Thursday 9 December 2021

बोली भाखा के मिठास आय राजगीत

 बोली भाखा के मिठास आय राजगीत



मनखे म एकता,भाईचारा ,धार्मिकता,सहिष्णुता,बनाय म हमर राज के तीज -त्योहार अउ लोक कला मन के अड़बड़ योगदान हावय।अब तो हमर राज खातिर राज गीत के घोषणा होय ले माटी के महक जम्मों राज म बगरे के आधार मिलगे।कबर कि राजकाज म छत्तीसगढ़ी ह बेवहार म नी दिखत रिहिस।राज गीत ले कम से कम लोगन छत्तीसगढ़ के महिमा ल समझे  के कोसिस तो करही।हर राज के अपन कोनो न कोनो चिंहारी आय।आने राज के मन इहा आही अउ हमर राज गीत ल सुनही त सोचे बर मजबूर तो होही कि राज गीत ह काय कहात हे।डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा के लिखे येहा पहिली ले लोक प्रिय गीत हवय।

अरपा पैरी के धार ,महानदी हे अपार

इंदिरावती हा,पखारय तोर पइयां 

महूं पांवे परंव ,तोर भुंइया

जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मइयां।

आदिवासी बहुल हमर राज भौगोलिक रुप ले तको आदर्स आय।इहां के प्रमुख व्यवसाय कृषि अउ मुख्य फसल धान आय।80% आबादी ह एखरे ऊपर निर्भर हावय ।

धान के संगे संग हमर अंचल म चना ,गहूं,तिलहन ,गन्ना ,दाल,मन के तको खेती होथे।

कृषि के क्षेत्र म छत्तीसगढ़ ह अड़बड़ समृद्ध हावय।

ऐला समृद्ध करे म प्रकृति प्रदत्त  अड़बड़ अकन नदिया म महानदी ,अरपा ,पैरी,सोंढूर ,शिवनाथ,खारुन ,जइसे कतको

जम्मो नदिया के योगदान हवय।फेर आजकाल देखत अउ सुनत हन मनखें ह तो प्रदूषण के सिकार होवत हे,तेकरे संग नदियां मन घलो प्रदूषण के सिकार होवत हें।

नरुवा के मइलाहा पानी फैक्टरी मन के केमिकल पानी ले नदिया के पानी ह खराब होवत हे।नदिया मन के अमृत पानी जहर होवत हे।ऐकर ले नदिया के रहेंया जीव-जंतु 

मन मरत हे।पानी ह उपयोग के लइक नी होवत हे।

अइसन दसा म हमन ऐ समझ नी पावत हन कि हमन विनास डहान आगू बढ़त हन या विकास डहन।

येहा सोचे अउ गुने के बात होगे।

सन्2000 म नवा राज बनिस फेर राज भाखा म पढ़ई -लिखई नइ होवत हे ये चिंता के विषय आय।

जब तक ले पढ़ई -लिखई महतारी भाखा म नई होही तब तक हमर बोली अउ भाखा के मान बढ़ना मुसकिल हे।

हमर मन के पूरा कोसिस रहय कि जेन से जतका हो सके वोतका अपन महतारी भाखा ल स्कूल म लागू कराय अउ

आठवी अनुसूची म सामिल होवय येकर खातिर योगदान देवन




भोलाराम सिन्हा 

ग्राम डाभा पो० करेली छोटी

वि0रव० मगरलोड 

जिला धमतरी 

मो०9165640803

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