Friday 17 March 2023

सन्तुलित बजट

 सन्तुलित  बजट 


   दारू के  बढ़त  प्रभाव  कुप्रभाव ला  देखत  हुए  मद्य विभाग के मंत्री हर अपन विभाग के सबो सचिव के एक पइत बैठक  बुलाइस कहिस -" केंद्र सरकार ये बछर दारूबंदी बछर घोषित करय,एकर बर राज्य मन ल अनुदान घलो दे जही।दारू ले होव इया नकसान, अउ जोखिम ला जन -जन तक हम ल पहुँचाना हे, एकर बर बडका कार्यक्रम के रूपरेखा घलो बनाय जाए, पूरा बछर के लेखा- जोखा आय-व्यय के बजट तुरते बनावय,मद्यनिषेध के  ये कार्यक्रम बर केंद्र  सरकार ले  ईनाम हमी ल मिलना चाही। दस दिन मा बजट बना के मोर  सामने  स्वीकृति बर रखे  जाय। 

    दस दिन पाछू मद्य विभाग के बजट, मंत्रीजी के नस आघु  रखे  गइस ।

    बजट मंत्रीजी के आघु रखत हुए प्रमुख सचिव हर  कहिस -" सर, बिशेषज्ञ मन कार्यक्रम के खर्चा, पोस्टर्, भाषण, कार्यशाला, विज्ञापन अउ ईनाम शुद्धा सात सौ करोड़ के बजट बताय हवे, जउन हमर आय ले सौ करोड़ अधिक आय। अब आपे  बतावव खर्चा मा  कहाँ ले कतका खर्चा कम करन, के  बजट  सन्तुलित हो जावय । "

    मंत्रीजी हर एक नजर बजट मा डारत हुए  कहिस -" खर्चा मा कोनो कटौती झन करें जाए । सबो  कार्यक्रम बने अउ प्रभावी हवे । हम ल पूरा जोस अउ होस के साथ दारूबंदी  बछर मनाना हवे । हमर राज्य दूसर ले आघु  रहना  चाही। "

    फेर सरजी,  वो सौ करोड़ कहाँ ले आही ? केंद्र एकर ले ज्यादा नी दे सकय। अपन वित्त मंत्रालय भी  कहत हवे कि, आप अपन आय हिसाब ले खर्चा  करव। हम कुछु नी दे सकन । एकर सेती सरजी, कुछु आयटम तो कम करे ल पडहीच। आपे  बतावव, कोन-् खर्चा कम करन।"  मुख्य सचिव ह  सब स्थिति ल  बनेगा फोरिया के कहिस।

   मंत्री महोदय  सरी बात ल सुनके एक घाव सबो कोती बजट  ऊपर  नजर डारिस अउ  कहिस -" नी -नी, दारूबंदी बछर धूम-धाम ले मनाना हवे । देखत नी अस, युवक मन मा ऐकर प्रवृत्ति बाढ़त जात हवे । हम ल सबो ल सोच के उपाय ल काम मा  लाना  हवे ।"

    "फेर सर, वो ...  बजट...."

    " तेहर वोकर फिकर झन कर।सरी कार्यक्रम  तुरन्ते लागू  करव। हमर विभाग  के नाम  होना चाही बस । खर्चा के फिकर नी हवे, बजट सन्तुलित हो जाहीबरोबर होही ।" मंत्री महोदय हर सचिव के बात  काटत हुए अउ आय के लेखा जोखा देखत हुए फट ले कहिस ।

             दूसर दिन, मद्य विभाग मंत्रालय ले दू सौ करोड़ के नवा दारूघर और नवा दारू करखाना बर  लाइसेन्स जारी कर  दे गिस। होइस न सुग्घर संतुलित बजट । 

                डॉमीताअग्रवाल मधुर

रायपुर छत्तीसगढ़


   दारू के  बढ़त  प्रभाव  कुप्रभाव ला  देखत  हुए  मद्य विभाग के मंत्री हर अपन विभाग के सबो सचिव के एक पइत बैठक  बुलाइस कहिस -" केंद्र सरकार ये बकरा दारूबंदी बछर घोषित  करय,एकर बर राज्य मनल अनुदान घलो दे जही। दारू ले होव इया नकसान, अउ जोखिम ला जन जन तक हम ल पहुँचाना हे, एकर बर बडका कार्यक्रमों के रूपरेखा बनाय जाए, पूरा बछर के आय-व्यय के बजट तुरते बनावय,मद्यनिषेध के  ये कार्यक्रम बर केंद्र  सरकार ले  ईनाम मिलना चाहि। दस दिन मा बजट बना के मोरे  सामने  स्वीकृति बर   रखे  जाना चाहि । 

    दस दिन पाछू मद्य विभाग के बजट, मंत्रीजी के सामने  रखे  गइस ।

    बजट मंत्रीजी के आघु रखत हुए प्रमुख सचिव हर  कहिस -" सर, विशेषज्ञ मन कार्यक्रम के खर्चा, पोस्टर्, भाषण, कार्यशाला, विज्ञापन अउ ईनाम शुद्धा सात सौ करोड़ बताय हवे, जउन हमर आय ले सौ करोड़ अधिक आय। अब आपे  बतावव खर्चा मा ले कहाँ कतका खर्चा कम करन, के  बजट  सन्तुलित हो जावय । "

    मंत्री महोदय हर एक नजर बजट मा डारत हुए  कहिस -" खर्चा मा कोनो कटौती झन करे जाए । सबो  कार्यक्रम बने अउ प्रभावी हवे । हम ल पूरा जोस अउ होस के साथ दारूबंदी  बछर मनाना हवे । हमर राज्य दूसर ले आघु  रहना  चाहि। "

    लेकिन सर,  वो सौ करोड़ कहाँ ले आही ? केंद्र एकर ले ज्यादा नी दे सकय। अपन वित्त मंत्रालय भी  कहत हवे कि आप अपने आय अनुसार खर्चा  करव। हम कुछु नी दे सकन । एकर सेती सर, कुछ आयटम तो कम करे ल पडहीच। आपे  बतावव, कोन-् खर्चा कम करन।"  मुख्य सचिव ह स्थिति ल स्पष्ट  करत  हुए  कहिस।

   मंत्री महोदय  सरी बात ल सुनके एक घाव सबो कोती बजट  ऊपर  नजर डारिस अउ  कहिस -" नी -नी, दारूबंदी बछर धूम-धाम ले मनाना हवे । देखत नी अस, युवक मन मामा ऐकर प्रवृत्ति बाढ़त जात हवे । हम ल सबो ल सोच के उपाय ल काम मा  लाना  हवे ।"

    "फेर सर, वो ...  बजट...."

    " तेहर वोकर फिकर झन कर।सरी कार्यक्रम  तुरन्ते लागू  करव। हमर विभाग  के नाम  होना चाहि । खर्चा के फिकर नी हवे, बजट सन्तुलित हो जाही ।" मंत्री महोदय हर सचिव के बात  काटत हुए अउ आय के लेखा जोखा देखत हुए  कहिस ।

    दूसर दिन, मद्य विभाग मंत्रालय ले दू सौ करोड़ के नवा दारूघर और नवा दारू करखाना बर  लाइसेन्स जारी कर  दे गिस। 

                   डॉ मीता अग्रवाल मधुर

रायपुर छत्तीसगढ़

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