा" आज भी पौराणिक, धार्मिक,आध्यात्मिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक दर्शनीय स्थल विद्यमान हवय*

     *इहां सीता माता के चरण चिन्ह आज भी मौजूद हवय, भगवान श्रीराम चंद्र जी द्वारा स्वर्ण मृग के शिकार करे बर बीहड़ वन म चले जाए के बाद "हे लक्ष्मण" के आवाज सुन के माता सीता द्वारा लक्ष्मण ला अपन पति श्रीराम के रक्षा बर जबरन भेजे के कारन विशेष परिस्थिति में सीता जी के सुरक्षा हेतु"लक्ष्मण रेखा" ये"सीताबेंगरा गुफा में आज भी मौजूद हवय*

    *सीताबेंगरा गुफा के ऊपर ६३१ सीढ़ी चढ़े के बाद श्री राम-जानकी मंदिर,जानकी कुंड, सिद्ध गुफा आज भी विद्यमान हवय*

    *रामचरित मानस में उल्लेखित श्रृंगी ऋषि के आश्रम महानदी के उद्गम पहाड़ सिहावा में आज भी मौजूद हवय |

*चौ. श्रृंगी ऋषिहि बसिष्ठ बोलावा,पुत्रकाम शुभ यज्ञ करावा*

    *रामचरित मानस में उल्लेखित "मतंग मुनि के आश्रम -महानदी,पैरी,सोढ़ूल के संगम स्थल राजीम तीर्थ में आज भी विद्यमान हवय*

   *रामचरित मानस में उल्लेखित भगवान श्री राम द्वारा"नवधा भक्ति"  भक्त सबरी ला प्रदान करे रहिन तेकर तीर्थ -सबरीनारायण म आज भी मांघ पूर्णिमा से ले के एक महीना तक मेला लगथे,अउ भगवान श्री राम-जानकी मंदिर में श्रद्धालुगण पूजा-अर्चना करथें*

    *बनवास काल में भगवान श्री राम चन्द्र जी,माता सीता जी अउ छोटे भाई लक्ष्मण वन गमन करते हुए छत्तीसगढ़ के उत्तर से दक्षिण दंडकारण्य क्षेत्र में बीहड़ जंगल पार करते हुए सीता जी के खोज में बस्तर क्षेत्र से दक्षिण भारत होते हुए रामेश्वर के पास "रामसेतु निर्माण उपरांत  समुद्र पार करके लंका पहुंचे रहिन*

*चौ. दंडक वन प्रभु कीन्ह सुहावन,जन मन अमित नाम किए पावन*

     *ये प्रकार से छत्तीसगढ़ अउ गोस्वामी तुलसीदास जी के विशेष संबंध हवय*

   *राम सों बड़ो हैं कौन*

    *मो सो कौन छोटों*

*राम सों खरो हैं कौन*

    *मो सो कौन खोटो*


 *हरि अनन्त हरि कथा अनंता*

   *जै श्री राम*


दिनांक-२६.०४.२०२१


*गया प्रसाद साहू*

   "रतनपुरिहा"

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