Friday 3 December 2021

विमर्श के विषय--छत्तीसगढ़ी भाषा:पाठ्यक्रम जरूरी/माध्यम जरूरी/के दुनों जरूरी*

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*विमर्श के विषय--छत्तीसगढ़ी भाषा:पाठ्यक्रम जरूरी/माध्यम जरूरी/के दुनों जरूरी*


छत्तीसगढ़ के जनभाखा, हमर महतारी भाखा छत्तीसगढ़ी ला अबड़ेच ना नुकुर अउ टाल-मटोल के पाछू बहुतेच संघर्ष करे के बाद कानूनी रूप ले 28 नवम्बर 2007 के 'छत्तीसगढ़ के राजभाषा ' के दर्जा तो मिलगे फेर बड़ दुख के बात हे के आज 14 साल के बाद तको येला राजभाषा बनाये के एको ठन उद्देश्य पूरा नइ होये हे। न तो एमा राजकाज होवत हे ,न तो एमा आन राज्य मा जइसन उँखर राजभाषा,मातृभाषा  मा पढ़ाई होथे तइसन पढ़ाई-लिखाई होवत हे।

   अब तो 29 जुलाई 2020 के 'नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति' के घोषणा घलो होगे हे जेमा साफ-साफ कहे गे हे के 5वीं तक के प्राथमिक शिक्षा बच्चा मन ला उँखर मातृभाषा मा अनिवार्य रूप ले दे जाना चाही। जरूरत अनुसार मातृभाषा मा शिक्षा ला 8वीं कक्षा तक बढ़ाये के बात तको करे गे हे।

      मातृभाषा मा शिक्षा काबर देना चाही तेकर संबंध मा गुन्निक शिक्षा शास्त्री,बाल मनोवैज्ञानिक अउ साहित्यकार मन कई ठन तर्क देथें।उँखर कहना हे के बच्चा अपन मातृभाषा मा कोनो चीज ला सबले अच्छा सोच-समझ अउ सीख सकथे। बचपना मा उदुक ले आन भाषा उन ला अबड़ेच कठिन लागथे--समझ नइ सकयँ--- आन भाषा हा भारी बोझहा बरोबर हो जथे। आन भाषा मा प्राथमिक शिक्षा देये मा नेव कमजोर हो जथे।

    त कुल मिलाके सार बात इही हे के हमर छत्तीसगढ़ राज्य मा लइका मन ला प्राथमिक शिक्षा छत्तीसगढ़ी भाषा मा दे जाना चाही। 

   शिक्षा दे बर पाठ्यक्रम मतलब का पढ़ाना हे अउ माध्यम अर्थात भाषा दूनों के जरूरत होथे। छत्तीसगढ़ राज्य मा ये दूनो चीज छत्तीसगढ़ी मा होना चाही। पाठ्यक्रम बनाये के जेन भी सिद्धांत हाबय वोकर अनुसार   छत्तीसगढ़ी साहित्यकार मन ले पाठ तइयार करवाना चाही जेन छत्तीसगढ़ी भाषा मा राहय । एक दू पाठ नहीं ---प्राथमिक स्तर के जम्मों विषय के पाठ्यक्रम छत्तीसगढ़ी मा होना चाही।अतके भर नहीं ये लइका मन ला पढ़ाने वाला गुरुजी मन तको छत्तीसगढ़ी के बोलइया अउ जानकार होना चाही।

       हमरे देश मा कतेक राज्य अइसन हें जिंहा लइका मन ला अनिवार्य रूप ले मातृभाषा मा शिक्षा दे जावत हे।दुर्भाग्य के बात हे के छत्तीसगढ़ हा आज भी, छत्तीसगढ़ी राजभाषा बने के बाद भी -- हिंदी भाषी राज्य के सूची मा शामिल हे।पता नहीं अइसन का मजबूरी हे या कोनो दुर्भावना हे ते हमर छत्तीसगढ़ मा प्राथमिक शिक्षा छत्तीसगढ़ी राजभाषा मा नइ दे जावत हे।


चोवा राम वर्मा 'बादल'

हथबंद, छत्तीसगढ़

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