Friday 17 July 2020

आनलाइन पढ़ई अउ छत्तीसगढ़-हीरा गुरुजी समय

आनलाइन पढ़ई अउ छत्तीसगढ़-हीरा गुरुजी समय
(निबंध)

         शिक्षा अउ पढ़ई आदि काल ले चले आवत हे। सतजुग,त्रेता, द्वापर अउ अब कलजुग मा शिक्षा अउ पढ़ई  के महत्तम ला जाने समझे गे हावय। सतजुग मा देवगुरु बृहस्पति, नारद,सुरुज देवता अउ अबड़ अकन देवता मन ला गुरु के मान मिले रहिस।त्रेता मा भगवान राम घलाव गुरु घर पढ़ेबर गे रहिन।बाबा गोस्वामी तुलसीदास जी एला रामचरित मानस मा लिखे हावय " गुरुगृहँ गए पढ़न रघुराई, अलप काल सब विद्या आई" ।अइसने द्वापर मा घलाव भगवान किसन ,सुदामा  गुरु संदीपनी के आश्रम मा पढ़ेबर गय रहिन। बेरा बेरा के शिक्षा अउ पढ़ई मा फरक आवत गइस।पहिली जुग मा गुरु के घर चेला पढ़ेबर जावय अउ ज्ञान, विद्या पावय। आश्रय, गुरुकुल मन एखर डेरा रहय। पाछू राजा महराजा मन गुरु ला महल मा राख के अपन लइकामन  ला पढ़ावय।अजादी के पाछू सरकार हा शहर ,गाँव , पारा ,टोला मा बड़हर अउ गरीब सबो के लइका ज्ञान अउ विद्या पावय एखर बेवस्था करिन। आज घलाव शिक्षा अउ पढ़ई चलत हे जेमा विज्ञान के विकास हा जुड़गे हावय।पढ़ई मा मशीनरी ला संग मा धरे गे हावय।

          आनलाइन शिक्षा अउ पढ़ई माने जेमा विज्ञान के विकास के मशीन ला बउरे जावत हे। विज्ञान के आय ले शिक्षा अउ पढ़ई हा घातेच बाढ़िस हावय। कम्प्यूटर, प्रोजेक्टर के संगे संग अब मोबाइल,इन्टरनेट मा आनलाइन शिक्षा अउ पढ़ई होवत हावय।आनलाइन पढ़ई माने गुरुजी अपन घर मा रहिके पढ़ाही अउ पढ़इया लइका हा अपन घर मा बइठे रही अउ दूनो मन एक दूसर ला मोबाइल मा देख के अउ गोठ ला सुनके समझहीं।एखर बर कतको ठन एप बने हावय जेमा एक संग सौ, दू सौ ले आगर पढ़इया जुड़ के एके संग पढ़ई कर सकत हें।ए बूता हा पहिली मोबाइल संदेश, यूट्यूब, इन्टरनेट,दूरदर्शन, टीवी चैनल मा रिकार्डिंग ले होवत रहिस।आनलाइन हा वइसने होही जइसे खेल कूद, लालकिला के भाषण, कार्यक्रम मन ला संउहत देखाथे। आनलाइन पढ़ई बर गुरुजी करा अउ लइकामन करा मोबाइल अउ ओमा नेटवर्क होना चाही।वाट्साप विडियो मा जुड़थे ओइसने फेर वाट्साप मा अटक अटक के सुनाथे अउ एमा सरलगहा सुनाथे।

       देश भर मा आनलाइन शिक्षा अउ पढ़ई शुरु पहिली ले बड़े बड़े संस्था अउ स्कूल मा चलत रहिस हे फेर छत्तीसगढ़ मा सरकारी फरमान ले कोरोना महामारी बखत ले शुरु होइस। सरकार हा इस्कूल कालेज इंस्टीट्यूट ला बंद राखे के फइसला लेइन तब पढ़इया मन पढ़ई ले दुरिहाय झिन अउ ठलहा रहिके कोनों अलहन झिन करय कहिके ये उदिम करे गीस। सरकार हा जिला के, जिला हा ब्लाक के अधिकारी मन ला बोझा बोहाइस कि सरकारी अउ पराइवेट शिक्षा संंस्था मा प्राथमिक से कालेज तक के पढ़ाई आनलाइन करवावय।एखर बर एक योजना " पढ़ई तुँहर दुवार"लाय गीस।जेखर ले आनलाइन शिक्षा अउ पढ़ई चलत हे।

        आनलाइन पढ़ई मा एक होस्ट होथय जौन हा पढ़ईया गुरुजी के बेवस्था ला चलाथे।एखर पहिली एक हप्ता के दिन तिथी ला निकाल देथय जेमा कोन कोन गुरुजी हा कब कब अउ कतका बेरा अपन कोन विषय के कते पाठ ला पढ़ाही। सरेखे बर जौन दिन के पढ़ाई होथे ओकर एक दिन पहिली अउ उही दिन बिहनिया अउ संदेश पठो देथे। ओमा मोबाइल नंबर अउ बइठक नंबर नइते लिंक भेजे जाथे। एला पढ़इहा हा देख के अपन मोबाइल मा लिख के आनलाइन पढ़ई मा जुड़ जाथे।

        आनलाइन शिक्षा अउ पढ़ई के अबड़ फायदा हावय।एमा पढ़इया हा अपन घर मा बइठे बइठे पढ़ सकत है।बरसात मा ,गर्मी मा घलाव पढ़ई मा फरक नइ पड़य।कोनों अस्पताल मा भर्ती हे तभो पढ़े जा सकत हे।एक ले आगर गुरुजी के आनलाइन लिंक मा जुड़ के फायदा लेय जा सकत हे।गाँव गँवतरी आवत जावत कार बस अउ ट्रेन मा घलाव कक्षा मा रहे जा सकत हे जेखर ले पढ़ई के नकसान नइ होवय।बड़का बड़का संस्था मन फीस लेके विषय के गुनिक ज्ञानिक मन के सुबिधा देथें।जेखर ले पढ़इया ला अउ परीच्छा देवइया ला फायदा मिल सकत हे।

      आनलाइन शिक्षा अउ पढ़ई के फायदा के संगे संग नकसान घलाव हावय।सबले बड़का नकसान पइसा के हावय।एक घर मा तीन लइका हे तब तीन ठन एम्ब्राइड मोबाइल चाही।तीनों मा बैलेंस अउ रिचार्ज के खर्चा। संस्था मन फीस लेथय ओखर खर्चा। ए खरचा ला बड़हर अउ नउकरिहा मन तो पूरती कर डारही फेर छोटे अउ गरिबहा मन अपन लइका ला पढ़ा नइ सकय। दूसर नकसान ए हावय कि लइका हा मोबाइल मा सहीच मा पढ़त हे कि नहीं एखर हियाव नइ हो सकय। तीसर ए कि घातेच दिन ले मोबाइल मा लगे रहे ले आँखी मा कमजोरी अउ आँसू आय के समस्या हो सकत हे। कुरिया मा लइका ला पढ़ात गुरुजी हा देख सकत हे कि कोन धियान लगा के पढ़त हावय कि नइ फेर आनलाइन मा एखर हियाव नइ हो सकय। नेटवर्क समस्या ले कतको लइका जुड़ नइ पावय।अइसने किसम के अउ कतको नकसान हे।

            शिक्षा अउ पढ़ई पाय के बड़हर,गरीब सबला हक हावय।संविधान हा एला हमर मौलिक अधिकार बनाय हे। कहे जाथय ज्ञान कहूँ ले मिलय झोकना चाही। आनलाइन शिक्षा अउ पढ़ई एखर बढ़िया साधन हो सकत हे।सरकार हा घलाव एमा धियान देवत हावय।जिनगी मा पढ़ई के महत्तम तभे हावय जब हमन ईमानदारी ले पढ़ना सीखन।सरकार एखर बर नवा नवा उदीम करय कि बढ़हर के संगे संग गरीब ला आनलाइन पढ़ई के फायदा मिलय।


हीरालाल साहू "समय"

छुरा, जिला- गरियाबंद 

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