Monday 14 September 2020

छत्तीसगढ़ी अउ हिंदी के अंतर सम्बंध

 छत्तीसगढ़ी अउ हिंदी के अंतर सम्बंध 

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     भाषा हर संस्कृति ल दर्शाये के जरिया होथे । 73 साल होगिस हमन ल आजादी पाये फेर अभियो संविधान के पन्ना मं हिंदी के आघू मं राष्ट्र भाषा नहीं बल्कि राजभाषा ही लिखाए हे । 

संस्कृत हमर आदि भाषा के रूप मं प्रतिष्ठित हे आने भाषा मन के मूल आधार इही हर आय एकर लिपि ल देवनागरी लिपि कहिथन । मराठी , हिंदी अउ छत्तीसगढ़ी के लिपि भी देवनागरी आय । हिंदी हर संस्कृत के वर्णमाला ल अपनाए हे  फेर छत्तीसगढ़ी हर देवनागरी लिपि ल तो अपनाये हे वर्णमाला अपनाये के बेरा अलग अलग विचार मिलथे बुधियार गुनी मानी मन 36 ठन अक्षर मानथें त कोनो मन 52 अक्षर ल अपनाये के बात कहिथें । इही मेरन विचार करे बर परही ...छत्तीसगढ़ मं शिक्षा के प्रचार प्रसार बढ़ गए हे ते पाय के हिंदी के सबो अक्षर , शब्द मन के सही  उच्चारण सबो मनसे करे लगे हें । हिंदी के शब्द छत्तीसगढ़ी मं बासी के नून असन घुर मिल गए हे इही हर अंतर सम्बंध आय , देखव न हिंदी के भाई , दिन , दूध , पानी , कपड़ा , सोना , चांदी , दांत , कान , छुट्टी अउ बहुत अकन शब्द हे जेला छत्तीसगढ़ी मं जस के तस उपयोग करथन । रहिस बात साहित्य रचना के त हिंदी साहित्य के गद्य - पद्य के सबो विधा मन उपर छतीसगढ़ी मं भी लिखे जावत हे । छंदविधान मं दोहा , सोरठा , रोला , सवैया असन अउ कतको अकन हिंदी छ्न्द मन छत्तीसगढ़ी मं भी सम्मान सहित अपनाये गये हे । 

   हिंदी भाषी अउ छत्तीसगढ़ी भाषी मन के संस्कार , संस्कृति लगभग  एके असन हे कहिथें न " Language is the dress of  thought . भाषा विचार का परिधान है । 

हिंदी अउ छत्तीसगढ़ी  के संवाद शब्द मन तक रुंधाये नइये बल्कि विचार अउ भावना के लेन -  देन के जरिया भी तो आय । डॉ रामविलास शर्मा के अनुसार " भाषा संस्कृति के संवाहक का काम करती है । " ए तरह से भी देखी त छत्तीसगढ़ी अउ हिंदी दूनों भाषा तो एके संस्कृति के संवाहक होइन न ? इही मेर हिंदी अउ छत्तीसगढ़ी के अंतर सम्बन्ध फ़रिया जाथे । 

सरला शर्मा

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