Thursday 15 April 2021

जीतबो कोरोना ले जंग*

 

*विषय- जीतबो कोरोना ले जंग*


ये माना जिंदगी है चार दिन की

बहुत होते हैं यारों चार दिन भी

       फिराक गोरखपुरी


एमा कोनो दू मत नइये के आज सरी दुनिया कोरोनो महामारी ले त्रस्त हे। जेती देखबे तेती हाहाकार मचे हे।संकट के बादर उमड़ घुमड़ के छावत हे, बरसत हे।

   अइसन विपदा के समे हमला का करना चाही ? --ये बहुतेच विचारणीय प्रश्न हे। सबसे पहिली बात तो ये हे के हमला ये महामारी ले बिना दहशत म आये डटके मुकाबला करना चाही। ये समे ये बीमारी ले लड़े बर  धैर्य के हथियार होना बहुत जरूरी हे। ये बात ल सदा याद  राखे ल परही के --समे के फेर होके रहिथे। अभी दुख के दिन हे त सुख के दिन लहुट के आबे करही। दिन-रात, धूप -छाँव तो लगे रहिथे। ये तो प्रकृति के अटल नियम हे। जब घुरवा के दिन बहुर जथे त हम तो समुंदर ल मथे म सक्षम ,असभंव ल तको संभव कर देने वाला सर्वशक्तिमान के शक्ति सम्पन्न अंश अन त का हमर दिन नइ बहुरही ? जरूर बहुरही ,सोला आना बहुरही ।हम फेर आनंद के सागर म गोता लगाके रहिबो। समे ह बड़े बड़े घाव ल भर देथे। चाहे हमर गलती से होवय या फेर कुछु कारण ले ---अभी गहिर घाव मिले हे त विश्वास रखौ मलहम तको मिलके रइही। शर्त अतके हे हमला अपन मनोबल ल बनाके रखे ल परही। संकट ल देखके शुतुरमुर्ग सहीं घेंच ल रेती म खुसेरे ल काम नइ बनय। बल्कि सावधान होके लड़े बर हिम्मत देखाये ल परही। कहे गे हे-"हिम्मते मर्दे मददे खुदा।"

      हम कोरोनो ले जीत के रहिबो---सौ प्रतिशत जीतके रहिबो। जइसे दिया ह बुझाये के पहिली भभकथे तइसने ये कोरोना ह भभकत हे।ये अब बुझाने वाला हे। वेक्सीनेशन  अउ हमर मन के कोरोना गाइडलाइन के पालन, मास्क के उपयोग के आगू म कोरोना अब टिकने वाला नइये।

          तूफान आय हे त गुजर जाही। हमला कोरोनो ले जीते बर अपन सोच ल सकारात्मक रखना जरूरी हे। सोशल मिडिया के नाना प्रकार के अफवाह ले बाँच के रहना हे।

 मनखे ह जे देखथे, पढ़थे वो बात मन वोकर दिलों दिमाग म गूँजत रहिथे। रात दिन टी वी चैनल अउ पेपर मन म बस मौत--मौत-- मौत के खबर छाये हे ,जना मना सृष्टि ले जिंदगी सिरागे हे। इनला देखना, पढ़ना बंद करे बर लागही काबर के ये मन जागरूकता कम, दहशत फैलाये के काम जादा करत हें।

पढ़ना हे त सदग्रंथ अउ साहित्य भरे पड़े हें जेन मन जीवन रस छिंचथें, सब्र करना सिखाथें ,उदासी ल हटाके मन ल हल्का करथें। हम लाकडाउन के बेरा के घर म बइठे बइठे अइसन रचनात्मक काम म सदुपयोग करके कोरोना ले लड़े बर तैयार हो सकथन।

      अभी हम सबला आपदधर्म निभाये के बहुतेच जरूरत हे। अइसे कोन होही जेकर मन ह बाहिर म घूमे-फिरे अउ खाये-पिये के नइ होवत होही ?फेर ये संकट के घड़ी म बिना ना नुकुर के कोरोना गाइडलाइन के पालन करना हम सबके जिम्मेदारी हे। सावधानी ह सबले बड़े सुरक्षा हे। संतुलित भोजन, पर्याप्त नींद ,योग-ध्यान अउ चिंता रहित दिनचर्या ल अपनाके कोरोना बैरी ल हम परास्त कर सकथन।

 वो दिन दूर नइये जब कोरोना हारही अउ हम जीतबो।

*जीतबो कोरोना ले जंग।*

  *रहिबो सावधानी संग।*

   *घर में राहौ,त्याग उदासी*

 *राखौ हिमम्त, मन ला चंग।*


चोवा राम वर्मा 'बादल'

हथबंद, छत्तीसगढ़

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