ठउंका अनेकार्थी नहीं
शब्द शक्ति के शब्द
मोला ठउंका बिचार करे बर कही देव ,कमलेश बाबू l लिखे बर शुरू करेंव ठउंका के बेर दूध वाले आगे l ले हिसाब कर दे महीना पूरगे सर जी कहत l चुकता करेंवl l ठउंका के बैर बिजली गोल होगेl सौ के जघा पांच सौ देवा गे l बिचार होते रहिस नानकुन बाबू मोर मोबाइल ला ठउंका झटक लीस l एती नल म पानी आगे मोला भरना l पानी भरते रहेंव ठउंका
बाल्टी खसल गे नई ते पिसान म गिर जाये रहितिस पानी l भीतरी ले मास्टरीन चिल्ला वत बोम्बियावत निकलीस l ठउंका चिमटा अन्ते फेंकाये रहिस l अत लंगहा टुरा ला मारे रहितिस l चाय म नून ला डार दे रहिस l मन भर हाँसेव ठउंका l बने होइस मोर बर कभू तात पानी मढ़ा के नई दीस l बपुरी साली कुमारी ठउंका तीर म नई आतिस तो मरे बिहान रहीस मोर l भाँटा खाबे भांटो कहिके भूरता बनाके खवा देथे कभू कभू l
पड़ोसिन बिचारी धुरिहा ले बने हाँस ले बने गोठियाले कहिके आगी अमरा के चल देथे l
जी म आगी मन म आगी ठउंका अभिताब बच्चन के सन्देश सुने ला मिल जथे - ककरो मोबाइल उठा साइबर अपराधी हो सकता है -- मोबाइल उठाना बंद कर देंव l
भाखा म ठउंका कुछ लिखा जाथे l अनेक अर्थ झन लगावव l शब्द शक्ति के ठउंका उदाहरण आय l
मुरारीलाल साव
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