Sunday 7 August 2022

छत्तीसगढ़ के गंवई-गांव के पुरातन मशीन/औजार


 *//छत्तीसगढ़ के गंवई-गांव के पुरातन मशीन/औजार //*

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     *छत्तीसगढ़ के गांव-घर म खेती-किसानी  अउ निस्तारी के औजार/मशीन मन आज कई प्रकार के आधुनिक कृषि यन्त्र के आविष्कार होय ले इंकर उपयोगिता ह कुछ कमती भले हो गए हवय लेकिन अनुपयोगी कभू नइ होवय |  कुछ औजार के उल्लेख जैसे :-*

*नांगर*- *जब कोनो खेत म ट्रेक्टर नइ जाय सकय, या धान बियासी के काम नांगर -बैला से ही संभव होथे*

*बैल गाड़ी*- हर किसान अउ हर परिस्थिति म ट्रेक्टर उपयुक्त नइ रहै,तब बैल गाड़ी ही काम आथे |

*बेलन*- धान मिजाई बर ट्रेक्टर के अभाव म बेलन ही उचित साधन होथे |

हार्वेस्टर थ्रेसर के अभाव म हाथ पंखा सदा दिन उचित साधन आय |

*जंतवा,ढेकी*- आज गांव-गांव म हालर मिल अउ आटा चक्की उपलब्ध हवय,लेकिन सूदूर वनांचल गांव म कोनो -कोनो घर म ढेकी,जंतवा उपलब्ध हवय, एकर उपयोगिता आड़े बखत म सदा दिन बरकरार रहिही |

*मंगठा*- बड़े -बड़े कपड़ा मिल स्थापित होय ले अउ टेरीकाट,टेरीलीन कपड़ा निर्माण होय लगिन जउन सस्ता म उपलब्ध हो जाथे, लेकिन सैकड़ों -हजारों साल तक खादी/सूती कपड़ा हमर पुरखा मन बउरत रहिन | एक जाति विशेष कोष्टा अउ कोरी मन के कई पुरखा तक "मंगठा" द्वारा कपड़ा बुनाई करके जीविका के मुख्य साधन रहिस | 

*चाक*- कुम्हार जाति के कतको मनखे आज भी "चाक" के माध्यम से देवारी तिहार बर दीया अउ बिहाव संस्कार बर कलश करवा, नांदी,दीया अउ गर्मी के दिन म ठंडा पानी पीए बर करसी, सुराही के निर्माण करथें |

*तेल घानी*- हमर पुरखा मन कई पीढ़ी तक "तेल घानी" से तेल पेरत रहिन अउ ऐतराब भर शुद्ध तिल तेल, अरसी, सरसों, मूंगफली तेल के पूर्ती करत रहिन, लेकिन अब बिजली से चलने वाला तेल घानी स्थापित होय ले हमर जीविका के मुख्य साधन "तेल घानी" ह नंदा गईस!

   * *अब कोस्टा घर कोस्टउंहा नहीं*

     *तेली घर पेरल तेल नहीं*

     *पुरखौती बूता लुटा गे*

    *रोजगार एको -अधेल  नहीं*!!


   *सिलौटी*- मिक्सी ग्राईंडर मशीन के आविष्कार होय से "सिलौटी" के उपयोगिता भले कम हो गए हवय, लेकिन मिक्सी म पीसे चटनी,उड़द दाल के बड़ा के तुलना सिलौटी म पीसे चटनी अउ बड़ा के सेवाद कई गुना जादा होथे |

    "जब घर म कुछु दु:ख-सुख के काम रहिथे अउ चटनी,दाल ल मिक्सी म पीसे बर बिजली गुल रहिथे, तब अंततः सिलौटी म चटनी,दाल पीस के काम ल पूरा करथैं |

    *अर्थात आड़े बखत म (अड़चन के समय) "सिलौटी" ह खूब उपयोगी मशीन के काम आथे*

*लोदर*( गोलर) बैला गाड़ी म बांस के बने हुए बड़े भारी टोकरा होथे, जेमा किसान मन गोबर खातू-कचरा ल भर के अपन खेत म पलोथें, साथ ही ए लोदर के द्वारा कतको उपयोगी सामान ल गाड़ी म भर के लाना ले जाना के काम करथें | ये बांस के बने बड़े भारी टोकरा ल हमर बिलासपुर जिला म "लोदर अउ गोलर" कहिथैं |


*टट्टा*- बैल गाड़ी म घाम-पानी से बांचे खातिर अउ गाड़ी म भरे सामान के सुरक्षा खातिर बड़े भारी गोल घेरा वाला बांस के बनाय रहिथे, तेला "टट्टा" कहिथैं | अब बैला गाड़ी के उपयोग कमती होवत जाथे,तेकरे सेती "ये टट्टा" नंदावत जाथे |

*चतवार*-खेती-किसानी के बूता बर रांपा,कुदारी, गैंती, झउहा के साथ-साथ लकड़ी/बांस के लंबा लाठी होथे, जब खेत म पानी भर जाथे, रोपा-बियासी हो जाथे | तब मेड़-पार ल खने-पाटे बर गैंती,रांपा,रपली कुदारी के जरूरत नइ रहय | कोनो जंघा भुलका  ले पानी निकलत रहिथे या मुंही के माटी बोहा के पानी निकलत रहिथे,तऊने ल सुधारे बर किसान मन "चतवार" के द्वारा माटी खनके भुलका या मुंही ल बांध देथैं |

*चरखा*-  आज ले चालीस-पचास बच्छर पहिली  गांव-गांव म कुसियार बोवात रहिस, तब बड़े-बड़े चरखा ले कुसियार पेरत रहेन | अब  अधिकांश किसान मन अलाल हो गईन, सिरिफ धान के फसल लेथें,उन्हारी तिवरा,गेहूं,राहर,तिलहन,दलहन फसल ह बेंदरा के मारे नइ बांचय | 

    तईसने कुसियार के नगदी फसल बर किसान मन चेत नइ करैं | तेकरे सेती गाव-गांव "चरखा" अउ गुड़ चुरोए के "कराव" (बड़े भारी कड़ाही) अब नंदावत जाथै | कोनो -कोनो क्षेत्र म अभी भी कुसियार उगाए जाथे, व्यापक क्षेत्र सिमट गे,  आज के लईकन मन "चरखा "अउ "कराव" ल नइ जानै |


*सार बात आज बड़े -बड़े कारखाना, कई प्रकार के आधुनिक मशीन के आविष्कार अउ शहरीकरण प्रवृत्ति के कारण गंवई -गांव के पुरातन मशीन/औजार अउ जातिगत व्यवसाय मन खूब प्रभावित होवत जाथे, फिर भी परंपरागत मशीन/औजार जऊन बिना बिजली के काम आवत रहिन,तऊन औजार/मशीन मन आड़े बखत म जरूर काम आथैं, इंकर उपयोगिता सदाबहार होथे*


(दिनांक -०२.०८.२०२२)


गया प्रसाद साहू

"रतनपुरिहा"

मुकाम व पोस्ट करगीरोड कोटा जिला बिलासपुर (छ.ग.)

पिन कोड -४९५११३

मो नं -९९२६९८४६०६

          ९१६५७२६६९६

🙏☝️✍️❓✍️👏


1 comment:

  1. प्रिय भाई जितेंद्र वर्मा जी "खैरझिटिया" छत्तीसगढ़ के गंवई -गांव म पुरातन मशीन/औजार नामक लेख ल "छंद के छ" गद्य खजाना म सदा दिन बर सहेज के राखे बर हिरदय ले धन्यवाद अउ आभार व्यक्त करत हौं |
    आपके अपनेच संगवारी
    गया प्रसाद साहू
    "रतनपुरिहा"
    मुकाम व पोस्ट करगीरोड कोटा जिला बिलासपुर (छ.ग.)
    मो नं 9926984606

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