Friday 31 March 2023

संस्मरण-छठमी देवी दर्शन

 संस्मरण-छठमी देवी दर्शन 


बात बीएस सी सेंकड इयर 2005 के आय। साल भर पढ़ाई लिखाई के बाद बारी आइस पेपर के। नोटिस बोर्ड मा छोट कन कागज मा चिपके जम्मो पेपर के टाइम ला झट झट महूँ एक ठन छोट कागज मा लिख के, घर मा आके बढ़िया फेयर करके दीवाल में चिपका देंव। अउ एक एक करके टाइम मा सबें पेपर ला बढ़िया देवायेंव, अब बारी आइस आखरी पेपर गणित के। गणित के तीन पेपर मा सेकंड पेपर नवरात्रि बर सपड़े रिहिस। तैयारी लगभग बढ़िया रिहिस तभो रोज पढ़ों। फेर चैत नवरात्रि के सेवा जस ला तको नइ छोड़ों, रोज गाना बजाना चले, देखते देखत एक्कम ले छठमी आगे।

                      सप्तमी के पेपर अउ अठमी के गांव मा हवन पूजन हे कहिके ,सँगी मन संग छठमी के ही दिन अधरतिहा बाजा गाजा धरके सेवा जस गावत रेंगत, निकल गेन दाई बमलाई के दर्शन बर डोगरगढ़। गांव ले डोंगरगढ़ जावत रद्दा मा खूब सेवा गीत गायेन, अउ हमरे संग छत्तीसगढ़ अउ बाहर ले दर्शन करे बर जावत बड़ अकन दर्शनार्थी चलेल लगिस। सब सुद्धा पहुँच के माता रानी के दर्शन करेन, अउ गावत बजावत  घर तको आगेंन। थोर बहुत अउ पन्ना पलट के बिहना पेपर देवाये बर पहुँच गेंव दिग्विजय कालेज नांदगांव। जाके अपन रोल नम्बर मेर बइठ तको गेंव,आघू पाछू ला रहिरहि के देखंव, अउ सोंचँव, कइसे पेपर देवाये बर कोनो सहपाठी सँगी नइ आय हे? आखिर दूसर क्लास के परीक्षार्थी मन ल पेपर मिलगे, महूँ हाथ उठावत पेपर माँगेंव। सर कहिस- कोन क्लास? मैं केहेंव- बीएससी सेकंड इयर मैथ्स के दूसर पेपर। सर सुनते ही आफिस कोती पूछे बर गिस, अउ आके जे बात बोलिस तेला सुनके मैं सुधबुध खोके उही मेर गिर गेंव। थोरिक देर बाद जब होस आइस, तब अपन आप ला प्रिंसिपल मोहबे मैडम जी के कमरा मा पायेंव। मैडम मोला धीरज धरावत किहिस, कोनो बात नही, अगला पेपर के बढ़िया तैयारी कर।

                 मैं फफक के रो परेंव कि ए साल मोर महिनत फालतू होगे, काबर कि टाइम टेबल लिखत बेरा एक दिन आघू डेट लिख परे रेहेंव। अउ जे दिन पेपर रिहिस वो दिन डोंगरगढ़ घुमत रेहेंव। गणित के hod श्रीवास्तव सर तको किहिस, रो मत बेटा। मैं केहेंव फेल हो जहूँ सर कइसे नइ रोवँव। सर किहिस का तोला नइ पता?  तीनो पेपर मिलाके 150 में पास होय बर 50 पाना रथे। ये बात ला सुनत तन मा जान आइस। अउ माता बमलाई के आशीष तो रिहिसेच। देवी दर्शन के सुख अउ पेपर छूटे के दुख, दूनो ला शब्द दे पाना मुश्किल हे।  एक पेपर छूटे के बाद तको मोर फस्ट डिवीजन के सपना नइ टूटिस, दूनो पेपर मिलाके बढ़िया नम्बर आ गे रिहिस। आजो वो मार्कसीट ला देखथों अउ वो बेरा के सुरता करथों, ता सुखद अउ दुखद नजारा आँखी आघू झूल जथे। परीक्षार्थी मन ला पेपर के टाइम टेबल लिखत बेरा बने धियान देना चाही, नही ते अइसने होथे।


जीतेन्द्र वर्मा" खैरझिटिया"

बाल्को,कोरबा(छग)

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