Friday 18 September 2020

छत्तीसगढ़ी अउ हिंदी म अंतर सम्बंध -विमर्श*

 *छत्तीसगढ़ी अउ हिंदी म अंतर सम्बंध -विमर्श*


सरलग तीन दिन ले बहुत ही ज्ञान वर्धक विमर्श चलत हे। विदुषी दीदी मन ले अउ पटल के जम्मों साहित्यकार मन ले बहुत कुछ नवा नवा बात पता चलत हे।

*छत्तीसगढ़ी म लक्षणा अउ व्यंजना*-- कोनो शब्द जब वाक्य म प्रयोग होथे तब वोकर शक्ति( भाव/अर्थ) पता चलथे।

 अभिधा,लक्षणा अउ व्यंजना शब्द शक्ति काय ये तेकर उपर चरचा चलगे हे।

      छत्तीसगढ़ी भाखा म अइसन शब्द मन के भरमार हे जेन मन मा लक्षणा अउ व्यंजना हे। बहुत अकन तो अपन छत्तीसगढ़ी लहजा लिए हिंदी के शब्द जइसे हें त बहुत कस वोकर स्वयं के हे।

जइसे--

*टेड़गा*

*आँखी नइ दिखय*

*वाह*--(वाह बने कहे,  वाह अइसे कइसे होही)

*खिलती बदन*(नोनी खिलती बदन के हे)

*खटिया लहुटगे*

*घानी के बइला*

*घर खुसरा*(वो ह घर खसरा हे)

*कोढ़ीया*

*बिलई*(निचट बिलई हे)

*अइँठाहा*( डोरी अइँठाहा हे,  साहब अइँठाहा हे।)

*गाय*( मोर बहिनी बिलकुल गाय हे)

*दुब्बर*( वो दुब्बर हे।साइकिल तक नइये)


       अइसने सोंचे म शब्द मिलत जाही।

मुहावरा मन लक्षणा होथे।

🙏🙏🙏🙏

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