Thursday 28 October 2021

सुरता दाऊ रामचंद्र देशमुख - चदैंनी गोंदा* शशि साहू


 

*सुरता दाऊ रामचंद्र देशमुख - चदैंनी गोंदा*

शशि साहू

आज दाऊ रामचंद्र जी देशमुख  के पावन पुण्य तिथि म उनला नमन करत हौ।उँकर सुरता करे के आज जेन मौका मिले हे तेला गँवाना नइ चाहँव। मँय अपन ला बड़ भागमानी मानथँव की ये जनम मा मोला कतको कलाकार अउ साहितकार मन के सानिध्य अउ आशीष मिलिस। फेर आज सुरता मँय बबा के करहूँ। सब बड़े मन उनला दाऊ जी कहें,फेर लइका मन बबा कहे । बघेरा मा चँदैनी गोंदा के रिहर्सल चले तब पिता जी जौन चँदैनी गोंदा परिवार के सदस्य रिहिन,ड्यूटी ले छूट के बघेरा रोजे जाँय। उही बखत दादी के कहे म( दाऊ जी के धर्म पत्नी) की नोनी ल लेके आबे शिव ये लइका मन संग इहे रही। पिता जी संग पहली बार दाऊ जी के महल म गेंव। हाँ उँखर निवास ल महल कहना ही उचित रही। बहुत बड़े घर। दादी बड़ मयारू रिहिस ।बहुत मया करे। पिता जी ल बेटा असन माने ।

तब मँय आँठवी कक्षा म रेहेंव।छोटे रेहेव तभो दादी कहे, येखर बिहाव ल देख सुन के बने घर मा करबे शिव। दादी के परोक्ष आशिर्वाद मोला उही समय मिल गे रिहिस।

उहें सखी कविता वासनिक ले भेंट होइस। वहू आँठवी कक्षा मा रिहिस।मँय बघेरा मा तीन चार दिन रेहेव। सुरता हे, एक कमरा म रिहर्सल होय। हारमोनियम मा खुमान साव जी ला सुर बाँधत देखेव।संग मा संगीत साधक मन के टीम। ।दाई सरस्वती के वरद पुत्र पुत्री मन ला सौंहत गावत बजावत देखना।देव दुर्लभ दृश्य रहे। आज घलो आँखी मा झूल जथे ।हाँ प्रहसन के रिहर्सल नई देखे हँव।

कलाकार मन के भोजन पानी के सुरता भुलाये नई भूले। 

जमो कलाकार पाँत धरके जेवन करे बर बइठे रहें।आघू मा बबा माची मा बइठे,जेखर थारी मा कुछु चीज के कमी परे 

त बबा परोसइया ल हुत कराये। फलाना के साग भात या दही खतम होगे। लाओ जल्दी। बबा के राजमहल मा सब बर भरपेट भोजन अउ सोय बइठे के व्यवस्था रिहिस।


शशि साहू

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