Tuesday 1 September 2020

वन महोत्सव -खैरझिटिया

 वन महोत्सव -खैरझिटिया


               पानी बरसात के दिन जमे कोती हरियाली हे, मनखे मन संग जीव जंतु जमे मतंग हे। जीव जिनावर तो बिन अक्कल के बस खात पियत पड़े रहिथे बिचारा मन , फेर मनखे मन कर तो अक्कल के भरमार रहिथे। तभे तो मनखे मन, पर्यावरण संरक्षण बर रात दिन  उदिम करथे,गला फाड़ नारा लगाथे, अउ कूद कूद के पेड़ पौधा घलो लगाथे भले एक ठन पेड़ ल लगाय बर 15 झन झूमे रहय, फेर सुध तो सुध होथे, प्रकृति के जतन म तो लगे हे। वो बात अलग हे कि लगाये के बाद भले सब भुला जथे, पेड़ मरे चाहे जिये। अपन काम तो कर देथे बपुरा मन। 

              बड़खा मंच सजे हे, पोगा रेडिया पोरोर पोरोर बजत हे। जमे कार्यकर्ता सूट बूट पहिरे भाग दौड़ करत हे। लइका लोग सियान सबे जुरियाय हे। गीत कविता के तैयारी घलो हे। रेडियो म बजत  *मोर खेती खार रुनझुन मन भँवरा नाचे झुमझुम*  गीत मन ल भावत हे।। पेड़ लगाओ के नारा गजब गूँजत हे, तरिया कस खनाय सड़क म मुरुम बिछ्त हे, काबर की मंत्री जी वृक्षारोपण करे बर अवइया हे। नही नही म मंच के अलग बगल मनखे मिलाके 100 आदमी तो रहिबे करे रिहिस ,अउ मंत्री जी संग जेला चंगुरवा आही ते अलग।  यहू संख्या कोरोना काल म रिहिस, जब जादा भीड़ भाड़ नइ करना हे। फेर पेड़ , जेखर रोपण करना रिहिस वो हर गिन के 10 ठन। खैर दसो पेड़ घलो बहुत होथे, बढ़ जाए त। गर्मी म जरत मनखे संग जीव जंतु बर एक पेड़ के छाँव घलो काफी होथे। लइका सियान जमे के हाथ म झंडा लहरावत हे अउ गला म मंत्री जी के अगुवाई म मिले फेंटा गजब चमकत हे, भले ओ बपुरा मनके ओनहा कुर्था के गत नइहे। कार्यकर्ता मन कोन जन का काम म लगे हे ते, येती वोती मार भागत हे, जबकि जम्मो रेजा, कुली मन बरोबर काम ल सिधोत हे तभो। एक झन गाड़ी म चढ़के आइस अउ खबर देथे के मंत्री जी 10 मिनट म पहुँच जही। ताहन का कहना बताये अनुसार जम्मो मनखे लाइन म खड़ा होके झंडा हलाये अउ  जयकार  करे म लग गे। मंत्री जी के गाड़ी बोमियावत पहुँच गे। फूल माला म मन्त्री जी के घेंच तोपागे। स्वागत सत्कार के बाद भाषण बाजी चालू होगे। उही रटटम रट्टा डयलाक गूँजत रहय जेन आम तौर म बड़े बड़े मंच ले मंत्री ,नेता मनके मुख ले निकलथे। हव बने सुरता करेव, गरीबी भागना हे, रोजगार देना हे, विकास लाना हे ,,,,,,,,आदि आदि। बिसलरी के बोतल के संग, काजू किसमिस के प्लेट घलो नेता मनके  आघू म माढ़गे। फेर बपुरा दर्शक जेन मन अघुवाई करे बर कोन जन कतका बेर ले ओड़ा ल देहे, उन ल पानी पुछइया घलो कोनो नइहे। बिचारा मन जब ले आये हे, तब ले खुद तो हारे हे अउ नेता के जय जयकार करत हे। मंत्री जी के मीठ बचन ल सुनके सब खुश हे, मानो उही म उँखर पेट भरत हे।  उँखर पाछु तुतारी घलो चलत हे कोरोना हे मास्क लगावव। बिचारा मनके मुख बेंदरा कस करिया,पिवरा,लाल दिखत हे। फेर मंच म बैठे कार्यकर्ता मन घलो तोप लिही, त उन मन कोन पहचानही, नेता मन के मास्क घलो  मुँह ले उतर के घेंच म झूलत हे।

             भाषण बाजी के बाद मंत्री मन अपन चेला चन्गुरवा के साथ खाल्हे उतरिस अउ पेड़ लगाय बर खने गढ्ढा मेर पहुँचिस। एक ठन पेड़ मंत्री ल दिस, बाकी 9 ठन ल आने मन धरिस, फेर लगाये म धियान कहाँ हे कखरो? सब तो मंत्री संग फोटो आही कहिके ओखरे पेड़ ल आरती के थारी बरोबर धर लिस। आने मन सब अपन अपन पेड़ ल अइसने खोंच दिस, अउ मंत्री जी के बाजू म खड़ा होगे। मार पेड़ लगाओ, अउ मंत्री जी के जयकार गूँजत हे। कोरोना काल म घलो पेलिक पेला होवत हे। फेर ये का मंत्री पेड़ ल धरे हे, चेला मन खड़े हे, पर फोटोग्राफर के अता पता नइहे। कार्यकर्ता मन दाँत ल कटरत हे, अभी तो रिहिस कहाँ गे रे। बिना फ़ोटो खिंचाय मंत्री जी घलो कइसे पेड़ लगा दिही। सब सन्न हे ,खोजो खोजो मात गेहे। मंत्री जी गुसियागे ये का तमाशा ये, फोटोग्राफर बिन पौधारोपण कइसे होही। दू तीन झन अधिकारी उप्पर गाज घलो गिरगे। तमक के मंत्री जी सस्पेंड कर देहूं कहि दे हे, फेर उहू मन का करे, वो मन तो बकायदा फ़ोटो ग्राफर लगाय रिहिस, अब वो धोखा दे दिही तेला, वो मन का करही? फेर रिस तो रिस ए,का करे? कोनो मन काहत हे, कि फोटोग्राफर गाड़ी धर लकर धकर कोनो  विपत आय कस भागिस हे। कार्यकर्ता मन संग मंत्री जी घलो नाराज हे, *कहूँ फोटोग्राफर घलो सरकारी होतिस, त तो ओखर खैर नइ रितिस।* फेर का विपत आगे ,जउन अत्तिक बड़ कार्यक्रम ल छोड़ भाग गिस भगवान जाने? एती हल्ला होवत हे, कोनो दुसरा फोटोग्राफर बलाव, त कोनो काहत हे महँगा मोबाइल म फ़ोटो खींच लव, त कोनो काहत हे, थोड़ीक देर अउ खोज ली,अभी रूक जाव, पेड़ ल झन खोंचव। नही ते काली के पेपर अउ देश दुनिया म मंत्री जी के पेड़ लगावत फोटू कइसे बगरही? माने पेड़ लगई ले जादा फोटो के महत्व हे। अउ हे घलो तभे तो एक ठन पेड़ ल धरे कईझन मनखे रोजेच सोसल मीडिया म दिख जथे। कोन जन हमर पुरखा मन घलो फोटोग्राफर खोजथिस, त बड़े बड़े बर, पीपर रहितिस कि नही?  पर आज फ़ोटो जरूरी घलो हे काबर कि कोन का करत हे, तेखर पुख्ता सबूत घलो इही ताय। फ़ोटो बिना आज कहाँ कोनो काम होथे। सोसल मीडिया के जमाना हे, उठत बइठत फ़ोटो मनखे मन बगरावत हे, मुँह ल अँइठ  अँइठ के फ़ोटो खिंचावत हे। बिन फ़ोटो के उछाह के काम ल तो छोड़ दी, मरनी हरनी या कहे जाय त दुख के काम घलो नइ होय। फलाना ल श्रद्धाञ्जलि देवत फलाना, अइसनहो फ़ोटो दिखथे। घूमई फिरई , काम बुता सबके फ़ोटो चलत हे। *नांगर जोतत फलाना, अब ले करम फूट गे न।* फेर कइसनो होय केमरामेन के जाय ले सब अधर म लटकगे। तभो अपन अपन हिसाब ले उँधला  धुँधला मोबाईल म खींचत हे,कि मंत्री जी थोड़े घेरी बेरी आही। खैर कार्यकर्ता मन संग मंत्री जी के मूड घलो खराब हे, बिन फोटो ग्राफर के। तभो मोबाइल म फ़ोटो खींच खिंचाके  एक ठन पेड़ ल जम्मो झन ख़ोचीस, अउ नास्ता पानी बर बैठ गे। बाकी 9 ठन पेड़ बने से गड़े घलो नइहे। बता जब आजे ये स्थिति हे त, आघू के देख रेख भला कोन करही। चल कइसनो होय, छेरी पठरू के भोजन के तो जुगाड़ होगे। वोमन चरही,त अउ उल्होही ताहन अउ चरही, अउ उल्होही त अउ--------। फेर जेन दिमाक वाले प्राणी हे तेमन कहूँ टोर फेक दिही, त थोरे उल्होही। खैर आज वृक्षारोपण तो होगे, बाकी समय का होही, तेला का करना हे। बस एके चीज के कमी खलिस, वो हरे कैमरामैन। कैमरामैन रिहितिस, त हाँस हॉस के पेड़ लगावत सबके फ़ोटो रिहितिस। मंत्री जी दल बल समेत भाग गे, ओखर जाते ही कार्यकर्ता मन। बेचारा अगुवाई करइया दर्शक मन देखते रहिगे। फोटोग्राफर के बारे म, कार्यकर्ता मन पता करिस त मालूम चलिस की फ़ोटो ग्राफर के परिवार वाले मनके कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आये हे, अउ गाड़ी म डॉक्टर मन उनला धरके लेजत हे। उहू बपुरा के का गलती हे।येती सभा म जुरे मन म घलो दहसत हे, कैमरामैन पॉजिटिव होही त?


 जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

बाल्को,कोरबा(छग)

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