Wednesday 2 September 2020

गाँव के सड़क -दिलीप वर्मा

 गाँव के सड़क -दिलीप वर्मा


 देख बाबू सम्हल के गाड़ी चला गा।

ये ये ये येददे काहत हँव ना। देखे

नवा बहुरिया लानत रहे,गड्ढा मा झपागे। 

गिरे उद्दक के नोनी बाबू, माड़ी गोड़ छोलागे। 


ये दे पाछुच साल के बात ताय।सरकार ह ये सड़क ल बनही कहिके पूजापाठ करे रहिस अउ कहे रहिस ये सड़क बर100 करोड़ रुपया पास होय हे।ये सड़क एकदम चकाचक बनही ।गाड़ी घोड़ा मन सरपट दउड़ही। 

 अउ सहीं बात हरे गा। 

जब सड़क बनिस न त अइसन लागय की बस इहें सुत जाँव  का ।

आसपास के लोगन मन बिहिनिया ले सड़क म दउड़त राहय,रेंगत राहय।लइका मन साइकिल चलायें बर आवंय। का पुछ्बे करिया करिया नवा लुगरा पहिरे अउ सफेद के धारी अतका सुग्घर लागय की मन गदगद हो जय।

गरमी के दिन जब सुरुज देवता के ताप परिस त सड़क ह लसलस ले होगे। दुरिहा ले देखते त सड़क म पानी भरे हे कस दिखय।जगा जगा लासा कस होजय ।कोनो गाड़ी आवय जावय त चिन्ह घलो पर जय। खुल्ला पाँव रेंगते त चाँय ले जरय फेर सड़क सबो घाम ल सहि के मगन राहय। 

बरसा के पहिली फुहार परिस त झन पूछ। सड़क ह अतका मगन होगे की काँही के सुध नइ रहिस अउ नहाये बर  तइयार होगे। काबर की गरमी के भारी घाम ल झेले राहय।

अब नहाये बर हाँथ पाँव ल खोल दिस अउ चुन्दी ल छरिया दिस अउ अस डुबक डुबक के नहाइस।अस लगर लगर के नहाइस की जम्मो लुगरा चीरा गे। जेन वाहन जावय उखरे चक्का म रगड़ रगड़ के मइल मन ला निकालय। मइल निकालत निकालत सड़क के लादी पोटा निकल गे ग।

करोड़ो रुपिया खर्चा करके सफेद धारी वाला करिया लुगरा पहिराए रहिस ते पहिली बरसात के नहइ मा चितकबरा होगे। 

अब तो जगा जगा ले चीरा गे हवय पता नही ये लुगरा के कपइयाँ मन कब आही अउ ये सड़क ल फिर से दुल्हन कस कब सजाही। 

अब तो सड़क म रेंगबे त हपट परबे कस लागथे। 

गाड़ी म रहिबे त अइसे लागथे जनामना नदिया म नाव ह हिचकोला मारत हे।  

जेन सड़क म अवइया जवइया मन के रेम लगे राहय तिहाँ अब कोनो भूले भटके मन आथें। कोनो काल के आथें ओखर ये हाल हो जथे। 


ले उठ बेटी, हमर भाग म इही लिखाये हे। 

कोन जनी कोन रोगहा मन ये सड़क बनाये हे।


दिलीप कुमार वर्मा

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