Friday 3 December 2021

रिपोर्ताज : छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस - 2021*



 

 मोहन मयारू: *सोनहा सुरता हमर छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस कार्यक्रम के* 


हमर छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के आयोजन हर बछर के तरह ही इहु बछर 28 नवंबर के गुरु घासीदास संग्रहालाय संस्कृति विभाग के सभागार मा होइस , वो कार्यक्रम के माई पहुना हमर छत्तीसगढ़ शासन के केबिनेट अउ संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत जी मन रिहिन अउ कार्यक्रम के खास पहुना श्री अन्बलगन साहब  (संस्कृति सचिव) मन संघरे रिहिन , कार्यक्रम म हमर प्रदेश भर के भर के वरिष्ठ साहित्यकार मन के संग हमर जइसन कतकोन युवा साहित्यकार संगवारी मन घलो कार्यक्रम मा बढ़ चढ़ के हिस्सा लीन हे , गरिमामयी कार्यक्रम के रौनकता हर देखते ही बनत रिहिस बड़ आनंद आवत रहिस । 


कार्यक्रम के शुरवात हमर सकलाय जम्मो अतिथि पहुना मन दीया जलाके अउ हमर छत्तीसगढ़ महतारी के आशीर्वाद लेके करिन हे अउ हमर राजगीत के संग कार्यक्रम के श्री गणेश होइस ।  तेखर बाद हमर छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सचिव बड़का भइया श्री डॉ. अनिल भतपहरी जी मन स्वागत भाषण के माध्यम ले कार्यक्रम मा जुरियाय जम्मो पहुना मन के संग प्रदेश भर के सकलाय साहित्यकार मन के कार्यक्रम का स्वागत करिन हे अपन गोठ बात ले । वोकर बाद कार्यक्रम मा जुरियाय हमर वरिष्ठ भाषाविद् साहित्यकार मन हा हमर छत्तीसगढ़ी भाखा के मानकीकरण संग हमर महतारी भाखा के बाढ़ अउ वोला शिक्षा के पाठ्यक्रम मा संघेरे के संग काम काज के भाखा बनाय जाय जइसन कई ठन बिषय  मन म अपन सब गोठ बात मन ला राखिन हे । 


सबो वक्ता मन के गोठ बात अउ विचार ला सुनके सिरतोन म अन्तस् गदगद होगे रिहिस हे , मोला तो अइसे लगत रिहिस हे मानो कार्यक्रम मा संघरना मोर सफल हो गीस । कार्यक्रम म हमर वरिष्ठ सियान साहित्यकार मन के सम्मान घलो होइस जेमे लगभग प्रदेश भर के 19 साहित्यकार मन ला हमर छत्तीसगढ़ी भाखा के संग साहित्य के सेवा मा देय उनकर योगदान खातिर हमर छत्तीसगढ़ शासन डहर ले सम्मानित करे गीस । कार्यक्रम मा माई पहुना अमरजीत भगत जी संस्कृति मंत्री के महतारी भाखा मा हंसी ठिठोली ले भरे उनकर भाषण सुनके अन्तस् गदगद होगे रिहिस , अउ एक ठन खास बात वो कार्यक्रम के जउन ला मँय कहिथँव त कार्यक्रम मा हमर जतेक संघरे साहित्यकार मन कभू नइ भुलावय वो रिहिस अन्बलगन साहब जी जउन मन साऊथ इंडीयन होय के बावजूद छत्तीसगढ़ी मा पढ़ के गोठियाय के कोशिश अउ अपन बात ला रखत उन अपन महतारी भाखा के परति श्रद्धा भक्ति संग आपार प्रेम ला बताइन


उन मन अपन बात ला रखत बताइन की उनकर लइका मन के पैदाइस हमर छत्तीसगढ़ ह हरय अउ उनकर लइका मन साऊथ इंडियन होय के बावजूद आज घर म ठेठ छत्तीसगढ़ी मा गोठियाथे , जउन ला सुनके सिरतोन मा हम छत्तीसगढ़िया मन के छाती हा फुलगे रिहिस ।

कार्यक्रम मा संचानालय के सचिव श्री विवेक आचार्य जी मन घलो संघरे रिहिन जउन मन घलो वो दिन हमर महतारी भाखा मा अपन बात ला राखे के कोशिश करिन हे । कार्यक्रम मा बड़ आनंद आवत रिहिस सबो वक्ता एक ले बढ़ के एक रहिस हे कउनो के गोठ सुनके नइ लगत रिहिस के हम कार्यक्रम मा असकटावत हन कहिके । कार्यक्रम मा सुग्घर भोजन के व्यवस्था हमर छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग डहर ले रखे रिहिन हे कार्यक्रम मा


 भात बासी खाय के बाद दूसर सत्र मा कवि सम्मेलन के आयोजन करे रिहिन हे जेमा प्रदेश भर ले सकलाय साहित्यकार मन हा महतारी भाखा मा लिखे रचना मन के पाठ करिन हे । कार्यक्रम मा गीत कविता मन के सुग्घर वर्षा होवत रहिस हे जउन हा रात कन लगभग पौने सात के आस पास सिराइस हे । कार्यक्रम मा हमर प्रदेश के चित परिचित सबो वरिष्ठ गुरूजन साहित्यकार मन के संग युवा साहित्यकार संगी संगवारी मन ले घलो मिलन भेट होइस जउन हा वो कार्यक्रम के खुशी ला अउ दुगना कर दे रिहिस आखिर के समापन के घोषणा हमर प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार श्री चोवाराम वर्मा "बादल" गुरूजी मन करिन ।


   *मयारू मोहन कुमार निषाद* 

    *गाँव - लमती , भाटापारा ,*

  *जिला - बलौदाबाजार (छ.ग.)*

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 28 नवम्बर 2021 इतवार के ऐतिहासिक दिन  छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के द्वारा संस्कृति अउ पुरातत्व संचनालय के सभागार मा छत्तीसगढ़ राजभाषा दिवस के यादगार आयोजन करेगे रहिस। ये आयोजन मा ट्रेन लेट होये के कारण कुछ देरी ले सहीं लगभग दोपहर 12:30 बजे   हमू ला सँघरे के सौभाग्य मिलिस।

     जब हम पहुँचेन त कार्यक्रम चालू होगे रहिस। हाल खचाखच भरगे रहिस तेकर सेती जगा बर नजर दँउड़ावत पाछू कोती जाय ला परिस फेर एहू हा यादगार होगे काबर के हमर छंद के छ परिवार अउ लोकाक्षर परिवार के बहुत झन सँगवारी मन ले जै जोहार होगे तहाँ ले एकदम पाछू के पंक्ति मा जगा मिलिस।परोसी रहिन श्री राजेंद्र झा जी अउ एम ए छत्तीसगढ़ी के मेरिटोरियस विद्यार्थी डा० हितेश तिवारी। जगा मिले के बाद जब मंच कोती ध्यान गिस ता उहाँ विद्वान साहित्यकार मन जिंकर सम्मान होना रहिस जेमा हमर प्रणम्य गुरुदेव श्री निगम जी(संस्थापक छंद के छ, एडमिन लोकाक्षर छत्तीसगढ़) तको  अतिथि मन संग विराजे रहिन। मंच मा राजभाषा आयोग के सचिव डा० अनिल भतपहरी जी अउ ऊँकर साथी मन के सक्रियता झलकत रहिस हे।  सुप्रसिद्ध रंगकर्मी साहित्यकार श्री विजय मिश्रा जी के निराला अउ सटीक मंच संचालन बार-बार ताली बटोर के आयोजन मा चार चाँद लगावत रहिस। ए बखत मा डा० बिहारी लाल साहू जी अउ सचिव अल्बगन जी के संबोधन बहुतेच प्रभावशाली अउ प्रेरणादायक रहिस। एक तमिल भाषी अधिकारी के हिंदी बोल अउ लिख लेना, छत्तीसगढ़ी भाखा ला समझ लेना वोकर दू झन लइका मन के छत्तीसगढ़ी बोल समझ लेना हिरदे मा छत्तीसगढ़िया गौरव ला जगावत रहिस। मुख्य अतिथि  मंत्री आद० भगत जी के संबोधन हा छत्तीसगढ़ी भाखा के उत्थान होही, वो कम से कम प्राथमिक शिक्षा तक पाठ्यक्रम मा शामिल होही अउ आगू चलके राजकाज के भाषा तको बनही के विश्वास जगावत रहिस।वक्ता मन के संबोधन मा छत्तीसगढ़ी के मानकीकरण के मुद्दा तको रखे गिस तहाँ ले वरिष्ठ साहित्यकार मन ला स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित करे गिस। गुरुदेव श्री निगम जी के सम्मान के बेरा बहुत झन के मोबाइल तको घेरी-बेरी आँखी झपकावत रहिस। सम्मान समारोह के बाद डा० भतपहरी जी हा भोजन अवकाश अउ वोकर पाछू काव्य गोष्ठी के घोषणा करिन।

      भोजन अवकाश मा छत्तीसगढ़ के कोना-कोना ले आये नवा-जुन्ना साहित्कार मन भेंट भलाई अउ जै जोहार करके फोटू खिंचवावत रहिन।

        जेवन-पानी के बाद फेर मंच सजिस। कुछ अउ संबोधन होइस तहाँ ले लगभग 4 बजे डा० भतपहरी जी हा सम्मानित होये साहित्यकार ,अतिथि, अधिकारी मन संग मुख्यमंत्री आवास चलदिन।

   अब कवि सम्मेलन सुप्रसिद्ध गीतकार श्री किशोर तिवारी जी के शानदार काव्यमय संचालन मा  प्रारंभ होइस। कविता पढ़े बर धिकतम तीन मिनट के समे दे गिस। ए सत्र के अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार श्री चेतन भारती जी करिन। मातु शारदा अउ गुरुकृपा ले मंच मा भारती जी के संग हमू ला बइठे के सौभाग्य मिलिस। ए काव्यगोष्ठी मा काव्यानंद के शाम 7 बजे तक अनवरत वर्षा होइस। अंत मा अध्यक्षीय उद्बोधन के बाद आयोग के तरफ ले मैं त्रुटि-फुटि भाखा मा धन्यवाद ज्ञापित करके अध्यक्ष जी के अनुमति ले कार्यक्रम समापन के घोषणा करेंव।

   कोरोना संकटकाल के बाद ये आयोजन उल्लेखनीय अउ शानदार रहिस फेर भोजन-पानी मा थोकुन अव्यवस्था दिखिस। काव्यगोष्ठी मा नइ रहिके मूर्धन्य वरिष्ठ साहित्यकार मन के अंते चल देना अच्छा नइ लागिस काबर के उन रहिंतिन ता उँखर सामने काव्यपाठ करके हमर जइसे कतको नवसिखिया रचनाकार मन ला बहुतेच प्रोत्साहन मिलतिस।

 कुल मिलाके ये आयोजन गरिमापूर्ण, यादगार अउ लाजवाब रहिस।

 राजभाषा आयोग ला बहुत बहुत बधाई अउ धन्यवाद।


चोवा राम वर्मा 'बादल'

हथबंद, छत्तीसगढ़

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रिपोर्ताज : छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस - 2021*


छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर मा 28 नवम्बर 2021 के छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग, रायपुर अउ संचालक, संस्कृति एवं पुरातत्व, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आयोजित संगोष्ठी, सम्मान समारोह अउ काव्यपाठ के कार्यक्रम, ठउर संस्कृति विभाग सभागार, महंत घासीदास संग्रहालय परिसर, रायपुर मा सफलतापूर्वक संपन्न होइस। कार्यक्रम के माई पहुना श्री अमरजीत भगत (संस्कृति मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन) अउ खास सगा श्री अन्बलगन पी. (सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, संस्कृति विभाग) रहिन । 


*उपस्थिति*


आयोजन मा छत्तीसगढ़ी लोकाक्षर वाट्सएप समूह के संस्थापक डॉ. सुधीर शर्मा सहित समूह के सम्मानीय सदस्य डॉ. सुरेश देशमुख, डॉ. जे.आर.सोनी, डॉ. शकुन्तला तरार, डॉ. बलदाऊराम साहू, डॉ. दीनदयाल साहू, डॉ. अनुसुइया अग्रवाल, डॉ. अनिल भटपहरी, डॉ. अशोक आकाश, श्री किशोर तिवारी, श्री भोलाराम सिन्हा, श्री चेतन भारती, श्री बलदेव भारती जी, छत्तीसगढ़ी लोकाक्षर परिवार अउ छन्द के छ परिवार दुन्नो के सदस्य अरुण कुमार निगम, सर्व श्री अजय अमृतांशु, ईश्वर साहू आरुग, कौशल कुमार साहू (फरहदा), चोवाराम वर्मा बादल, जगदीश हीरा साहू, पोखनलाल साहू, मिलन मलरिहा, मोहनकुमार निषाद, राजेश कुमार निषाद, श्लेष चंद्राकर, हेमलाल साहू अउ छन्द के छ परिवार के सदस्य सर्वश्री दुष्यन्त कुमार साहू, राज निषाद, दिलीप कुमार पटेल, सुनील शर्मा नील, राकेश कुमार साहू के विशेष उपस्थिति दिखिस। (ये नाम छत्तीसगढ़ी लोकाक्षर अउ छन्द के छ परिवार के सदस्य मन के आँय। अगर ककरो नाम भुलावत हँव त माफी देहू) एकर अलावा अनेक जिला के अनेक जिला संयोजक, साहित्यकार अउ प्रबुद्ध जन उपस्थित रहिन। संस्कृति विभाग के सभागार खचाखच भराये रहिस। स्थायी व्यवस्था के अलावा उपराहा कुर्सी के व्यवस्था तको करे गे रहिस। ये उपस्थिति आयोजन के सफलता के प्रमाण रहिस। 


*कार्यक्रम के श्रीगणेश अउ वक्तव्य*


कार्यक्रम में कुशल संचालन सुप्रसिद्ध रंगकर्मी श्री विजय मिश्रा "अमित" जी करिन। औपचारिक शुरुवात पंथी नृत्य द्वारा होइस। कुछ लोक कलाकार मन छत्तीसगढ़ी गीत प्रस्तुत करिन। माई पहुना के आगमन के बाद छत्तीसगढ़ महतारी अउ सरस्वती दाई के फोटू के आगू दीप प्रज्ज्वलन होइस अउ छत्तीसगढ़ के राजगीत "अरपा पैरी के धार" के संग कार्यक्रम के विधिवत शुरुआत होइस। डॉ. अनिल भटपहरी (सचिव, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग) के स्वगात भाषण के बाद खास सगा श्री अन्बलगन पी. अउ श्री विवेक आचार्य

(संचालक, संस्कृति एवं पुरातत्व, छत्तीसगढ़ शासन) मन गैर छत्तीसगढ़ी भाषी होए के बावजूद अपन वक्तव्य के शुरुआत छत्तीसगढ़ी भाषा मा करिन। तेकर बाद डॉ. बिहारीलाल साहू, डॉ. सुरेश देशमुख, डॉ. अनुसुइया अग्रवाल अउ विद्वान वक्ता मन चर्चा गोष्ठी मा छत्तीसगढ़ी भाषा के बढ़ोतरी बर अपन बहुमूल्य विचार प्रस्तुत करिन। इही कड़ी मा महूँ अपन विचार प्रकट करेंव। 


*सम्मान*


छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर मा छत्तीसगढ़ के 19 विभूति मन के सम्मान करे गिस। कार्यक्रम के माई पहुना श्री अमरजीत भगत जी सुरता-चिन्हा (मोमेन्टो) भेंट करके श्री बिहारीलाल साहू जी, श्री हरप्रसाद निडर जी, डॉ. अनुसुइया अग्रवाल जी, डॉ. सुरेश देशमुख जी, श्री पुनुराम साहू जी, अरुण निगम, डॉ. कुसुम माधुरी टोप्पो, श्री गिरवरदास मानिकपुरी जी, श्री रमेश विश्वहार जी, श्री बंधु राजेश्वर खरे जी, श्री श्याम वर्मा जी, श्री गुलाल वर्मा जी, डॉ. दीनदयाल साहू जी, श्री संदीप अखिल जी, श्री नवीन देवांगन जी, श्रीमती लता राठौर जी, डॉ. सुधीर पाठक जी, श्रीमती जयमती कश्यप जी अउ श्रीमती तृप्ति सोनी जी के सम्मान करिन। माई पहुना श्री अमरजीत भगत जी (संस्कृति मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन) ठेठ छत्तीसगढ़िया अंदाज मा उपस्थित जन-समूह ला अपन सारगर्भित गोठ-बात द्वारा संबोधित करिन।


*काव्यगोष्ठी*


भोजन काल के बाद कविगोष्ठी के सफल संचालन मधुर युवा कवि श्री किशोर तिवारी जी करिन। ये कविगोष्ठी मा लगभग 15 जिला के 45 कवि मन छत्तीसगढ़ी भाषा मा सरस काव्यपाठ करिन। श्री चोवाराम "बादल" जी सबके आभार प्रदर्शन करिन अउ संझा के सवा छै बजे कविसम्मेलन के समापन होगे।


*माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा सम्मान*


छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस मा सम्मान खातिर चयनित जम्मो उन्नीस विभूति मन के सम्मान साँझ के गरिमामय वातावरण मा मुख्यमंत्री-निवास मा होइस। मुख्यमंत्री निवास मा श्री भूपेश बघेल जी (माननीय मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़) गमछा अउ सम्मान-पत्र भेंट करके जम्मो उन्नीस विभूति मन ला सम्मानित करिन। मुख्यमंत्री-निवास मा घलो श्री विजय मिश्रा अमित जी संचालन के दायित्व ला कुशलतापूर्वक सम्हालिन। 


*व्यवस्था* 


(1) *निमंत्रण* - डॉ. अनिल भटपहरी (सचिव, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग) अउ जिला समन्वयक द्वारा व्यक्तिगत फोन द्वारा सभागार के क्षमता ला ध्यान मा रखके निमंत्रण दे गिस तभो ले क्षमता ले ज्यादा उपस्थिति रहिस। उपराहा कुर्सी लगाके सब झन के बइठे के सुग्घर व्यवस्था करे गिस।


(2) *फोल्डर* - प्रवेश दुवारी के आगू एक टेबल मा अवइया मन के नाम एक रजिस्टर मा अंकित करके फोल्डर प्रदान करे गिस।


(3) *सेनेटाइजर* - प्रवेश दुवारी मा सेनेटाइजर उपलब्ध रहिस।


 (4) *नाश्ता* - सभागार मा बइठे जम्मो साहित्यकार तीर जाके  नाश्ता बाँटे गिस।


(3) *पानी* - नाश्ता के संगेसंग सबो झन ला पानी के बोतल तको वितरित करे गिस। उपराहा पानी बर दुवारी के बाहर पानी के बोतल उपलब्ध रहिस।


(4) *चाय* - प्रवेश सवारी के किनारे फुल टाइम बर कंटेनर मा गरम चाय अउ डिस्पोजल कप उपलब्ध रहिस। 


(5) *भोजन* - आमंत्रित मन के संख्या के अनुसार भोजन उपलब्ध रहिस। आगंतुक के संख्या अनुमान ले ज्यादा बढ़े के कारण अतिरिक्त भोजन के व्यवस्था करे गे रहिस। 


(6) *वाहन* - मुख्यमंत्री निवास जाए बर आयोग अउ संस्कृति विभाग डहर ले वाहन के व्यवस्था करे गे रहिस। सम्मान होए के बाद हमन वही गाड़ी मा सभागार वापिस घलो आएन। 


(7) *ठहरे के व्यवस्था* - सम्मानित होवइया विभूति मन जेकर लहुटे के साधन नइ रहिस, वोमन ला ठहराए के व्यवस्था करे गे रहिस।


*ये जम्मो व्यवस्था अँखियन देखी आय। कोनो किसम के अव्यवस्था मोला नइ दिखिस।*


*एक बड़का आयोजन मा संतोष अउ असंतोष दुनों किसम के बात सुने बर मिलथे फेर आयोजक मन जानथें कि एक आयोजन बर कतका पहिली ले कतका किसम के व्यवस्था करे बर अनेक तनाव झेलना परथे। व्यक्तिगत आयोजन अलग बात हे फेर सार्वजनिक आयोजन मा आयोजक ला कोनो प्रकार के व्यक्तिगत फायदा नइ मिले।*


*मोर अनुभव के अनुसार छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के आयोजन सोला आना सफल रहिस। कोनो किसम के अव्यवस्था या कमी नइ रहिस। कोनो किसम के अप्रिय घटना नइ घटिस। अनेक जिला ले पधारे अनेक मयारुक साहित्यकार मन संग आत्मीय भेंट करे के सुअवसर मिलिस। सार्थक वक्तव्य सुने बर मिलिस। सरस कविगोष्ठी सुने बर मिलिस। सौहार्द्रपूर्ण वातावरण मिलिस।*


*छत्तीसगढ़ी लोकाक्षर परिवार के उपलब्धि*


विशेष उल्लेखनीय हे कि आयोजक डॉ. अनिल भटपहरी (सचिव, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग) छत्तीसगढ़ी लोकाक्षर के सदस्य आँय। 


सम्मानित होवइया डॉ. सुरेश देशमुख, डॉ. अनुसुइया अग्रवाल, डॉ. दीनदयाल साहू, एडमिन अरुण कुमार निगम, छत्तीसगढ़ी लोकाक्षर के सदस्य आँय। 


कविगोष्ठी के संचालक श्री किशोर तिवारी छत्तीसगढ़ी लोकाक्षर के सदस्य आँय। 


छत्तीसगढ़ी लोकाक्षर अउ छन्द के छ के करीब 30 सदस्य मन ये आयोजन मा सम्मिलित रहिन। 


*ये सफल आयोजन बर डॉ. अनिल भटपहरी जी अउ उनकर आयोग के टीम, संस्कृति विभाग के सचिव, संचालक अउ उनकर टीम बधाई के पात्र हवँय। संगेसंग  उत्कृष्ट संचालन बर श्री विजय मिश्रा अमित जी अउ कविगोष्ठी के सफल संचालन बर श्री किशोर तिवारी जी बधाई के पात्र हवँय।*


*अरुण कुमार निगम*

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श्लेष चन्द्राकर 9: *मोर‌ अनुभव -*

‘छत्तीसगढ़ी लोकाक्षर’ समूह के माध्यम ले‌ छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा आयोजित ‘28 नवम्बर छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस' के उपलक्ष्य मा “सम्मान समारोह अउ कवि सम्मेलन” के सूचना मिल गे रिहिस। मँय अपन‌ संकोची स्वभाव के सेती जावँव धुन नइ जावँव, सोचत-सोचत थोड़कुन‌ देर ले घर ले निकलेंव। अउ महंत घासीदास सभागार, रायपुर मा लमसम 12 बजे पहुँचेंव। पहुँच के देखथँव, सभागार खचाखच भरे रिहिस। बइठे बर घला जगा नइ रिहिस। तब मोला अहसास होइस मोला राज्यस्तरीय कार्यक्रम कार्यक्रम के पहिली सत्र उद्घाटन-सम्मान-संबोधन मा जल्दी आना रिहिस। अब्बड़ देर ले सभागार के दरवाजा तीर खड़े-खड़े‌ वक्तामन के उद्बोधन ला सुनत रहेंव। 

जइसे-तइसे मोला सभागार मा सीट मिलगे। सम्मान समारोह के बेरा डॉ॰ ब्यास नारायण दुबे जी, डॉ॰ बिहारीलाल साहू जी, श्री हरिप्रसाद निडर जी, डॉ॰ अनुसुईया अग्रवाल जी, डॉ॰ सुरेश देशमुख जी, श्री पुनुराम साहू जी, श्री अरुण निगम जी, डॉ॰ कुसुम माधुरी टोप्पो जी, श्री गिरवरदास मानिकपुरी जी, श्री रमेश विश्वहार जी, श्री बंधु राजेश्वर खरे जी, श्री श्याम वर्मा जी, श्री गुलाल वर्मा जी, डॉ॰ दीनदयाल साहू जी, श्री संदीप अखिल जी, श्री नवीन देवांगन जी, श्रीमती लता राठौर जी, डॉ॰ सुधीर पाठक जी, श्रीमती जयमती कश्यप जी अउ श्रीमती तृप्ति सोनी जी ला हमर महतारी भाखा छत्तीसगढ़ी सेवा करे बर अउ विकास मा अपन अतुलनीय योगदान देय बर सबोझन मन सम्मान झोंकिन येकर साक्षी बनेँव। 


भोजन के बाद कार्यक्रम के माई पहुना माननीय अमरजीत भगत जी(संस्कृति मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन), पगरइत माननीय कुंवर सिंह निषाद जी (संसदीय सचिव, छत्तीसगढ़ शासन), खास सगा श्री अन्बलगन पी.(सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, संस्कृति विभाग) डॉ॰ अनिल भतपहरी(सचिव, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग), श्री विवेक आचार्य(संचालक, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग) अन्य विद्वान मन अउ छत्तीसगढ़ी साहित्यकार मन के छत्तीसगढ़ी भाषा के मानकीकरण, छ.ग. के सांस्कृतिक तत्व अउ लोकनायक मन के ऊपर लेखन, राज-काज मा छत्तीसगढ़ी, आठवीं अनुसूची मा छत्तीसगढ़ी, पाठ्यक्रम व छत्तीसगढ़ी के ऊपर बड़ सुग्घर-सुग्घर अउ तथ्यात्मक विचार सुने बर मिलिस। 

छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग हा पहुना मन बर भोजन के व्यवस्था रखे रिहिस। ओखर घोषणा होइस ता लोगन मन भोजन भुला के पहिली अपन-अपन चिनपहिचान वाले मन ले मिले बर शुरू कर दिन अउ एक-दूसर के हालचाल जाने लागिन। आज के दिन ला यादगार बनाये सब सेल्फी ले बर अउ ग्रुप फोटो खिंचवाये लागिन। ये बीच मोला छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ अउ नामी साहित्यकार मन ला तीर ले देखे बर मिलिस। कुछ झन ले नवा परिचय होइस। अउ मोला मोर संगी मन ले घलो मिले के मौका मिलिस। 


कार्यक्रम के दूसर ‘काव्य पाठ' सत्र मा छत्तीसगढ़ के जम्मों जिला ले आये प्रतिनिधि रचनाकार मन के कविता, गीत, छंद अउ ग़ज़ल सुने बर मिलिस। सबो रचनाकार मन के सबके प्रस्तुति जोरदार रिहिस। आदरणीय चोवाराम बादल जी, पोखन जायसवाल जी, सुशील शर्मा नील जी, मोहन निषाद मयारु जी, राजेश निषाद जी, हेमलाल साहू जी, राकेश कुमार साहू जी, अजय अमृतांशु जी, मिलन मलरिहा, जगदीश हीरा साहू जी, डिजेन्द्र कुर्रे जी, धनीराम नंद ‘मस्ताना’ जी, सुकमोती चौहान जी,  प्रेमचंद साव जी, मानकदास मानिकपुरी जी, डॉ॰ अनुसुईया अग्रवाल जी, बंधु राजेश्वर खरे जी, किशोर तिवारी जी आदि मन अपन प्रस्तुति ले श्रोता मन के मन मोह लिस। जिनकर मन के नाँव ला सुने रेहेंव या जिनकर रचना मन ला पत्र-पत्रिका या सोशल मीडिया के माध्यम ले पढ़े रेहेंव उँन मन के प्रस्तुति ला प्रत्यक्ष देखे के मौका मिलिस हे। बड़े रचनाकार मन के प्रस्तुति ले मोला जे-जे सीखे बर मिलिस ओ बस ला मँय सदा सुरता रखहूँ । राज्यस्तरीय मंच मा मँहू ला अपन रचना पाठ के अवसर मिलिस। ये मोर बर बड़े उपलब्धि रिहिस हे। ओ बखत ला मँय कभू नइ भुला सकँव।

अंत मा मँय अतके कहना चाहत हँव। कि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के पबरित अवसर मा बड़ जोरदार आयोजन रिहिस हे। मंच संचालक मन के संचालन स्तरीय रिहिस। सबो चीज के सुग्घर व्यवस्था रिहिस हे। येमा मोला छत्तीसगढ़ी भाखा के के बारे मा नवा-नवा अउ उपयोगी जानकारी मिलिस हे। अइसने कार्यक्रम आगू बछर मा जब भी, जेन जगा आयोजित होही, ओमा मँय संघरे के खच्चित प्रयास करहूँ। 


*श्लेष चन्द्राकर*

खैरा बाड़ा, गुडरु पारा, 

महासमुंद (छत्तीसगढ़)

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