Friday 8 October 2021

व्यंग्य- सेंपल अउ शोध-चोवाराम वर्मा बादल

व्यंग्य- सेंपल अउ शोध-चोवाराम वर्मा बादल

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रतिहा जेवन-पानी होये के बाद थके-माँदे मा ,खटिया मा ढलंगते पट ले नींद परगे तहाँ ले सपना देखे ला धरलेंव।सपना मा का देखथँव के--आज यमराज जी के दरबार हाल खचाखच भरे हाबय काबर के एक खास मुद्दा म चर्चा होना हे।तेकर सेती चित्रगुप्त सहित वोकर जम्मों दरबारी अउ यमदूत मन झारा-झारा सकलाये हें।

यमराज ह चारों मुँड़ा नजर फेर के कहिस--चित्रगुप्त जी तोर डायरी ल पलट के देख तो वोमा कलयुग म प्रलय के काय-काय लक्षण लिखाये हे ते? अतेक घातक कोरोना म तको प्रलय नइ होइस।

चित्रगुप्त ह डायरी ल पलट के ,पढ़के कहिस--जेन दिन सुरुज अउ चंदा के अँजोर ह आक्सीजन सिलेंडर जइसे बेंचाये ल धर लेही ,उही दिन प्रलय आ जही अइसे लिखाये हे भगवन।

चित्रगुप्त के बात ल सुनके यमराज बक्खागे। वो पूछिस--का कहे ?आक्सीजन ह बेंचाये ल धर लेहे। ये कोनो भाजी-भाँटा ये का  जी जेन हाट-बजार म बेंचाही? ये बतावव भगवान के बनाये प्राणवायु काकर बर कमती परगे?

अतका ल सुनके वोकर गृहमंत्री ह कहिस--का गोठियाबे भगवन।कोरोना के सेती फेफड़ा डेमेज होये के कारण अउ पेंड़ पौधा के अंधाधुंध कटई के सेती मनखे मन ल साँस लेये म दिक्कत होवत हे।धरती म रहइया अउ छानही म होरा भुँजइया वो दू गोड़ के जानवर मतलब मनखे मन के मारे कुछु नइ पूरत ये।प्रकृति के सरी जिनिस म कब्जा करके औने-पौने दाम म बेंचत हें। जंगल, जल, जमीन ,नदी, पहाड़ मन ल बेंच खावत हें। वो मन अतका खतरनाक हें के अब ब्रह्मांड के आने ग्रह मन म कब्जा करके बेंचे के चक्कर म हें।सुने हँव--सुरुज अउ चंदा के रोशनी ल तको कब्जियाये के उदिम करत हें। बोतल म भरे भर बर बाँकी हे तहाँ ले मिनरल वाटर अउ दारू जइसे उहू बेंचाये ल धर लेही।

    अच्छा ये बात हे ----- कब्जियावन दव।प्रलय ह जल्दी आही।यमराज ह मुस्काके मिटिंग ल आगू बढ़ावत कहिस--सभासदों !मनखे मन अतलँग करत हें।पूरा पर्यावरण ल प्रदूषित करके रख दे हें। उन ला सबक सिखोना जरूरी हे।कोरोना ले तो कइसनों करके बोचकगें।अब हम ला अइसे बीमारी बनाये के तइयारी करना हे जेकर ले अधिकांश झन सफाटच हो जयँ।वोकर बर अभी कोरोना मा मरे  अलग-अलग प्रकार के जीव के सैंपल सकेलना हे।हमर प्रयोगशाला म शोध होही।हम देखना चाहत हन के मनखे मन मा या आन जीव मन म कोरोना के कइसे अउ कतका  प्रभाव परिस। ये प्रस्ताव म तुँहर मन के का विचार हे तेला बतावव नहीं ते ध्वनि मत ले पास करव।

 यमराज के बात ल सुनके सब खुश होगें। जोरदार जयकारा लगाके सब ताली बजाये जइसे अपन -अपन टेबल ल बजेड़िन तहाँ प्रस्ताव ध्वनि मत ले पास होगे।

   कुछ समे पाछू यमराज ह चित्रगुप्त के अध्यक्षता म हाई पावर 'सैंपल अउ शोध ' कार्यसमिति के गठन कर दिस। समिति ल छै महिना के अंदर अपन रिपोर्ट देये ल कहिके सभा समाप्ति के घोषणा कर दिस।

   समिति ह कार्ययोजना बनाके यमदूत मन ल मृत्यु लोक म भेज दिन। उन मन ला बने समझाइन के-- कोरोना ले मरे एके जइसे आचार-विचार अउ काम वाले कम से कम दस-दस जीव ल एके शीशी म भरके सैंपल लाहू। विरोधी विचार वाले मन ल एके म झन मिंझारहू ।ये काम पाँच दिन म हो जाना चाही।प्रयोग शाला म कम से कम चार-पाँच महिना टेस्टिंग अउ शोध  म लाग जही।

   यमदूत मन धरती म आके जइसे समझाये गे रहिस तइसे सैंपल सकेल के चित्रगुप्त ल सँउप दिन।वोहा सबो ल प्रयोगशाला म भेज दिस।उहाँ अतका फटाफट काम होइस के चारे महिना म रिपोट आगे। यमराज जी ल सादर सूचित करे गिस। वोहा फेर सभा जोरिस।उहाँ चित्रगुप्त ह पूरा तइयारी करके उपस्थित होइस।

  हाँ तो चित्रगुप्त जी वो शोध के का रिजल्ट निकलिस तेला बिंदुवार बतावव। महाराज यम हा अपन मेंछा-दाढ़ी ल सहलावत कहिस।

 चित्रगुप्त ह जइसने अपन चश्मा ल चढ़ावत खड़ा होइस --पूरा सभा शांत होगे। वो बोलिस--हे भगवन! ये पहिली सैंपल ये जेन टी वी म बोमियाने वाला, बड़बड़ाने वाला  एंकर किस्म के जीव आयँ। ये मन कोरोना ले अइसे संक्रमित होइन मतलब पाजेटीव होइन के वोकर प्रभाव ले  चारों मुड़ा एमन ल लाशे-लाश दिखे ल धरलिस।बदहालीच -बदहाली इँकर नजरे-नजर म झूले ल धरलिस। सहीं ल गलत अउ गलत ल सहीं ठहराये के इँकर आदत बनगे।

 यमराज कहिस--अच्छा कोरोना के अइसन घातक प्रभाव। ठीक हे---फेर ये सैंपल कुछ खुदखुदहा दिखत हे।येमा कुछु अउ मिले हे का?

 हाँ -हाँ भगवन मैं बताये ल भुलावत रहेंव।एके तासील होये के कारण येमा उन  आलोचक किस्म के कुछ मरे जीव मिले हें जिंकर करना धरना कुछ नहीं बस चिचियाना काम होथे।कोनो-कोनो ए मन ला बुद्धि जीवी तको कहिथें।

    अच्छा --अइसे बात हे।इन ला बने देख लेबो।अगले सैंपल के हिस्ट्री रखव--यमराज कहिस।

जो आज्ञा भगवन।हाथ जोर के अगले सैंपल के बारे म बतावत चित्रगुप्त बोलिस--ये फ्रंटलाइन फाइटर कहाने वाला सरकारी किस्म के जीव मन के सैंपल ये प्रभु। कोरोना म चारों मुड़ा घेराके इन कई झन के राम नाम सत्य होगे हे।तभो ले इन ल गारी-मार खाये ल परथे।इँकर दशा अउ दिशा एकदम दयनीय हे।चोबीस घंटा गहूँ कस पिसावत हें।इँकर तो खून चुसागे फेर इही केटेगरी के कुछ प्राइवेट वर्कर हें जेन मन कोरोना के प्रभाव ले जोंक लहुट के मरीज अउ वोकर परिवार के खून चुहके ल धरलिन। एक के इक्कीस का इक्कीस हजार बनाये ल धरलिन।

   अच्छा ये बात हे।अगला बीमारी म ये प्राइवेट वाले मन ल पहिलीच लहर म बोहवा देबो।थोकुन बनेच गुसियावत यमराज कहिस।

   अगला सैंपल के बारी आइस त चित्रगुप्त ह दू ठन रिपोट ल सँघरा धरके, चार पइत बने पढ़लिस त बोलिस--हे भगवन! अब मैं जेन सैंपल के बारे म बताना चाहत हँव वो मन आयँ तो चोर-चोर मौसेरा भाई फेर सबके अलग-अलग ढपली अउ अलग-अलग राग हे।एक सूर म कभू नइ गा सकयँ तेकर सेती भिनभिनावत भिन्न-भिन्न दू सैंपल हे। ये पहिली सैंपल म कोरोना के अइसे प्रभाव परिस के उचके के गुण पैदा होगे। काम कम अउ बात जादा करके थूँके थूँक म लाड़ू बाँधे ल धरलिन। कुछ दिन पहिली कोरोना ह हाथ पाँव पसार के सुरताये ल का धर ले रहिस ये मन सरी दुनिया म ढिंढोरा पीट दिन के हम कोरोना ल पटक के चितिया देन। कोरोना विजेता महाबली बन गेन फेर जब कोरोना ह जम्हाई लेवत अँटिया के जागिस त इँकर बया भुलागे।मुँह ले बक्का नइ फुटिस।

 एकरे भाग 2 के सैंपल म अइसन परजीवी  हें जेमा कोरोना के बड़ विचित्र असर होये हे।इन चिट्ठीबाज होगे हें।अइसे उल्टा -सीधा,गलत-सलत बोले ल धर लेहें जेकर कोनो मुँड़ी-पूछी नइ राहय मतलब हवा-हवाई। आमा ल कभू आमा नइ काहयँ अमलीच कइथें। एमा कलह-कथा के बड़े-बड़े सफेदपोश खूंखार पात्र मन के सेम्पल हे।

     ठीक हे ठीक हे चित्रगुप्त जी--कन्नेखी देखत यमराज कहिस।एकाध अउ कोनो विशेष सैंपल होही तेकर बारे म बता तहाँ ले बाँकी मन के रिपोर्ट ल पटल म रखदे हम सब झन वोला पढ़ लेबो। यमराज ह घड़ी देखत कहिस।

  ठीक हे भगवन आप मन के जादा समे नइ लेंववँ ।सिरिफ दू ठन सैंपल के बारे म अउ बता देथँव। चित्रगुप्त ह कागज पलटत कहिस।

    ये जेन रिपोर्ट मोर हाथ म हे तेन ह कुछ व्यापारी किस्म के जीव मन के आय।कोरोना के प्रभाव ले ये मन नरभक्षी लहुटगें।नकली-चकली दवाई बेंचे ल धरलिन।सरी समान के कालाबाजारी करे ल धरलिन। ये मन तो बुहान कोती ले आये डबल, तिबल म्यूटेंट वायरस ले जादा खतरनाक होगें।

 सुनके यमराज ह गुसियावत कहिस-अच्छा ये मन कोरोना ले जादा घातक करोने वाला होगें।ये किस्म के जीव मन ले अगला बीमारी म सख्ती ले निपटे जाही। अच्छा ले एक अंतिम सैंपल के बारे म जल्दी से बता दे काबर के मोला बैकुंठ लोक जाके  आज के कोरोना अपडेट अउ शोध के निष्कर्ष ल श्री हरि ल बताना हे। बहुत देरी होवत हे। मैं कोई सरकारी अफसर थोड़े अँव जेन झूठ-मूठ आँकड़ा दे देहूँ। मोला तो आँकड़ा मिलावत म एक-दू घंटा लग जथे।

  जी भगवन।ये अंतिल सैंपल हे।चित्रगुप्त कहिस।ये पशु-पक्षी किसम के जीव मन के सैंपल आय इँकर उपर कोरोना के नहीं के बरोबर प्रभाव परे हे।ये मन सुतंत्र घूमत -फिरत हें।कष्ट अतके हे के ढ़ग ले खाये-पिये बर नइ मिलत हे फेर भूँख मरत गरीब मजदूर मन ले इँकर स्थिति जादा ठीक -ठाक हे। मोर आप ले विशेष विनती हे--ये मन ल अगले बीमारी म तको सुरक्षित राखे के कृपा कर देहू।

यमराज ह तथास्तु काहत सभा समाप्ति के घोषणा कर दिस।


चोवा राम वर्मा 'बादल'

हथबंद, छत्तीसगढ़

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