Saturday 23 October 2021

हमर जमाना म- "घर लिपई"-डॉ बी नंदा जागृत

 हमर जमाना म- "घर लिपई"-डॉ बी नंदा जागृत 

  सबले पहिली एडमिन मन ल हिरदे ले धन्यवाद जेनमन सुग्घर सूग्घर विषय ल छांट निमार के लाथें ।

    हमर जमाना के गोठ करे ल धरथव त मोला ये दे गीत के सुरता आथे- 

 "नान चुन रेहेव दाई घर लिपे ल सिखेव वो पोतनी म" 

   वो काहे कि पहीली गांव म जादा कच्चा घर रहाय त घर ल गोबर म  लिपन ।

लिपत - लीपत  पोतनी ल धरे - धरे कभू - कभु मेहर सोचव कि 'कभू घर लिपेके घलों प्रतियोगिता होतिस त कतका मजा आतिस मय तो सबले अव्वल अयिच जातेव' फेर कभू घर लीपेके प्रतियोगिता नई होइस अव मन के बात मन

 म रहिगे।

  येती तिहार- बार आइस के लिप्यी -  पोत ई के बुता ह सुरु हो जाय। घर लिपयी घलो एक ठन कलाकारिच आय कोनो -  कोनो मन गोबर म लीपे त कोनो -  कोनो मन पेरा ल लेस के, ओला बुता के ओकर करिया राख ल पानी म मिला के लिपय ।

काकरो लीपे सोजे - सोज  रहे त ककरो टेढ़गा - मेढ़गा  हो जाय ।कोनो -  कोनो तो तीन अंगुरिया चीनहारी बना के लीपय।

   हमर डाहर पंडरी छुही , पिवरी छुहि  अव लाल छुंही के खदान हवयसबे गजब दुरीहा-  दुरिहा हावय फेर कोनो मन बईला गाड़ी म त कोनो  रेगते  - रेंगते छुहीं  डोहारे ।

   घर के पोतई पंडरी छुंहि म करके ,पाछु लाल छूही के किनारी बनान तहां फेर पीवरी छूहि म खुटिया न  तेखर पाछू गोबर म जम्मो घर ल लीपन ।अंगना - दुआर ल घलो लीपन अव चाऊंर पिसान के चौक पुरन ।

     अब के जमाना म चूना , डिस्टेंपर , पेंट त वाल पेपर  आगे हे कोई तो ओकरो  ले अच्छा कहिके एलिवेशन टाइल्स लगात  हावय । जेकर गांठ म जोर हे तेहर भारी उन्नति कर  डरीस हे ।फेर गोबर अऊ गरीब के नत्ता ह नई टूटे हे।

  डॉ बी नंदा जागृत 

   

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