Saturday 23 October 2021

व्यंग्य-हरिशंकर गजानंद देवांगन , छुरा गिरना अऊ गिराना

 व्यंग्य-हरिशंकर गजानंद देवांगन , छुरा

गिरना अऊ गिराना 


                हमर देश म अइसे कोनो काम बुता या विषय नइये जेकर बर कानून नइ बने हे । फेर मोला आकब होथे के .. कानून रचइया मन के समे म गिरे गिराये के कोनो बुता नइ होवत रिहीस होही तेकर सेती इही विषय म ओकर मन के ध्यान नइ गिस होही अऊ ओमन येकर बर कोनो कानून के निर्माण नइ कर सकिस । ओमन का जाने के भविष्य में गिरना अऊ गिराना हा बहुत महत्व के बुता अऊ विषय बन जही । फेर अतेक अकन कानून म संशोधन होवत हे अऊ नावा नावा चरित्तर बर नावा नावा किसिम के कानून बनत हे तभो ले गिरना गिराना उपर अभू घला काकरो ध्यान नइ जाना हा हमर कस नानुक दिमाग वाले मनखे बर बहुत अचरज के विषय आय । 

               हमर देश म गिरने वाला मन के संख्या .. हमर कुल जनसंख्या ले थोरको कम नइहे ... येकर मतलब हरेक मनखे गिरत हे या गिरे बर आतुर हे तभो ले .. गिरे म प्रतिबंध लगाये बर कोई कानून काबर नइ बने हे ... बड़ आश्चर्य के विषय हे । गिरना हा मनखे के दिनचर्या म अतेक पान संघर चुके हे जतका पान .. दैनिक जीवन म .. खवई पियई अऊ सुतई .. । खवई पियई सुतई हा हमर निजी बुता आय तभो ले सरकार हा प्रतिबंध लगा देथे के ... येदे चीज ला नई खा सकस .. येदे ला सार्वजनिक नइ पी सकस .. फेर येदे मेर नइ गिर सकस या येकर उप्पर नइ गिर सकस अइसे काबर नइ कहय । अऊ तो अऊ ओकर बर उमर तको तै नइ करे हे । बिहाव करे बर उमर .. नौकरी बर उमर .. चुनाव लड़े बर उमर ... फेर गिरे बर उमर काबर तै नइये ... गउकिन येकरो बर एको कनिक तो कन्हो ला चेत आतिस गा .. । जवानी तक गिरना हा तभो शोभा देथे फेर कब्र म एक गोड़ पहुँच जाये के बावजूद घला कुछ मन गिर जथे । फेर जगा ला तो देखनाच नइ रहय । बड़े बड़े धार्मिक स्थल के संत महंत मुल्ला पादरी गुरूजी मन अइसे गिर जथे के ... शरम लाग जथे बताये बर ... । कानून जिंहा बनथे तिहों बिगन गिरे … पहुँचे के परमिशन कोनो ला नइहे । गऊकिन इहाँ गिरके पहुँचने वाला या पहुँचके गिरने वाला हा .. लाज शरम कभू नइ जानिस अऊ उपराहा म नाक ला ऊँच करके किंजरत रहिथे । खैर .. ये हा तो बड़े बड़े जगा के गोठ होइस ... नानुक जगा .. अपन गाँव अपन समाज म घला कतको झन ला गिरत देख पारथन । फेर इनला देख .. न शरम कर सकन .. न रोका छेंका ... काबर के येला डर्राथन के .. यहू मन ... हमन कति मेर गिरेके ताक म लगे हन .. तेला खोजे बर झन लग जाय । परिवार म कोनो ला गिरे बर मना कर देतेन फेर का मुहुँ म मना करबोन ... हमन ओकर नजर म खुदे गिरे हुये मनखे आन । परिवार के हरेक जुम्मेवार मनखे हा .. अपनेच भाई बंधु पति पत्नि ला अतेक गिरे समझथे के .... झन पूछ । संगवारी मन घला गिर जथे फेर ओला हमीमन पंदोली देथन अऊ तो अऊ ओकरे संग गिरे बर घला जोम देथन । गिरई हा घला अलग अलग स्तर बना डरे हाबे । कोनो बहुत छोटे स्तर म गिरथे कोनो बहुत बड़े ... फेर स्तर के छोटे बड़े होय के पैमाना बर कोई नियम कानून या गणित नइ बने हे । खैर ... गिरना हमर संस्कृति सभ्यता नोहे फेर कुछ बछर ले लोक बेवहार के अभिन्न अंग बन चुके हे । जेला जब मौका मिलथे ... कतको झिम झाम देख के अऊ कतको झन बेर उज्जर गिरे बर .. अपन आप ला झोंक देथे अऊ बिगन उचे ... कालर ला ऊंच करत मसक देथे । गिरे के बेवहार म केवल एके खामी हे .... येला कोनो डंके के चोंट म बता नइ सकय .. के मेंहा गिर गे हँव .. गऊकिन गो ... गिरई ला वैध करे के कानून बन जतिस त यहू बुता बर लोगन मन कबके लकलकाये बईठे हे । 

               मोरो बात म विषयांतर होवत हे ... कहाँ प्रतिबंध अऊ रोक टोक के बात करत रेहेंव अऊ कहाँ ओला वैध करे के समर्थन म उतर गेंव । का करबे ... कभू कभू गिरे के हमू मन ला सऊँख लागथे .. मौका घला मिल जथे अऊ गिरे के प्रयास घला करथन फेर ... एको बेर कोनो हमर गिरई ला मान्यता नइ दिन न एको बेर ये किहीन के .. बने करे बाबू ... गिर गेस ते ... बल्कि इही किहीन के .... कम से कम गिरे के बुता ला तो ठीक से करते बाबू । बने बुता बर तो आज तक कोनो हमला शाबासी नइ दिन ... ओकरे सेती इही बुता म शाबासी पाये के जगा खोजत गिरे ला वैध बनाये के पक्ष म उतर आथन । अइसे भी .. आगू बढ़े बर गिरे ला परथे अऊ आगू बढ़ना कोन नइ चाहे । जेला जतेक आगू जाना हे तेला ततेक गिरे बर लागथे । गिरना जरूरी घला हे ... वइसे भी गिरना हा हमर जन्म सिद्ध अधिकार आय अऊ गिराना हा जन्मसिद्ध कर्तव्य ... फेर दुनों ला सँविधान म जगा नइ मिले हे .. । लोगन ला मेहा केंडल मार्च ... ये मार्च ... ओ मार्च ... कतको असन अधिकार के मांग बर करत देखे हँव ... फेर कोनो बैरी ला येकरो तो सुरता आतिस अऊ येकरो बर सेंडल मार्च कर लेतिन । गउकिन एक बेर गिरना ला कानूनन अधिकार मिल तो जाय ... महूँ गिरतेंव अऊ गिरके अपन नाव ला रोशन करतेंव ।  

               हमर इहाँ गिरे म मरे के रिवाज नइहे ... मरनाच हे त ओकर बर हमन ... हपट शब्द बनाये हन । तेकर सेती हमन हपटके मरिस कहिथन ... गिर के मरिस नइ कहन । गिरना माने मरना थोरेन आय गा .. फेर जागत जागत गिरना अऊ जानबूझ के गिरना ... एमन तो आगू बढ़े के निशानी आय । एक दिन मोर इही बात हा उपर तक पहुँचगे ... । कानून के दुकान म एक दिन .. गिरना गिराना बर कानून के प्रावधान करे बर .. बहस शुरू होगिस । एक झन प्रश्न करिस – गिरे के का उमर होना चाहि .. । जवाब काकरो तिर नइ रिहिस ... ककतो झन जवानी ले बुढ़ापा आये के बाद भी गिरत हे अऊ गिरे बर आगू घला आतुर हे । उमर के कालम ला मेटा दिन । एक प्रश्न अइस - कोन कोन ला गिरे ले छूट रहि ... ? जवाब अइस - पूरा देश म हरेक मनखे एके बरोबर हे तेकर सेती गिरे के छूट सबो ला बरोबर रइहि .. । प्रतिप्रश्न अइस – अइसन म गिरइया के संख्या म कोई फरक नइ परही त कानून के मतलबेच का होइस .. । बहस चले लगिस – गिरे बर आरक्षण के पालन होना चाहि .. । कोनो कहय जनसंख्या के अनुपात म गिरे के प्रतिशत के निर्धारण होना चाहि .. । कोनो कुछु अऊ कहय । मामला ला सुलझाये बर एक ठिन सर्वदलीय कमेटी के गठन कर दे गिस । कुछ दिन पाछू ... सर्वदलीय कमेटी के रिपोट अइस – गिरना तो अच्छा बात आये .. येला कोनो ला रोकना ठीक नइहे ... फेर सबो एके संघरा गिर जही त देश म अराजकता बगर जहि ... काकरो हाथ छोलाही .. काकरो माड़ी कोहनी फूटही ... । सबो ला थोरेन मालूम के गिरना के मतलब ... चरित्र ले गिरना हे ... ईमान ले गिरना है ... नैतिकता ले गिरना हे ... धर्म अऊ कर्म ले गिरना हे ... । बिगन जाने सुने जतर कतर गिर जही तब ... देश म आफत पसर जहि ... तेकर सेती गिरे के अधिकार केवल उही मन ला रइहि .. जेमन ला येमा महारत हासिल रहि .. । ताकि कोनो गिरइया उपर अंगुरी झन उचाये सकय । गिरे बर महारत केवल उही मनला हासिल रहय जेमन कानून बनाये बर अधिकार सम्पन्न रिहीन । कानून बनगे .. । दू चार प्रतिशत के गिरे के आरक्षण बर महूँ तरस गेंव ... । गऊकिन महूँ कहाँ कहाँ लिख पारेंव ... कम से कम एकाध बेर तो गिरत रेहेंव फेर सरी आरक्षण एके कौम बर होगे तेकर सेती ... मेहा यहू बुता ले वंचित पिछवाये सुसवाये .. अपन करम म लिखाये बुता ला जुम्मेवारी से निर्वहन करे बर मजबूर हँव । 

               मेहा सोंचेंव ... कम से कम हमन ला गिरे के अधिकार नइ देहव तो का होइस .. गिराये के अधिकार ला दे देतेव । कानून बनइया मन किथे – तूमन ला गिराये के अधिकार तो कानून के जन्म जन्मांतर ले दे हाबन .. फेर तूमन ओकरो पालन आज तक नइ कर सकव ... तेकर सेती यहू ला हमीं मन अपन तिर म राख डरेन । अब हम जेला चाहबो तेला गिराबो ... । में जनहित याचिका लगा देंव .. सरी अधिकार अउ कर्तव्य तुँहरे तिर रइहि त हमन झक थोरेन मारबो जी ... ? फैसला आ गिस – कोनो ला उचाये के अधिकार ... केवल हमन ला मिलिस ... । हरेक पांच बछर म जेला मरजी परथे तेला उचा देके अधिकार पा गेन .... । ऊँच म जवैया अऊ रहवइया मन गिरे अऊ गिराये के अधिकार अऊ कर्तव्य ला मुड़ी म धारण कर लिन ... । तबले जेकर पाथे तेकर ऊँच म रहवइया मन हबरस ले गिर जथे ... जेला पाथे तेला गिरा देथे ... इँकर अलावा ... दूसर गिरीस ते बदनाम अऊ दूसर गिरइस तभो बदनाम ... । का करबे ... हमरे मन के कलम हा ... गिरना गिराना ला इँकर जन्मसिद्ध अधिकार अऊ कर्तव्य बना दिस । 


हरिशंकर गजानंद देवांगन , छुरा

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