Wednesday 22 July 2020

समधी घर तीजा (संस्मरण)

समधी घर तीजा (संस्मरण)

      बहिनी बेटी मन ला बुढ़ात ले मइके मा तीजा जाय के सँउख हा कम नइ होवय। नाती नतरा आय के पाछू घलाव मइके जायबर सिधाय रथे। महिना पन्द्रही आगू ले मइके के शोर संदेश के बाट जोहत रहिथे। अइसने एक तीजा के सुरता मोला आवत हे। जादा दिन नइ होय हे।12 अगस्त 2001 आठे कन्हैया (जन्माष्टमी) के रात के 11बजे  मोर पहिलाँत बेटी के जनम होइस।जेखर छठ्ठी के कार्यक्रम 18 अगस्त के राखे रहेंन। सबो सगा सोदर ला नेवता पठोय रहेन।ससुरार मा घलाव नेवता पठोयेन।उहाँ ले संदेश आइस कि लुगरा पहुंचाय के नेंग बर सबो काकी, मामी , बड़ेदाई , डोकरी दाई, अरोसी परोसीन , फूफू मन आही।
      हमर बाबू (ददा) दाई मन एखर तियारी मा लग गे।मँय बड़े हरव ता उँखरबर ये पहिली कार्यक्रम रहय। छट्ठी के दिन बिहनिया के साँवर बनाय ,चाय पानी नास्ता के बेवस्था निपट गे।मँझनिया ले बेरढरती तक नेवथार अउ अरोस परोस मन के खवई पियई चालू रहिस। संझवती ससुरार ले एक मेटाडोर मा लुगरा अमराइया मन घलाव आगिन। आदर सत्कार भेंट पलगी पाछू जेवन पानी होगे।रतिहा रामायण के कार्यक्रम मा बइठिन अउ सुनिन। 10 बजे रातकुन बबाजात मन अउ कुछ सियनहीन मन मेटाडोर मा लहुटगे उँखरे संग हमरो कुछ उही रद्दा के सगा मन बइठ के लहुटगीन। हमर सास संग 10-12 झिन माई लोगिन रुके रहिन।रतिहा सबके सूते बइठे के बेवस्था होगे।
 19 अगस्त के बिहनिया सबोझन बर चहा पानी नास्ता के बेवस्था  होइस। मँझनिया के जेवन होगे अउ संझा सबोझन बर काली के बिदाई के सेती बरा, भजिया, सोंहारी, तसमई बनीस। भादो के महिना रहय, खाय पीये के के बेरा कोंढ़ा छनके बरोबर पानी शुरु होगे ।सबोमन ला जल्दी जल्दी खाय पीयेबर दीन। 10 बजे रात ले पानी रदरद रदरद गिरे के शुरु होगे।बाढ़े पानी हा बिहिनिया , मँझनिया तीन रात अउ दू दिन ले बिन अतरे गिरीस। सब जगा रोहों पोहों होगे।सबो डहर ले बस, अउ गाड़ी मोटर के आना जाना बंद होगे। आगू दिन 22 अगस्त के तीजा रहिस फेर कोनों मन जा नइ सकिन। 21 के संझाती मोर बाबू हा सबोझन ला कहिन कि एसो समधी घर तीजा मान लव रुक्खा सुक्खा जइसे बनही निपटाहू। हमरो बहिनी अउ डेड़सास मन हावय। काय काय जिनिस लागही ओखर बेवस्था मँय कर देवत हँव।
        कखरो करा कोई रद्दा नइ रहय ।सबोझन करुभात संघरा खाइन ,दूसर दिन उपास, तीसर दिन बिहनिया फरहार करिन।उही दिन आवाजाही शुरु होगे। मंझनिया मोर ससुर जी हा कमान्डर कार धरके आइस।उतरती बेर मा सबो सगा मन के सादर बिदई होइस।सबोझन इही काहत गइन कि ए तीजा हम सबला सुरता रही। मोर बेटी ला ओन्नाइस बच्छर पूरा होय बर जावत हे। ओ हा जब अपन महतारी संग तीजा जाय ता ओला ओखर आजीदाई (नानी)मन बड़ मीठ मीठ गारी देवय। तोर खातीर समधी घर तीजा माने बर परिस।आज ले वहू मन सुरता करथँय अउ तीजा पोरा बखत मोरो सुरता नइ भुलावय।

हीरालाल गुरुजी "समय"
छुरा, जिला- गरियाबंद

2 comments:

  1. बहुत सुग्घर गुरूजी

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  2. बड़ मीठ सुरता गुरू जी।बहुत बढ़िया ।

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