Friday 9 April 2021

मोर नजर म आनलाईन परीक्षा*

 *मोर नजर म आनलाईन परीक्षा*

     

    *परीक्षा के शाब्दिक अर्थ होथे-"पर+इच्छा" | परीक्षा के स्वरूप खूब व्यापक होथे-जैसे कोनो रुग्ण मनखे ह सुंदर कंचन काया अउ बलिष्ठ शरीर पाए बर किसम-किसम के उजोग करथे,भरपूर पौष्टिक आहार के साथ-साथ योगा,प्राणायाम,कसरत,दौड़, दंड-बैठक आदि, तब ओ मनखे ह मनवांछित सुंदर कंचन काया, हृष्ट-पुष्ट सरीर पाही के नहीं ? तेन ला स्वयं के निरोगी काया प्राप्त करे के परीक्षा कहि सकथन*

      * *गरीब मनखे मन दिन-रात खूब मेहनत करके लखपति,करोड़पति बने बर यत्न करथें,तेमा कोन,कत्तेक सफल होथैं ? एहा धन संचय प्राप्त करे के परीक्षा माने जाही*

    *तईसने ज्ञान के पुजारी विद्यार्थी,सिद्धि,साधक मन खूब मेहनत करके ज्ञान संसार म अपन विशिष्टता,दिव्यता हासिल करना चाहथैं, तेमा कोन, कत्तेक सफल होथैं?*

    *कला के पुजारी मन कठिन रियाज करके कला के क्षेत्र म विशिष्टता दिव्यता हासिल करना चाहथैं, तेमा कोन, कत्तेक सफल होथैं ?*

    *अर्थात कोई भी क्षेत्र म अपन विशिष्ट पहचान, उपलब्धि हासिल करे बर कठिन परीक्षा से गुजरना पड़थे*

      *सब से मुख्य बात स्कूल-कालेज म जऊन परीक्षा आयोजित होथे,तऊन ला मैं अपन मति अनुसार"परीक्षा" संबोधित नइ करना चाहौं, बल्कि एला -"गुरू इच्छा" से संबोधित करना जादा उचित समझथौं*

       *काबर के एमा "गुरू इच्छा" ही सर्वोपरि होथे, विद्यार्थी के द्वारा घर बैठे प्रश्न के हल करके डाक द्वारा भेज देथें,तेला "गुरू इच्छा" कईसे कहे जाही ?*

    *आनलाईन परीक्षा के गोठ-बात करत हन,एमा आनलाईन परीक्षा के माध्यम से पढ़े-लिखे शिक्षित बेरोजगार मन लेपटाप,कम्प्यूटर द्वारा आनलाईन परीक्षा दिला के मनवांछित रोजगार पाथैं,अपन कैरियर बनाथैं*

    *लेकिन पीछू बच्छर ले ये विश्वव्यापी कोरोनावायरस के महामारी से यथासंभव बचाव खातिर शासन-प्रशासन,माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, विश्वविद्यालय द्वारा स्कूल, कालेज के विद्यार्थी मन बर "आनलाईन परीक्षा" निर्धारित करे गए हवय,तऊन ह मोला खूब हास्यास्पद लगथे !*।    *ये अजीबोगरीब परीक्षा म विद्यार्थी मन घर बैठे किताब,कुंजी द्वारा खूब मन भर लिख के अपन स्कूल,कालेज म जमा करथें,या डाक द्वारा भेज देथें !*

    *अईसन व्यवस्था से गदहा लईका जऊन स्वभाव से चिटिंग करके परीक्षा दिलावत रहिन,ऊंकर भाग जाग गे, अउ जऊन खूब मेहनत करके परीक्षा दिलाने वाला विद्यार्थी मन कम नंबर पा जाथें,काबर के ओमन नकल करे बर जानबेच नइ करैं !*

     *ये सिस्टम म होसियार विद्यार्थी निरास हो जाथें,अउ नकलची विद्यार्थी के बल्ले-बल्ले हो जाथे* 

     *अर्थात ये सिस्टम म हंस चुगेगा दाना-तिनका,कौंआ मोती खायेगा, सिद्धांत ला बढ़ावा मिलथै !*

    *कालेज के कतको विद्यार्थी मन डाक द्वारा भेजे म निर्धारित डाक खर्च लगथे, सोच के कालेज म स्वयं आ के जमा करना चाहथें, जेकर से कालेज म अपार भीड़ हो जाथे, कई कालेज के कर्मचारी-अधिकारी कोरोना ग्रसित होवत जाथैं !*

    *तेकरे सेति मैं ये हास्यास्पद आनलाईन परीक्षा के घूर विरोधी हवंव !*


    *गया प्रसाद साहू*

        "रतनपुरिहा"

मुकाम व पोस्ट-करगी रोड कोटा जिला बिलासपुर ,(छ.ग.)

दिनांक-०८.०४.२०२१

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