Friday 8 October 2021

व्यंग्य-एक हाथ ले-चोवाराम वर्मा'बादल'

 व्यंग्य-एक हाथ ले-चोवाराम वर्मा'बादल'

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जइसने चुनाव तिथि के ऐलान होइच   हमर पारा के नेता जी ह अपन चुनावी महाभारत म जी-परान देके जुटगे।वोकर इरादा तो विरोधी ला चक्रबिहू म घेर के वोकर अभिमन्यु कस जान लेये के रहिस फेर उल्टा पासा झन पर जय सोंच के चुरमुरा के रहिगे।  तभो ले नाना प्रकार के बिहू रचना होये ल धरलिच। कहाँ-कहाँ पेटी उतरवाना हे अउ वोकर जिम्मेदारी कोन दुशासन ल देना हे। जयद्रथ ह कोन इलाका के किलाबंदी करही। शकुनी ममा ह छल कपट के कइसन-कइसन पासा फेंकही। धृतराष्ट्र ल कइसे मोह म फँसाना हे। सब बात के लेखा-जोखा फूँक- फूँक के मढ़ाना चालू होगे।

       बड़े बिहनिया ले ले के रतिहा  तक वोकर घर के गोर्रा म भंडारा चालू होगे। मुर्गा मटन अउ मंद मउँहा के  महकई म पूरा पारा  छेरी कोठा कस लागे ल धरलिस।

     असाड़ म पानी बरसे ले जइसे बिखहर कीरा-मकोरा, हीरु-बिच्छू अउ  साँप मन परगट हो जथें वोइसने रंग-रंग के अनचिन्हार मनखे मन आये -जाये ल धरलिन।कई झन तो देखेच म डरडरावन लागयँ।लाल-लाल आँखी अउ कर्रा -कर्रा मेंछा ल देख के अइसे लागय जनामना कोनो जगा ले खून खराबा करके आवत हें।

गटारन कस आँखी वाले कई झन टकला मन ल देख के गली म खेलत लइका मन चिहरत घर म खुसर जयँ।

     चुनाव ह चारेच दिन बाँचिस तहाँ ले एक दिन चूरी-चाकी ,टिकली-फुँदरी ,घड़ी-चश्मा अउ लुगरा-पोलखा ,कपड़ा-लत्ताबाँटे के तइयारी होये ल धरलिस। कुछ असली अउ कुछ नकली नोट पेटी के पेटी उतरगे।

   नेताजी हमर रिश्तेदारी के कती-कती ले कका आय त हिम्मत करके पूछ परेंव--कइसे कका ये   सब किसिम-किसिम के समान मन ल काय करबे?

तैं नइ समझ सकच जी।वो कहिस।

समझाबे त काबर नइ समझहूँ कका।

त सुन--बात अइसे हे--ये ह एक हाथ दे ,एक हाथ ले वाला मामला ये। वो कहिस।

मैं ह  हाँ, हाँ काहत मूँड़ी ल डोलायेंव अउ मने मन म सोंचेंव-- ये ह वोटर ल उल्लू समझत हे। येला गम नइये के    मतदाता मन कतका चलाक होगे हें--कब चुटकी बजावत, फोकट के मिले दारू-पानी ल गटक के, बोकरा-मुर्गा ल झड़क के--कड़कड़ावत नोट ल झटक के --- उल्टा उल्लू बना देहीं। करहीं वादा --तुहींच ल वोट देबो --घर भर के जम्मों झन तोरे छाप म ठोंकबो ---तहाँ ले , वादा हे वादा के का ---गुनगुनावत अन्ते ठोंक दिहीं।वोमन सीमा ले जादा जागरूक होगे हें।हम तो ये गुनत हन के --कहूँ एक हाथ ले अउ वोट झन दे होगे त कका के का होही?


चोवा राम वर्मा 'बादल'

हथबंद, छत्तीसगढ़

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