Monday 26 April 2021

पृथ्वी दिवस-चित्रा श्रीवास*

 *पृथ्वी दिवस-चित्रा श्रीवास*

 

*समुद्र वसने देवी पर्वत स्तनमंडले।

विष्णुपत्नी नमस्तुभ्यं पादः स्पर्श क्षमस्वमे।


संस्कृत के ये श्लोक के अर्थ होथे समुद्र रूपी ओनहा ला पहिरइया,पहाड़ ला धारण करइया,जेहा संसार के पोषण करत हे,विष्णु के पत्नी हे देवी मै अपन पाँव ले तोला छुवत हवँ तेकर बर मोला माफी देबे।


    रोज बिहनिया भुइयाँ मा पाँव रखे ले पहिली ये मंत्र ला हमन पढ़िथन अउ भुइयाँ ला प्रणाम करके अपन पाँव ला भुइयाँ मा रखथन। हमर संस्कृति मा भुइयाँ,तलाव- नदियाँ, रुख-राई,पहाड़, जीव-जंतु ला देवी देवता माने गिस अउ ओखर संरक्षण के बात कहे गिस।   


     लेकिन विकास के संगे संग मनखे अपन संस्कृति ले दूर होवत गिस ।अंधरा कस विकास के पीछू भागत मनखे जंगल ला काट डारिस,नदियाँ, नरवा तरिया ला पाट दिहिस अउ सीमेंट के जंगल उगा डारिस ,खेती के भुइयाँ बड़े बड़े माल मा बदल गिस ,कारखाना धुआँ उगले लगिस।। प्रकृति के कोनो प्रकार के विनाश करे बर मनखे नइ छोड़िस।जेखर परिणाम मा प्रकृति के रौद्र रूप हा दिखे लगिस।ओजोन परत जेहा सूरज के पराबैंगनी किरण  ले हमर रक्षा  करथे मा छेद हो गिस।जंगल कटाई अउ ग्रीन हाउस गैस के लगातार उत्सर्जन ले भुइयाँ के ताप बाढ़े लगिस जेला ग्लोबल वार्मिग नाम देहे गिस।ग्लोबल वार्मिग के कारण अगर अइसने भुइयाँ के ताप बाढ़त जाहि तब उत्तरी अउ दक्षिणी ध्रुव जिहा बारहों महिना बरफ जमें रहिथे तेखर अउ पहाड़ के ग्लेशियर मन के पिघले के चिंता सताय लगिस।काबर इँखर पिघले ले पूरा भुइयाँ हर जल मा समाहित हो जाही। अब मनखे हा पर्यावरण के बारे मा सोचे लगिस। भुइयाँ ला बचाये के उदिम करे लगिस इही कड़ी मा 1970  ले पूरा विश्व मा 22 अप्रैल के पृथ्वी दिवस मनाये के परंपरा चले आवत हे। 1972 के स्टाकहोम सम्मेलन, 1992 के रियो पृथ्वी सम्मेलन,2002 के जोहान्सबर्ग पृथ्वी सम्मेलन अउ 2016 के पेरिस सम्मेलन मा विश्व स्तर मा  पृथ्वी ला बचाये के उदिम करे के बात कहे गिस ।ये बछर के पृथ्वी दिवस के थीम हवे-हमारी पृथ्वी  को पुनर्स्थापित करें। अब सोचे के बात ये हवे कि साल भर मा एक दिन दिवस मनाय ले या फेर सम्मेलन करे ले का होही।भुइयाँ ला बचाय बर जनजागरूकता जरूरी हे ,मनखे अपन स्वार्थ ला छोड़य,बड़े-बड़े देश मन कार्बन उत्सर्जन ला कम करंय तभे तो ये दिवस मनाये के सार्थकता हे।तभे  हम नवा पीढ़ी सप्फा भुइयाँ दे पाबोन।अभी घलो समय हे चेत जावन अउ भुइयाँ ला बचा लेवन नही त अवइया पीढ़ी हमला कभू माफ नइ करही।



चित्रा श्रीवास

बिलासपुर 

छत्तीसगढ़

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