*जीतबो कोरोना ले जंग*
पोखन लाल जायसवाल
ए सच आय कि अभी के समे म चारों मुड़ा निराशा के घटाटोप बादर छाय हे। सबो कोति कोरोना रार मचाय हे। का गाँव,का शहर?कति गरीब कति बड़हर? दिन चिह्ने न रात, सब ल अपन चपेट म लेत हवै। घबराय के बात नइ हे। समे थोरिक आन जरूर हे। मन म डर हमाना स्वाभाविक ए, फेर मन के हारे हार हे अउ मन के जीते जीत। डर ल अपन ऊपर चढ़न झन देवन एकर ले हमर आत्मविश्वास कमती होही। डर के अइसन बेरा म एक दूसर के हौसला बढ़ाय के रखे परही। हिम्मत के संग लड़ना पड़ही। हम ल अपन मनोबल बढ़ाय बर कहूँ जाय के जरूरत नइ हे। तिर तखार म सकारात्मक जिनीस ल झाँके के जरूरत हे। सरी दुनिया जानथे कि चढ़त बेरा उतरथे घलव, तहान नवा दिन के संग नवा अंजोर ले के आथे। बिपत के समे म घड़ी थोरिक रुक गे हे कहे बानी जनाथे। अइसन होय नइ। घड़ी के जेन काँटा ऊपर जाथे, उहीच काँटा खाल्हे च आथे। नदिया के पूरा कब लम्बा खींचाय हे। हाँ जउन नुकसान होय रहिथे, ओकर पूरती संभव तो नइ रहै। जिनगी रुके के नइ चाही। संकट ले बिपत ले कब तक मुँह लुकाबो। संघर्ष तो करेच बर परही। तभे तो इतिहास लिखाही।
इतिहास ल झाँक लन। चेचक(चिकनपॉक्स) ले बाँच गे हन। जउन रनपिट्टा रार मचाय रिहिस। कतको प्राकृतिक आपदा ले उबर गे हन। फेर यहू ल हरा के रहिबो। ए कोरोना ले जंग हम जरूर जीतबोन। जीते के चाही त लड़े बर परही। लड़े के पहिली अपन हथियार धैर्य, साहस, विश्वास मन ल टेंव के जरूरत हे। नकारात्मक समाचार देख सुन के साहस खोना नइ हे। धैर्य बना के रखे के चाही। वैज्ञानिक मन के अविष्कार अउ डॉक्टर मन के इलाज म विश्वास करना ए समे के जरुरत हे। जतका हो सके नकारात्मक समाचार मन ले बाँचे के कोशिश करन। अपन आप ल कोरोना ले जुरे खबर ले दूर कर लन। काबर कि कोरोना के लक्षण अउ बाँचे के सरी उपाय ले परिचित हन।
घोर घोर के एके जिनिस के बारे म देखे सुने ले चेत उहें लगे रहिथे। चेत ल बिलमाय बर घर परिवार के जम्मो सदस्य मिल बइठे के हाँसन गोठियान। गीत संगीत ले मनोरंजन करन। सद्साहित्य मन ले लइका मन ल जोरे के कोशिश करन। घर के काम-बूता ल मिलबाँट के करे जाय। बूता कमती रहे ले योग अउ व्यायाम के सहारा लन। ए सब ले हमर सबो तरा के विकास संभव हे। आपस म हमर संबंध अउ मजबूत होही। ए मजबूती हम ल अउ ताकत दिही। एक अउ एक ग्यारह बनही। अब जब वैक्सीन आगे हे त ढिलाई नइ दिखाना हे। दुश्मन ल कभू कमती नइ आँके के ए। अपन बारी म वैक्सीनेशन जरूर करावन।
एक बात अउ सुरता राखे के हे कि अपन सुरक्षा, अपन हाथ। कोरोना ले बचे के जम्मो उपाय ल अपनावन। निश्चित हे, जब कोरोना ल हम आश्रय नइ देबो त ओकर हार तय हे।
*कोरोना ले जीतबो, मिलके सबझन जंग।*
*हँसी-खुशी ले रंगबो, जिनगी के सब रंग।।*
पोखन लाल जायसवाल
पलारी बलौदाबाजार
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