Friday 3 July 2020

पानी- चित्रा श्रीवास

पानी- चित्रा श्रीवास

पानी हे त जिनगी हे काबर कि बरसात के पानी ला पाके खेती किसानी होथे जेखर ले हमला खाय बर अन्न मिलथे। हवा पानी अउ भोजन ये तीन जिनिस जीये बर परानी बर परमुख हे।मनखे के देह मा सबले जादा मातरा मा पानी पाय जाथे। देह मा पानी के कमी से परानी ला पियास लगथे अउ पानी पीके वो अपन पियास बुझाथे जादा देर ले पानी नइ मिलय त मुँह सुखाय लगथे ।दस्त होय के बेरा डॉक्टर मन बार बार ओ आर एस. घोल मनखे ला पियाय के सलाह देथे तेकर सेती देह मा पानी के कमी नइ होवय।पानी के कमी ले परानी मर घलो जाथे।मनखे के जिनगी मा पानी के महत्तम बतात सुपरसिद्ध कवि रहीम दासजी कहे रहिन-
रहिमन पानी राखिये ,बिन पानी सब सून।
पानी गये ना उबरे,मोती मानुष चून।।
पानी पाके रुख राई मन सुग्घर बाढ़थे।रुख राई ले हमला जीये बर हवा(आँक्सीजन)के संगे संग खाये बर अन्न साग,भाजी फल घलौ मिलथे।भुइयाँ के तीन चौथाई भाग मा पानी हावय जेमा ले सिरिफ दस परतिसत पानी हा पीये के लाइक हे बाकी के पानी हा समुन्दर अउ महासमुन्दर मा जेला काम मा नइ लाय जा सकय।दिनों दिन बाढ़त परयावरन परदूसन के कारन  मौसम  मा घलो बदलाव आवत हे।न समय मा पानी गिरय न समय मा जाड़ परय।कहूँ सुक्खा परथे त कहूँ बाढ़ मा गाँव घर बोहा जाथे।माघ फागुन ले पेयजल समस्या होय लगथे जेहा जेठ बइसाख मा विकराल हो जथे।पीये के पानी के ये तार कमी के कारन हमर लापरवाही ये।गली मोहल्ला कंक्रीट के बने के कारन बरखा के पानी भुइयाँ सोख नइ पाय अउ नाली नरवा नदिया ले होके समुन्दर मा मिल जाथे।जघा जघा बोर करके भुइयाँ के भीतरी के पानी ला घलो दुह डारत हन ।अब पहिली जइसे कुआँ, बावली घलो नइहे ।कोनो कोनो जघा तलाव बाँच गय हे तेहा बेजा कब्जा अउ परदूसन के मार झेलत हे ।अइसन मा हमला हमर भुइयाँ के भीतरी के पानी के स्तर ला बढ़ाय बर परही।"रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम ला अपनाय बर परही।येमा छत के पानी ला पाइप दुवारा भुइयाँ के अंदर डारे जाथे जेखर बर अलग अलग तरीका अपनाय जाथे।
       आवव हम सब झिन संकल्प करीन के बरसात के पानी ला फोकट नइ बोहाय देवन। वाटर हार्वेस्टिंग ला अपनाबो अउ हमर नवा पीढ़ी ला बिन पानी के नइ राखन।बल्कि सप्फा पानी के सौगात देवन।

चित्रा श्रीवास
बिलासपुर छत्तीसगढ़

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