Wednesday 22 July 2020

संस्मरण-आशा देशमुख

संस्मरण-आशा देशमुख
दिल्ली के साँझ

ये घटना 2011 के हरे
जब मोर छोटे बेटी के कल्चर प्रोग्राम दिल्ली में रहिस।
एनटीपीसी स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम रहिस।
7 नवम्बर के।
एक सप्ताह पहिली ले उँहा रिहर्सल शुरू हो जाथे।
तब पहिली से ही सब लइका मन ल लेके मैडम सर मन चल देथे।
लइका मन संग कभू कभू माता पिता मन ल भी जाय के सहमति मिल जाथे, तब महुँ हर बेटी के साथ चल दे रहेंव।

हमन ल रुके बर गेस्ट हाउस मिले रहिस, उँहा सबो प्रकार के सुविधा रहय ,वो जगह अतका बड़े रहिस कि रोज आवन जावन तभो ले रद्दा भुलाय कस लागय।

दिन भर लइका मन के रिहर्सल होय अउ साँझ गेस्ट हाउस में आय के बाद येती ओती जगह घूमत रहेन।

अउ 7 नवम्बर के सिरी फोर्ड स्टेडियम में भव्य कार्यक्रम होवय।
ओखर बाद कम्पनी उत्साह वर्धन के लिए
पूरा भारत भर के आय लइका मन ल पुरस्कार वितरण करे
ओखर बर बड़े पार्टी के आयोजन करथे।

उही दिन सब लइका मन ला  8 बजे तैयार होके आयोजन जगह में पहुंचना रहय।
अचानक से बेटी ल दर्द के दवाई के जरूरत पड़गे।
हालाकि उँहा मेडिकल स्टाफ रहिस।
पर वो दवाई मोला मेडिकल से लाय बर बोलिन।

मेडिकल उहीच मेर रहिस पर ,
पर वो गेस्ट हाउस के चार दरवाजा होय के कारण में दूसर दिशा में चल देंव।
2 मिनट के मेडिकल स्टोर ह् मोला 45 मिनट में भी नइ मिलिस
कम से एक डेढ़ किलोमीटर  होगे चलत चलत।
मने मन सोंचव में कहां आ गएंव
वो रद्दा सुनसान रहय।
अउ बड़े बड़े कोठी बस दिखत रहय।
तभे एक लड़का  करीब 23 ,24 साल के रहिस होही वो मोटर साइकिल में आइस  हेलमेट लगाय रहिस ,अचानक गाड़ी रोकिस ,शाम के 7,30 बजे रहिस है अउ जाड़ भी रहिस अउ उजाला भी कम रहिस।
गाड़ी रोकिस अउ बोलिस कि आप एनटीपीसी गेस्ट हाउस से आय हव का।
तब में हव बोलेंव,
तब वो कहिस कि यही मेर से वापस हो जावव आगे बहुत खतरा है मेडम कहिके।
मोर तो हाथ पाँव डर के मारे काँपे लागिस।
अउ वो लड़का उही कर ले वापस होगे ,जेन रद्दा से आय रहिस उही डहर फेर चलदिस।
में वोकर से लहुट गएंव।
अउ भागत भागत गेस्ट हाउस पहुचेंव।
तब सांस में सांस आइस।
बाद में पता चलिस कि वो इलाका सही म खतरनाक है।

मोला अभी तक वो दिन ल सुरता करके घुरघुरासी लागथे।
अउ वो देवदूत कस लइका बर मन श्रद्धा से भर जाथे।
मोला आके बचाइस कहिके।

आशा देशमुख
एनटीपीसी जमनीपाली कोरबा

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