Friday 31 July 2020

वृक्षारोपण होत हवय ते फोटोसेशन*

*वृक्षारोपण होत हवय ते फोटोसेशन*

अबड़ समझे के कोशिश करेंव फेर समझे मा नइ आवत हे।मनखे मन पउँधा लगाथे ते फोटो खिचाथे।एक झन ला पूछ परेंव काय होवत हे बड़ेक जान पंडाल लगे हे गाड़ी मोटर गर्र गर्र दउँड़य हे।त ओमेर सकलाय रिहिन तेन मन बताथे वृक्षारोपण होही।मँय सोचेंव पेड़ लगाय बर अतेक ताम झाम बाजा गाजा अउ भाषण बाजी तको होथे।फेर मन मा बिचार आइस कहूँ भारी बड़े बड़े पेड़ लगाही तेकरे सेती सब ला मिठई,नाश्ता चाय पानी खवावत होही।फेर देख परेंव चार पाँच ठन कार रुकिस अउ ओमे ले सादा सादा कुरता पहिने मनखे मन उतरिस अउ मंच मा जाके बैइठिस।मोला लगिस नेता असन।मँय बड़ खुश होगेंव चलव हमर राज के नेता मन ला परकिरति अउ परयावरन के बिकट चिंता हवय।अउ होना भी चाही काबर बरसात मा ही पउँधा हा जल्दी लगथे अउ ओकर बढवार दिनों दिन होत रहिथे।अउ हमर सदियों से चलत आवत हे हमर पुरखा मन हा तको बरसात के समे ही पेड़ लगावय।जेकरे परताप ये गाँव मा जगा जगा बड़े बड़े पेड़ लगे हे अउ सालों से हमन ला अपन छइयाँ के साथे साथ फल फूल देत हवय।बड़ खुशी होइस हमर पुरखा के नाँव ला  इहूँ मन आगू बढ़ाय के दिशा मा काम करत हे।
फेर देख के दंग खागेंव कइ झन मनखे भाषण सुनके अउ नाश्ता पानी करके जाय बर धर लिस।नेता जी कहिते रिहिन अभी पेड़ लगाय के काम ला करना हे,धरती ला हरा भरा बना के,परयावरन ला साफ सुथरा रखना हे।फेर कतको झन मनखे मन अनसुनी करके चल दिन।तभो ले नेता हा तो नेताच होथे ओकर एक आवाज मा दरदिर ले मनखे फेर सकला जथे।सब पहिलीअपनेच दाँदर ला भरिन तब कहूँ जा के पेड़ लगाय बर तैयार होइन।बड़ बिकट स्थिति पइदा हो जथे जब एक ठन पेड़ ला घेर के पचासों मनखे खड़ा हो जथे।अउ पेड़ लगेच नइ राहय तभो ले फोटो खिचाये बर एक दूसर ऊपर झपाय पड़थे।लेद बरेद दस बीस ठीन पेड़ लगाथे अउ सौ ठक फोटो खिचाथे।अब कहूँ नेता जी के जाय के बेर होथे ते बाँचे खुचे मिठई अउ नाश्ता ला फेर झोरथे।अउ कुड़ा करकट रद्दी ला उँहे फेक सब फुर्र हो जथे।सवाल अब मन मा ये उठत हे कि लोगन मन खाय पीये बर गेहे ते कचरा फइलाय बर, ते नेताजी ला सकल देखाय बर, ते फोटो खिंचाय बर।पेड़ लगाय के नाँव तो येकर बादे आही।फेर शुरू होथे पत्र पत्रिकाओं मा मनमाड़े पेड़ लगाय के रिकाड।दस पन्द्रही दिन बाद जाके देखबे ते कतको पेड़ ला गाय गरु छेरी पठरु मन हा खा डरे रहिथे।बाँचे रीथे सिर्फ अउ सिर्फ फोटो खिंचाय रहिथे तेन हा जतनिया के मोबाइल नइते फोटो एलबम मा सजा के फोटो ला रखे रहिथे।ये फोटो सेशन हा आज एक परथा अउ फेशन बन गेहे,काबर कि फोटो खिचाना बहुते जरूरी हे,तभे मनखे मन जानही अउ एक होड़ बने रइही पौधारोपण के।
हमन ला आज चाही बिना ताम झाम के अउ सीमित संसाधन मा भी वृक्षारोपण अभियान ला अमलीजामा पहिनाय के।जेकर से अवैया पीढ़ी बर एक सबक होवय अउ शुद्ध वातावरण के संग परयावन भी शुद्ध होवय।
✍️
विजेन्द्र वर्मा
नगरगाँव जिला-रायपुर

No comments:

Post a Comment