Friday 18 September 2020

हिंदी अउ छत्तीसगढ़ी के सम्बंध*

 

*हिंदी अउ छत्तीसगढ़ी के सम्बंध* 

वइसने ही हे

जइसे माँ अउ बेटी के बीच मे रहिथे।

हर मनखे के एक स्वतंत्र अस्तित्व होथे पर थोकिन थोकिन परिवार दाई ददा के गुण समाय ही रहिथे।


छत्तीसगढ़ी भाखा हा हिंदी के दुलौरिन आय,

ममता मया ले सनाय भाखा हा सीधा अंतस में उतरथे।

वइसने ही जब हिंदी दाई के मया भाखा हा उंखर मन से फूटिस तब

छत्तीसगढ़ी के अस्तित्व आइस।

अउ ये भाखा हर एक प्रान्त ,राज्य के महारानी बनगे।

जे जन जन तक राज करत हे,

ये भाखा के मया ल का कहय

कभू भाजी पाला के मिठास,कभू कुम्हार के गगरी ,कभू खेत के खुशहाली,कभू सुआ कर्मा के ताल ।

कहाँ तक बखान करे जाय

हर जिनिस में गुत्तुर समाय हे।

कहूँ कहूँ जगह छत्तीसगढ़ी हा अपन महतारी हिंदी के हाथ धरके चलथे।

दुनो के सँग सँग चलई हा अब्बड़ सुख देथे जन मानस ल।


दुनो भाखा के अपन स्वतंत्र अस्तित्व होत हुए भी

दुनो में गहरा संबंध हे।



मँय अलप बुद्धि आप सबो बुधियार मन के बीच अपन विचार मढ़ाय हँव।

गलती के लिए माफी चाहत हँव।




आशा देशमुख

एनटीपीसी जमनीपाली कोरबा

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