Monday, 16 June 2025

छत्तीसगढ़ी अनेकार्थी शब्द के अपन अलग विशेषता- -मुरारी लाल साव

 छत्तीसगढ़ी अनेकार्थी शब्द   

के अपन अलग विशेषता-

      -मुरारी लाल साव


संत पवन दीवान जी अपन भागवत मंच म कठ्ठल के हाँस के पब्लिक ला हँसा देवत रहिन अपन "राख" नामक कविता ला पढ़ केसुना के l  "राख " कविता ला मैं  बहुत बढ़िया अनेकार्थी शब्द के विशेषता भरे कविता मान थंव l

उंकर बोले के लहजा अलगे रहय लोगन सुनत जाय अलग अर्थ भाव ला समझत जाय l

   "राख "

   रा... ख l रा... ख l

बहू सिनेमा देखे ला गेहे 

घर ला राख l  

(कोनो चोर झन घुसय )

ओकर अलमारी ला राख l

(चोरी झन होवय)

ओकर बेटा ला राख l

(देख भाल कर )

कोठा कोठी ला राख l

(सुरक्षित )

घर म लगगे आगी

घर होगे राख l 

(भसम होगे, कुछु नई बाँचीस)

मुरदा जलके होगे राख l 

 (भभूत बन गे )

लकड़ी होगे राख l

(धुर्राअसन )

कोयला होगे राख l

 (करिया रंग )

का राखे हे तन म 

(क्षण भंगूर, नाशवान)

मन ला भगवान कोती राख l 

(ध्यान, एकाग्रता, आदि ) 

राख चुपर के बइठ l

(भभूत )

मन ला राख l

(चंचलता ला रोक )

छत्तीसगढ़ी के शब्द शक्ति अनेकार्थी प्रसंग संदर्भ अउ प्रयोग म अपन अलग विशेषताअभिव्यक्त करथे l

       हिंदी म झलक के मतलब देखना हे किंतु हमर छत्तीसगढ़ी म झलक के मतलब नहाना हे l वाक्य -"जा बेटा जल्दी झलक के आ जा l ((नहा के)"  बबा कहिस - तात पानी ला ओकर ऊपर झलक l (उड़ेल )

एक ठन हिंदी गाना बहुत जादा बजींस -

झलक दिखला जा 

झलक दिखला जा l

 -रूप दिखादे l चेहरा दिखा दे जलवा दिखा दे मुखड़ा दिखा दे 

हमर छत्तीसगढ़ी म ससुरार ले  बेटी कइथे -"दाई के जाये के बेरा आगे हे l एक झलक देख के आ जतेव l  "(एक नजर देख के आना l (आँखी म देख लेतेव )

एक किसान अपन रखवार ला कहिस-" खेत ला देखत रहिबे बने l " गोल्लर आके सब ला चर दीस l मोला गोल्लर भगा देबे नई कहिस l चरन दे बने l समझ गे l

अइसने एक शब्द हे "बउरना "

बउरे बर्तन ला बेच दीस l (उपयोग होये ला l) 

(अनुपयोगी टूट फूट बर्तन )


'जाये के बेरा ' के मतलब मरे के बेरा l 

'आखिरी साँस चलत हे l' 

'आखिरी साँस लेवत हे l '         ' साँस टूटगे ओकर l '

मरगे मैनखे इही मतलब होथे l ठेला म बतासा बेचत चिल्ला चिल्लाके कहत रहीस -* बता साले l बता साले l एक सुन के बने ओला झोर दीस l मतलब हकन के पीट दीस l

झोर के अर्थ  रसा घलो होथे l " मछरी साग के झोर होथे  ll "  बादर पानी बहुत झोरत हे l याने हवा के संग खूब बरसा होवत हे l 

गली मोहल्ला म झगरा होथे त सुने ला मिलथे -" अतका झोर टुरा ला होश जाय l "

(बनेच मार, )

हमर छत्तीसगढ़ी म "आमा ला चुहक " कहे जाथे l हिंदी म आम ला चूसना  l बनेच अंतर हे l जेमा रस होथे तेला चुहके जाथे l गन्ना ला चूसे जाथे, चबा चबा फ़ेर रस ला चूस l नानकुन लइका चूहक  चूहक के दूध पिथे l दाँत नई आये हे होंठ अउ जीभ ले l

गारी देवत बाप कहिथे -" मोला चूस डरेव रे l " याने तंग होना l 

मुड़ी धर के रोना अउ आँखी मुँद के रोना म अंतर हे l हाथ पीट के रोना गोड़ पीट के रोना म अलग अर्थ छिपे हे l पेट ला देखा के रोना अउ पीठ देखा के रोना म घलो अंतर हे l मन भर रो l हाँस के रो l अलग अलग भाव हे l अलग अर्थ हे l पेट ला दिखाके रोना याने भूख हे l पीठ दिखा के रोना के मतलब मार जादा खाये हे l 

तो अइसन म छत्तीसगढ़ी शब्द  बहू अर्थी  होथे l 

एक ठन अउ गाना म 

" झूपना "अनेकार्थी प्रयोग होथे l 

"झूपत झूपत आबे दाई l "

देवी मन के झूपना अलग, टोनही मन के झूपना अलग 

नशा म झुमरथे  दवाई के नशा म झूमरे नहीं आँखी मुंफाथे l आँखी मुँद के झूपथे आँखी मुँद के झूमर थे l

छत्तीसगढ़ी के शब्द मन के अध्ययन होना जरुरी हे l

         मुरारी लाल साव 

             कुम्हारी

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