Sunday 5 March 2023

बियंग "यात्रा"

 बियंग "यात्रा"

सपना देखना कोई बुरा बात नो आय ।सपना देखे के आजादी सब ल हे सब सपना देख सकथे। लाइका सियान जवान सब अपन अपन उमर के हिसाब ले सपना देख सकथे। जिनगी के जम्मो सुख सपना म मिलथे।इंहा फकीर मंत्री, प्रधानमंत्री, संन्यासी बाबा,अडानी, अंबानी, बने के सुख भोग सकथे।

       कतको मार काट के बाद तो हम मन ल आजादी मिलीस फेर हमर देश मा बोले गोठियाय के आजादी बड़ खतरनाक हे। देश के दू कुटका होगे तभो ले देश के बुढ़वा बुढ़वा पढ़हईया  मन ल अऊ आजादी चाहि। देश के विकास मां ये बुढ़वा बुढ़वा पढ़हईया मन के का योगदान हे यहू विचार करे के बात आए ।इहां हर चीज म 'एक्सपायरी डेट' रहीथे फेर इंकर पता नहीं ? जाहिर (संच) से बात आए  एमन नौकरी करें के नाम से तो नी पढ़हत हो ही ।वो कहिथे  न" ऊपर वाला दे खाए बर तक कोन जाए कमाए बर" इहां सरकार ह जनम, ले ले के मरन , तक ठेका ले लेहे। पेट म हे त महतारी ल पौष्टिक भोजन फोकट, जचकि फोकट ,लईका बर डलिया फोकट ,आंगनबाड़ी फोकट, स्कूल मां किताब स्कूल डरेस फोकट, बरबिहाव बर पईसा फोकट,आवास फोकट राशन फोकट, पेंशन फोकट ,त अऊ का रोजगार चाहि?

रामराज म दूध मिले, कृष्ण राज म घी

कलयुग म दारु मिले,चांऊर बेच के पी।कका जिंदा हे।

               हमर डोकरी दाई के मुंहू ले सुने हन रथ यात्रा, तीरथ यात्रा, अब तो किसिम, किसिम के यात्रा सुनें बर मिलथे। हमर गली म आठ, दस झन मनखे मन हाथ जोड़े जोड़े रेंगत राहय, ।डोकरी दाई पूछथे  एमन काय वाले आय बेटा ,में बताएव ये अमुक पारटी वाले आए दाई, हाथ जोड़ो यात्रा निकाले हे, दाई कथे हाथ  ल जोड़ दीही त कामे खाबोन बेटा ।मे कहेव इकर भाषण मे तो हमार पेट भर जथे दाई, अऊ काए खाय ल पकड़ी। खाए के ठेका तो पोगरी ,पोगरी इही मन ल मिलेथे।

            डोकरी दाई कथे फेर समाचार मे तको का भारत जोड़ो यात्रा काहत रिहीस बेटा, कश्मीर ले लेके कन्याकुमारी तक ,कते कते कर टूट गेहे बेटा? मोरो दिमाक भन्नागे तहूं वो दाई एमन नेता आय इंकर बस चल ही ते पाकिस्तान ,बांग्लादेश ल घला जोड़ दीही ।दाई कथे ले रहन दे बेटा पीओके ,एल ए सी ल देखत देखत  कनिहा  नवगे।में केहेव दाई ये नवा भारत आए इहां कुछ भी हो सकथे  जईसे बॉलीवुड (फिलिम) मां ब्लाउज अऊ लहंगा (बिकनी)पहिन के करोड़ों कमा लेथे अऊ दिनभर घाम म टघलत कमईया मन मजूरी बर लुलवात रहिथे ।आज घला शोषण करईया मन राज करत हे।सिरिफ नाम बदल गहे।

                 आजकल यहू यात्रा घलो फईसन बन गहे जेला देखेबे तेला यात्रा निकालत हे। कोनो न्याय यात्रा ,कोनो पद यात्रा निकालत हे ।फुसर्री, फुसर्री बात मां यात्रा। एक समय राहय जब मनखे के  शव यात्रा म मनखे मन मठ देवालय तक रेंगत ,रेंगत संग म जाय, अब तो आदमी मन भारी बिजी। दू पहिया, चार पहिया ,म सीधा मठ देवालय तक पहुंचथे जईसे मुरदा से मिले के अपाईमेंट मिले हे। आज घलो जिंदा अऊ मुरदा के एके हाल हे। इहां कतको के "यात्रा "खटली म त कतको के "यात्रा" स्वर्ग रथ म होथे।'राम नाम सत् हे-------------।

                 फकीर प्रसाद साहू

                '  फक्कड़' सुरगी,

                    २५-३ -२०२३

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