Friday 3 July 2020

इंसानियत के लाश -चोवा राम वर्मा बादल

इंसानियत के लाश -चोवा राम वर्मा बादल

जेठ के महिना रहय। गाँव के निकलती के बड़े तरिया म भइँसा ल बूड़ो के, पार के बरतरी बइठे-बइठे अवइया जवइया मन ल देखत रहेंव।कोनो कुछु काहय ,ठलहा समे म कोनो पान ठेला म, नहीं ते कोनो होटल म पेपर पढ़त बइठे सड़क म चलत आनी बानी के गाड़ी घोड़ा अउ मनखें मन ल  टुकुर-टुकुर देखे म मोला घातेच नीक लागथे।
   मोर देखते देखत कई ठन बस, मोटर, कार, ट्रक, टेक्टर अउ कतको फटफटी कोनो गरगरावत त कोनो फरफरावत त कोनो खड़बड़ावत, नहाँकगें।उही बीच एक ठन बड़े डाला के ट्रक आवत दिखिच। मोर देखते देखत वोहा मनमाड़े बोंबिया के हारन बजावत चरचरा के खड़ा होगे। का देखथवँ  ओती उल्टा दिशा ले एक झन फटफटी वाला ह मनमाड़े स्पीड मा लहरावत आके खड़े ट्रक म फटाक ले टकराके सड़क म फेंकाके छटपटाये ल धरलिच। मोर आँखी झम ले मुँदागे अउ दू मिनट बर होश गायब होगे। चेत आइच त दउँड़ के गेंव। जात ले ड्राइवर अउ कन्डेक्टर दूनों उतर गे राहयँ।ड्राइवर ह हाथ जोर के मोला कहिच-- देख भइया तैं  गवाही रहिबे।ए दुर्घटना म मोर कोनो गलती नइये। में तो ए फटफटी वाला  ल दूरिहा ले लहरावत आवत देख के, अपन ट्रक ल खड़ा कर दे रहेंव।उही जबरदस्ती आके झपागे।पछीना म तरबतर  कंडक्टर  ह ड्राइवर के कान म  कुछु कहिच अउ खार कोती पल्ला उठ परागे। मोला लागिच एहू ल भागे बर काहत रहिच।  अच्छा मौका रहिसे , ड्राइवर घलो चाहतिच त भाग सकत रहिसे। फेर वाह रे इंसान ।अपन जान ल जोखिम म डारके , खून म लदफदाये ,वो गिरे  नौजवान ल बचाये के उदिम करे लगिच। अपन लुहँगी ल चीर के वोकर कुचकुचाये  फाटे  मूँड़ी म बाँधिच। नाक कान के बोहाये  लहू ल पोंछ के, पानी छींच के, ओला होश म लाये बर हलाइच डोलाइच। फेर माटी होय  तन म जान कहाँ ले आतिच। वो नवजवान मरगे राहय। दसे बीस  मिनट म अवइया जवइया  मन के भींड़ जुरियागे। बस्ती तीर म होय घटना,  देखते देखत मनखें मन के रेला लगगे। भीड़ ह ड्राइवर ल औंखर -औंखर गारी देवत, अउँहा-झउँहा कुचरे ल धरलिच।  बेचारा ह कतको के पाँव तरी गिरके विनती करिच कि- मोला झन मारव।मैं मना करते रहिगेंव।कहिते रहिगेंव कि एकर कोनो गलती नइये। फेर कोनो कान नइ दीन।उल्टा दू चार झन टूरा मन मोरे बर रोमहियाके,धक्का-मुक्की करे ल धरलीन।भूँसा भरे ट्रक म आगी लगादीन। अचानक वो भींड़  में के अनचिन्हार एक झन मनखे ह उबाके डंडा ड्राइवर के मूड़ी ल मारके उठ परागे।   ड्राइवर के मुँह ले हे दाई निकलीच अउ वोहा  कटाये पेंड़ कस धड़ाम ले गिरगे।मोर आँखी फेर झम ले मुँदागे। चेत अइच त  देखेंव, वो मेर मोर सिवाय कोनो नइयें। सड़क मा भरभर भरभर बरत  ट्रक अउ दू ठन लाश  परे हे। एक ठन वो नौजवान के जेकर फटफटी के डिक्की म आधा भरे दारू के बोतल हे अउ  दूसर इंसानियत के लाश जेन ड्राइवर के आय।

चोवा राम 'बादल'
हथबंद, छत्तीसगढ़

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