Monday, 16 June 2025

आम महोत्सव के अपन मजा

 आम महोत्सव के अपन मजा

इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, छत्तीसगढ़ शासन अउ "प्रकृति की ओर" सोसायटी मिलके छः सात अउ आठ जून के कृषि महाविद्यालय परिसर रायपुर म "फलों के राजा" आम के "आम महोत्सव " करने वाला हें।


इंहा आम के दू सौ प्रकार के आम रखे जाही अउ छप्पन प्रकार के कलेवा रखे जाही। देश भर के लोगन ल नेवता हावय ,अपन विशेष प्रकार के आम ल प्रदर्शनी यें रखंय। अउ प्रतियोगिता म घलो भाग लेवंय। छत्तीसगढ़ के बाहिर के आम उत्पादक मन भाग लिहीं। आम के कलेवा के घलो प्रतियोगिता होही। पंजियन मुफ्त म होही। भाग लेय बर हे तभो कोनो शुल्क नइ लगय। सब मुफ्त म होही।


देशी आम रखे जाही। आम के संख्या दस होना चाही। हमर छत्तीसगढ़ के मन ल दूसर राज्य के आम देखे बर मिलही। जेन आमा देश भर म बेचाये बर आथे तेखर नाम हावय--दशहरी,लंगड़ा,चौसा,मालदा,हिमसाग,सुंदरजा,केसर,अलफांसो,तोतापरी,नीलम,बैगनफल्ली,पैरी, सिंदूरी,फज़ली। रायपुर म तो बैगनफल्ली, तोतापरी, कलमी, दसेरी ही ज्यादा मिलथे। इंहा के बाकी आम अलग अलग क्षेत्र म अलग अलग सुवाद के होथे। अभी एक झन जांजगीर के आम ला के दीस त ओ ह शक्कर असन मीठ रहिस हे  । कलमी आम सरिख दिखत रहिस हे। आम पना बनायेंन त शक्कर डारे के जरुरत ही नइ रहिस हे। पहिली भिलाई के आम बगीचा के बहुत नाम रहिस हे। चूसनी आम, अचारी आम बहुत मिलय। छत्तीसगढ़ म अचार बनाये बर रेशा वाला आम प्रयोग म लानय जेन ल आजकल बूच वाला आम कहिथें। अब ये मिलबे नइ करय। बैतूल के आम रायपुर म आथे इही ल सब अचार बर लेथें। गाँव गाँव के आम के पेड़ मन बूढ़ागे हावय। नवा पेड़ लगावत नइये। नवा पेड़ लगावत भी हें त हाइब्रिड वाला लगावत हावय जेखर ले अचार नइ बनय।  महोत्सव म हाइब्रिड के ही बूच वाला अचार के प्रकार तैयार करना चाही। जेखर नाम ही अचारी आम होवय। दक्षिण म गुजरात म महाराष्ट्र म बिना रेशा वाला आम के अचार बनाथें फेर छत्तीसगढ़ म आज भी रेशा वाला आम के सुरता करथें। मलाजखंड म मिलथे, दुर्ग भिलाई म मिलथे। गाँव के मन आज भी अपन पेड़ के आम ल बेचे बर आथें। जेन पहुँच गे तेन ल मिलगे।


आम महोत्सव म आवव अउ आम देखे के खरीदे के मजा लेवव। आम के बने जिनिस ल खरीद के खाये के मजा लेवव।

सुधा वर्मा 8/6/2025, मड़ई

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