Friday 5 August 2022

छत्तीसगढ़ के गांव मन मा प्रयोग मा आनेवाला मशीन अउ औजार के नाम, विवरण अउ उपयोगिता






छत्तीसगढ़ के गांव मन मा प्रयोग मा आनेवाला मशीन अउ औजार के नाम, विवरण अउ उपयोगिता 



हमर छत्तीसगढ कृषि प्रधान प्रदेश हरे.इहां धान, गहूं, सोयाबीन,तिली,अरसी, सूरजमुखी,कोदो,रागी,चना,मसूर,लाखड़ी -लाख ,मटर, उड़िद, मूंग, कुसियार के संगे -संग नाना प्रकार के सब्जी बोंय जाथे.खेती किसानी करे बर किसम- किसम के औजार उपयोग म लाय जाथे. 



 दउंरी - बियारा के बीच म ठाहिल लकड़ी ल गड़ियाय जाथे. वोकर चारो मुड़ा जउन फसल ल मिंजना हे वोला बगराय जाथे. फेर बइला - भइंसा ल दउंरी म बांध के गोल घुमाय जाथे.जरुरत अउ सुविधानुसा बइला - भइंसा के जुगाड़ करके फसल ल मिंजथे . बाद म येकर जगह बेलन, गाड़ा अउ ट्रेक्टर ह ले लिस.


बेलन - धान, गहूं अउ उन्हारी मिंजे के काम आय.अब नंदावत हे. बेलन ले जल्दी गाड़ा अउ ट्रेक्टर म फसल ह मिंजाथे तेकर सेति येकर चलन अब कम होगे हे.


पंखा- लोहा के बने होथे. पांच -छै फुट ऊंचा रहिथे. धान अउ आने फसल ल मिंजई के बाद ओकर दाना ल ओसाय के काम आथे जेला हाथ म ओटथे. येकर ले पोठ दाना मन तीर म माड़़ जाथे अउ बोदरा,भूंसा अउ पेरोसी मन दूरिहा फेंका जाथे. नवा जमाना म हाथ ले ओटे पंखा ह नहीं के बराबर हे.काबर कि अब इलेक्ट्रॉनिक पंखा अउ कूलर ले जादा ओसाय के काम होथे.


चलनी - लकड़ी अउ टीना मिला के चलनी बनाय जाथे. येमा गोटी-माटी, कांड़ी -खूंटी ह अलगा जाथे. अब तोओसाय के इलेक्ट्रॉनिक मशीन म चलनी लगे रहिथे.


ढेरा - लकड़ी के बनाय जाथे. येकर ले कांसी, बगई, सन काड़ी,डोरी पटवा ,  बइला-  भैंसा के पूछी  के बाल ल 

ल आंट के रस्सी बनाय जाथे. फेर येकर उपयोग खटिया गांथे बर, गरुवा मन के काछड़ा,राउत मन के  नोई, अउ

फसल ल बांधे बर काम म लाय जाथे.


पैरा कुट्टी मशीन - येकर ले पैरा ल छोटे -छोटे टुकड़ा करे जाथे ताकि मवेशी मन चाव ले खा सके. कोटना म पानी संग बोरके, कोड़हा,  दाना,खल्ली मिलाके खिलाय जाथे.


रिपर - फसल कांटे के काम आथे. बनिहार के समस्या के हल अउ समय के बचत के रुप म येकर उपयोग हे. येहा बैटरी ले चलथे.एक आदमी हाथ म धरके चलाथे.येमा दू चक्का रहिथे .


हार्वेस्टर - धान अउ आने फसल ल कांटे के आधुनिक मशीन हरे येमा कटाई अउ मिंजई दूनों काम होथे. बनिहार के समस्या के हल अउ समय के बचत के रुप म अब्बड़ उपयोग हे. पंजाब अउ हरियाणा म जादा हे. छत्तीसगढ़ के गिने चुने किसान मन कर हार्वेस्टर हे.


  ट्रैक्टर -  ट्रेक्टर आज किसान के सबले बढ़िया मितान बन गे हवय.   

जेन काम बर अलग -अलग साधन 

 नांगर, गाड़ा, बेलन, दंउरी, कोप्पर के जरुरत पड़य वो सबो काम ल अकेलच

ट्रैक्टर ह करत हे.  घुरवा ले खातू ल खेत तक ले जाना, खेत ल बराबर करना, खेत ल जोतना,   मंतई करना, फसल कंटे के बाद वोला डोहारना, फसल के मिंजई करना , फसल ल बेचे बर सोसायटी/ मंडी तक ले जाना, खंती खनना, माटी,ईंटा,पत्थर, सीमेंट, लकड़ी डोहरई जइसन नाना प्रकार के काम ल ट्रेक्टर ह करत हे. येकर ले बनिहार के समस्या हल अउ कम समय

म काम होवत जावत हे. ट्रैक्टर ले कतको मजदूर मन के रोजी- रोटी घलो चलत हे.


स्पेयर - फसल ल कीरा -मकोरा ले बचाव बर दवाई छिड़काव करे जाथे.ये काम म स्पेयर के उपयोग करे जाथे. आज हाथ ले चलाय अउ बैटरी ले चले के स्पेयर उपलब्ध हे.


पोकलेन -  पोकलेन/ बुलडोजर के उपयोग भारी -भरकम चीज ल सरकाय बर, गड्ढा खने बर, जर्जर मकान ल तोड़े बर, नेंव बनाय बर,नाली मन ल साफ करे बर, खंती खने बर  जइसन कतको काम म उपयोग होथे.


आरा मशीन - मकान बनाय अउ चूल्हा म  जलाय बर आरा मशीन ले लकड़ी चिरई करे जाथे.


घास कटर- घास अउ फसल कांटे के छोटे मशीन जेला हाथ म पकड़ के चलाय जाथे.


टुल्लु  मशीन - नदिया,नरवा,तरिया,डबरा, बोर,कुंवा,नल ले पानी खींचे बर येकर उपयोग करे जाथे.  फसल म पानी पलोय, मकान बनाय, पीये के पानी बर,नहाय बर टुल्लू मशीन के उपयोग होथे.


सिगड़ी - चूल्हा के रूप हरे. माटी,अउ लोहा के बनाय जाथे. भात- साग,चाय बनाय के काम आथे. अब इलेक्ट्रॉनिक सिगड़ी घलो उपलब्ध हे.


गैंस चूल्हा - येहा चूल्हा के नवा रुप हरे.गैंस ले चलथे. आज गांव-गांव म गैंस चूल्हा के जोर हे.


इन्डेन - इलेक्ट्रॉनिक चूल्हा.


मिक्सर - इलेक्ट्रॉनिक मशीन जेमा दाल, मिर्ची, धनिया पीसे जाथे.चटनी बनाय जाथे.



             ओमप्रकाश साहू अंकुर

          सुरगी, राजनांदगांव

    मो.7974666840


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