Wednesday 22 July 2020

(संस्मरण) मोर सोये ले ककरो भला होंगे*

(संस्मरण) मोर सोये ले ककरो भला होंगे*

             मँय पहली कॉपरेटिव सोसाइटी में काम करत रहेंव त हर तीन महीना मा हमर ओरेशन ट्रेंनिग अहमदाबाद मा रहय। उहि समय मोर साथ कई ठन घटना घटित होय हावय। आज उहि घटना मा एकठन घटना ला बतावत हव। ट्रेनिग खत्म होय के बाद अहमदाबाद रेलवेस्टेशन से चाम्पा रेलवेस्टेशन तक के वापसी के टिकिट रहिस हावय। ट्रेन ले यात्रा करबे त चाम्पा पहुँचे मा अनुमानित 26 से 27 घण्टा लगथे यानी 12 बजे चढ़बे त दुसरैया रात के दू तीन बजे चाम्पा मा उतरबे।  ट्रेन 12 बजे रात के आइस अउ ओमा मँय चढ़गेव अउ अपन आरक्षण सीट में जाके सोगेंव। आरक्षण में इहि फायदा रहिथे की भीड़ भाड़ से दूर अउ सीट हा पोगरी रहिथे ओमा दूसर कोनो नई बैठ सके। आरक्षण सीट मा आराम करत मजा लेवत कब दुसरैया दिन पहागे पता नई चलिस अउ मँय अपन सीट मा फेर सो गेंव। रात में उतरना हे कहिके आधा नींद मा सोय ला पड़य। दुर्ग आइस त झकनाके उठेंव  येती ओती ला देखेंव अउ दुर्ग आहे कहिके फेर सो गेंव। थोकुन बाद फेर उठेंव कहाँ खड़े हवय कहिके खिड़की ले देखेंव त बिलासपुर मा गाड़ी ला खड़े पायेंव अउ अभी टाइम हावय कहिके फेर सोगेंव अउ मोर नींद लग्गे। मोर नींद खुलत थे त झकनाके के उठत अउ खिड़की ले देखथव रात के अंधियार मा कुछु नई दिखय, अपन मोबाइल ले लोकेशन चेक करथव त पता चलथे की रायगढ़ आने वाला हवय मोर जीव छटाक भर होंगे। मोर सबो नींद गायब होंगे अउ उत्ता धुर्रा सबो चीज मन ला समेट के पकड़ेेंव अउ ट्रेन के दुवारी मेर गेंव। रायगढ़ स्टेशन आइस अउ उहे उतरेंव, उतरते ही टी टी आई पकड़लिस अउ टिकिट दिखाय ला बोलथे टिकिट दिखाथंव त कहिथे येहर चाम्पा तक  हावय  चालान भरे ला परही। टी टी आई महोदय ला बतायेंव की मोर नींद पड़गे रहिस हावय त चाम्पा कब आइस पता नई चलिस अउ उठे हव त रायगढ़ आगे रहिस। टी टी आई बाबू बोलथे चल वापसी के टिकिट लेबे त छोड़हू, मँय वापसी के टिकिट लेंव त छोड़िस। अपन समान मन ला धरके चार बजे रात के प्लेट फॉर्म दू मा आके बैठेंव अउ फेर आराम से लेट के सोय ल धर ले हव। अचानक एकझन सुघ्घर गोरी नारी टूरी मोर कन आके बैठ गे मँय डर गेंव एतका रात के कोनो नइहे कहूँ ये परेतिन थोड़े हरे या ए मोला फसाना चाहत थोड़े हावय मँय उठेंव अउ डरात मुँह ला धोय ल चल दे हव। मुँह ला धोके आके बैठेंव त लड़की रोवत बोलत थे भैया ओ मेर मँय बैठे रहेंव त तीन झन टूरा मन आके मोला परेसान करत रहिस हावय इहाँ ले बाहर जाये ल कहत रहिस हावय। बिचारी हा अपन आप बीती ल बतावय अउ रोवय मोला तँय भला लगे हस ता तोर करा आके बइठे हव।  मँय चुप कराके ओला ओ टूरा मन मेर लेंगे ला बोलेंव टूरा मन आवत देखे आगू  डहर भाग गे। टूरी में पूछेंव तँय इहाँ अतेक रात के कइसे आय हस कहिके त बताइस मँय रायपुर मा हॉस्टल में रहिके नर्सिंग कॉलेज करत हव, छुट्टी रहिस त घर आवत रहेंव गलती से लोकल के जगह में सुपरफास्ट में बैठगेंव अउ ओहर शक्ति में नई रुकिस, जेकर कारण ले मँय इहाँ रायगढ़ में आगेंव मोला लेगे बर मोर बाबूजी आय रहिस होही अउ मोला नई पाके घर के मन तको परेशान होही मोर मोबाइल बन्द होगे  हावय। मोर मोबाइल से घर मा बात करिस अउ आवत हव कहिके बताइस गलती से मँय चाम्पा में आगे हव वापसी बर ट्रेन नई रहिस त इहे रुक गे हव बोलिस। ओकर चेहरा मा थोड़ा मुस्कान आइस अउ हमर ट्रेन तको आगिस दूनोझन ट्रेन में चढ़ेन अउ थोड़ा दूर बात चाय वाले आइस चाय पीयेंन शक्ति स्टेशन आइस त टूरी हाथ जोड़ के धन्यवाद कहिस अउ मोला बहुत खुसी होइस अउ भगवान ला धन्यवाद देहत सोचेव मोर सोये ले ककरो भला होंगे। 
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा

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