नवटप्पा
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जजमान-- थोरक पतरा ल देखतेव महराज, नवटप्पा कब
लगही , भारी गरमी बाढ़ते भइ, सूरज लकलकाय लागथे, सरग ले आगी बरसथे, तात तात झांझ झोला चलथे ,रूखराई घलो झंवाय लागथें, मोला तो सोंच के ही डेरासी लागथे ,टोंटा सुखाय लगथे । सांगर मोंगर मन के नरी जुड़ाय लागथे त मोर सही पातर दुब्बर के तो मरे बिहान हो जाथे ।मनखे त मनखे तरिया नरवा नदिया ल बूंद बूंद के टोंटा पर जाथे ।
महराज -- ये साल हमर भारत म नवटप्पा के जोग नइ हे, देखत हस ना- जेठ म अषाड़ के अभास होवत हे , बल्कि पाकिस्तान म 23अप्रैल 2025 (जल समझौता निलंबन )ले धमकगे हे- उंकर नरी जुड़ाय ल धर लेहे ,टोंटा सुखाय के चिंता सतावत हे, अउ कोन जनी ये कब तक पाकिस्तान ल दंदोरही ? जब चइत म नवां पतरा आही ,त देखबो,बताबो.। दक्षिणा ल उही समे दे देबे ।😄😁
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